निशाने पर काशी विश्वनाथ?
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

निशाने पर काशी विश्वनाथ?

by
Jan 29, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 29 Jan 2018 13:04:52

 

काशी विश्वनाथ मंदिर से 100 मीटर की दूरी पर जमीन के नीचे गुपचुप तरीके से हो रहे अवैध निर्माण से मचा हड़कंप। लोगों को शंका है कि इस निर्माण के रास्ते मंदिर के विरूद्ध  एक बड़ी साजिश रची जा रही थी

 

 

सुनील राय, लखनऊ से

वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर से केवल 100 मीटर की दूरी पर भूमि के नीचे अवैध निर्माण की जानकारी मिलने से लोग चकित हैं। मंदिर के पास जमीन के अंदर एक फुटबॉल मैदान के बराबर का निर्माण हो चुका है। फिलहाल इस निर्माण को रोक दिया गया है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या अवैध निर्माण करने वालों के निशाने पर बाबा विश्वनाथ का मंदिर तो नहीं था? लोगों की इस आशंका को सिरे से खारिज भी नहीं किया जा सकता है। काशी विश्वनाथ मंदिर और उसके आसपास का क्षेत्र अति संवेदनशील  है। इसलिए वहां 24 घंटे कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था रहती है। इसके बावजूद वहां के कुछ स्थानीय मुसलमान इस निर्माण का दायरा बढ़ाने में लगे रहे। इसलिए यह कोई साधारण मामला नहीं है।  
दाल मंडी के नीचे यह निर्माण कई वर्षों से चल रहा था। लेकिन इसकी भनक न तो पुलिस को लगी, न वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को और न ही खुफिया एजेंसियों को। अब पुलिस आशंका व्यक्त कर रही है कि यह निर्माण आपराधिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया जा रहा था। इसका खुलासा तब हुआ जब वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर.के. भारद्वाज करीब आधी रात के समय थाना चौक पहुंचे। इसी थाना क्षेत्र में दाल मंडी है। बताया जाता है कि यह दाल  मंडी 100 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है। भारद्वाज ने कुछ समय पहले काशी विश्वनाथ मंदिर के आस पास हुए अतिक्रमण को हटाने का आदेश दिया था। वही देखने के लिए वे वहां पहुंचे थे। उन्होंने देखा कि मस्जिद के सामने बने एक मकान के भूतल में रोशनी हो रही है। जब उसके अंदर गए तो वे दंग रह गए। वे आगे बढ़ते रहे और वहां के निर्माण को देखकर उनका आश्चर्य भी बढ़ता गया।  लगभग 8,000 वर्ग फुट क्षेत्र में यह अवैध भूमिगत निर्माण हुआ है। उस निर्माण को देखकर लगता है कि जमीन के नीचे एक शहर बसाने की योजना थी।
आशंका यह भी जताई जा रही है कि इस अवैध निर्माण के सहारे किसी बड़ी घटना के लिए आधार तैयार किया जा रहा था। लगता है कि इस अवैध निर्माण में स्थानीय लोगों के साथ-साथ प्रशासन से जुड़े लोगों की भी मिलीभगत है। यदि ऐसा नहीं है तो स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से क्यों नहीं की? ऐसा तो नहीं हो सकता कि इतना बड़ा निर्माण हो जाए और स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी नहीं होगी। इस निर्माण के लिए जमीन के अंदर खुदाई की गई और उसकी मिट्टी भी बाहर की गई। लाखों टन मिट्टी को कहीं तो खपाया गया होगा! बेशक यह काम एक समूह से जुड़े कुछ लोगों ने किया होगा, लेकिन आम लोगों की नजर से तो यह बच नहीं सकता था। इसलिए स्थानीय लोग भी शक  के घेरे में हैं। वाराणसी विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारी भी इस मामले में शक के दायरे में हैं। प्राधिकरण के अवर अभियंताओं की जिम्मेदारी है कि वे दिन में अपने इलाके में  घूमें और देखें कि कहीं ऐसा निर्माण तो नहीं हो रहा है, जिसके लिए प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत न कराया गया हो। प्राधिकरण के अवर अभियंता र्इंट, बालू, सरिया, सीमेंट आदि की दुकानों से हो रही खरीद के आधार पर पता कर लेते हैं कि किस क्षेत्र में निर्माण के लिए सामग्री ले जाई जा रही है। इसलिए इस मामले में प्राधिकरण के अवर अभियंताओं के पास भी कोई स्पष्टीकरण नहीं है। या तो वे लोग इस साजिश में शामिल हैं या फिर अपने काम को ठीक से नहीं कर रहे हैं। यही दो बातें हो सकती हैं।  
यह मामला  प्रकाश में आने के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्थानीय पुलिस को जमकर फटकारा और  इसकी विस्तृत  रपट तैयार करने के लिए कहा है।  इसके साथ ही नगर निगम और वाराणसी विकास प्राधिकरण को इस षड्यंत्र की सूचना भिजवाई गई। सुरक्षा एजेंसियों के भी कान खडेÞ हो गए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर कोई हादसा होता तो पूरा बाजार धराशायी हो जाता। मौके का मुआयना करने के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष राजेश कुमार ने  इस निर्माण कार्य को बंद करा दिया और उस क्षेत्र के दो अवर अभियंताओं को निलंबित कर दिया। उन्होंने यह भी कहा है कि जल्दी ही अन्य दोषियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार यह निर्माण 2012 में शुरू किया गया था पर जानकारी होने पर 2012 में ही वाराणसी विकास प्राधिकरण  ने इसे बंद करा दिया था, साथ ही इसे ध्वस्त करने का भी आदेश दिया था। इसके बावजूद प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की और निर्माण को तोड़ा नहीं गया। नतीजा यह हुआ कि कुछ ही समय बाद रात में अवैध ढंग से निर्माण जारी रहा और लगातार छह साल तक रात में निर्माण कार्य किया गया। वाराणसी विकास प्राधिकरण से प्राप्त जानकारी के अनुसार 2012 में निर्माण कार्य को बंद कराने के आदेश देने के बाद भवन स्वामी ने उक्त आदेश के खिलाफ  मंडलायुक्त के यहां अपील की थी। तब से यह प्रकरण  मंडलायुक्त के यहां लंबित है।
मंडलायुक्त नितिन  रमेश  गोकर्ण  का कहना है कि इस मामले में कोई स्थागनादेश नहीं दिया गया है। हां, मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता द्वारा  तारीख ले ली गई थी। मामले में नौ तिथियां ऐसी थीं,  जिनमें अधिवक्ता न्यायिक कार्य से दूर रहे। इसलिए कोई स्थागनादेश दिया ही नहीं गया। इस स्थिति में वाराणसी विकास प्राधिकरण को अपना काम करते हुए निर्माण को ध्वस्त कर देना चाहिए था।  
वहीं दूसरी ओर वाराणसी विकास प्राधिकरण  के उपाध्यक्ष राजेश कुमार  दबी जुबान से इस मामले में विभाग की मिलीभगत को स्वीकार कर रहे हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आर. के.  भारद्वाज ने बताया कि निर्माण कराने वाले मंसूर अहमद, शमसेर आलम, शाहिद अली, लईक, आलिया, सायरा बानो एवं फरजान के खिलाफ प्रथम सूचना रपट (एफ. आई. आर.) दर्ज की गई है। इनमें से शाहिद एवं लईक को जेल भेजा जा चुका है। अन्य अभियुक्त फरार हैं। उनको पकड़ने के लिए जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। अब  इस मामले की गहन जांच जरूरी है। एक संवेदनशील जगह पर इस तरह के निर्माण का असली उद्देश्य क्या है, यह देश को बताना ही चाहिए।     ल्ल

सपा शासनकाल के समय का है यह निर्माण’

अवैध निर्माण के संबंध में वाराणसी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के सूचना  राज्य मंत्री  डॉ. नीलकंठ तिवारी से  हुई बातचीत के अंश-

चर्चा है कि जिस तकनीक से निर्माण किया जा रहा था, वह पेचीदा तकनीक है?
इस तरह का निर्माण तो गहन तकनीकी जानकारी के बिना हो ही नहीं सकता, लेकिन यह तकनीकी कहां की है, और कौन-कौन लोग इस ‘प्रोजेक्ट’ में जुड़े थे यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा। यह भी जांच की जाएगी कि इसके लिए पैसा कहां से आ रहा था।

कानून को धता बता कर निर्माण किया जा रहा था। इस पर क्या कहना चाहेंगे?
पिछली सपा सरकार के समय इस निर्माण की शुरुआत हो गई थी। अब जैसे ही इसकी जानकारी   पुलिस कप्तान को हुई, उन्होंने तुरंत निर्माण बंद करवाया। इस मामले में कुछ लोग जेल भी भेजे जा चुके हैं। पुलिस सख्ती के साथ अपना काम कर रही है। भरोसा रखिए, कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा।

क्या इस निर्माण के पीछे कोई षड्यंत्र हो सकता है?
   यदि कोई षड्यंत्र होगा तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। वैसे काशी तो जिहादियों के निशाने पर पहले से है। संकट मोचन मंदिर और कचहरी परिसर में बम विस्फोट हो चुके हैं। इसलिए बनारस संवेदनशील क्षेत्र है। इस नजरिए से भी मामले की जांच होगी।

 बी.एच.यू. के विशेषज्ञ करेंगे जांच
इस अवैध निर्माण की जांच काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ करेंगे। विशेषज्ञों की राय के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।  इस मामले के सामने आने के बाद वाराणसी के जिलाधिकारी ने पांच विभागों का एक दल गठित किया है। यह दल वाराणसी के सभी क्षेत्रों  का सर्वेक्षण करेगा और पता लगाएगा कि कहां-कहां बहुमंजिली इमारतें बनाई गई हैं और उनमें किस तरह की गतिविधियां चल रही हैं। यह भी जांच की जाएगी कि कितने भवनों में भूतल बने हुए हैं। इस दल में प्राधिकरण, राजस्व और नगर निगम के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों को शामिल किया गया है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies