समाज बांटने की नक्सली साजिश
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

समाज बांटने की नक्सली साजिश

by
Jan 15, 2018, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 15 Jan 2018 11:11:10

राजनीतिक एजेंडे पर समाज को बांटने की खतरनाक साजिश को बेनकाब करना वक्त की मांग

डॉ. गोविंद कल्याणकर

लोकतंत्र  को नकारते हुए राजनीतिक फायदे के लिए एक नव नक्सलवाद का खतरनाक खेल शुरू हुआ है। सत्ता के बाहर बैठे बेचैन कांग्रेसी, हिंदुत्व के प्रति बढ़ते समर्थन से बौखलाए साम्यवादी, भारत में कन्वर्जन में शामिल विदेशी ताकतें हैं।  कोरेगांव-भीमा के संघर्ष के बाद सामने आए तथ्य इसी ओर इशारा कर रहे हैं। महाराष्ट्र को झुलसाने का खतरनाक खेल जिस तरीके के खेला गया उसे देखते हुए अब और सतर्क रहने की जरूरत है।
कोरेगांव-भीमा घटना से दो दिन पहले पुणे में एक यलगार परिषद का आयोजन शनिवार वाडा पर किया गया था। इसका आयोजक था कबीर कला मंच! मंच के शीतल साठे, माले जैसे कार्यकर्ताओं को कई साल पहले नक्सलवादियों से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कई दिनों से यह गुट कला के नाम पर समाज को माओवादी सोच की तरफ ले जाने में जुटा है। यलगार परिषद में गुजरात में भाजपा के विरुद्ध दुष्प्रचार में लगे जिग्नेश मेवानी, प्रकाश आंबेडकर थे, जेएनयू में ‘भारत तेरे टुकडेÞ होंगे’ नारे लगाने का आरोपी उमर खालिद, मराठाओं को हिंदू धर्म से अलग करने में जुटे गुट के बी. जी. कोलसे पाटिल और रोहित वेमुला की मां जैसे लोग थे।
जिग्नेश मेवानी, हर्षद पटेल और अल्पेश मेहता गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ थे। इनकी सहभागिता से प्रधानमंत्री मोदी को पराजित करने का सपना राहुल गांधी देख रहे थे। उन्हें वहां मुंह की खानी पड़ी, अब महाराष्ट्र में यही कोशिश हो रही है। क्या इसी हेतु कोरेगांव-भीमा का षड्यंत्र रचा गया और उसे अंजाम दिया गया? कबीर कला मंच द्वारा यलगार परिषद का आयोजन करना और उस परिषद में जिग्नेश मेवानी का भडकाऊ भाषण इसी ओर इशारा करता है। कोरेगांव में 1818 में जो लड़ाई हुई थी वह तो अंग्रेज और तत्कालीन हिंदवी स्वराज्य की सेना में हुई थी। लेकिन अंग्रेजों ने इस युद्ध का विजयस्तंभ बनाकर उस जीत को अंग्रेज सेना में सम्मिलित ‘महार सैनिकों की पेशवा पर विजय’ बताया। अंग्रेजों द्वारा फूट डालने के लिए फैलाए इस भ्रम की आड़ में यलगार परिषद का आयोजन किया गया था। वास्तव में यह युद्ध पेशवा की हार से ज्यादा भारतवर्ष की हार का प्रतीक है। यलगार परिषद को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी ने कहा, ‘हम दूसरे विधायकों के जैसे केवल विधान सभा में ही सवाल नही पूछेंगे। नव पेशवा से इस लड़ाई को अगर       हमें जीतना है, तो कोरेगांव-भीमा संघर्ष को आगे ले जाना है। एक वर्ग का दूसरे वर्ग पर शासन सड़कों पर लड़ने से     खत्म होगा।’
कोरेगांव-भीमा घटना की पूर्वसंध्या पर यह भाषण क्या सड़कों पर लोकतंत्र, सामाजिक शांति को पलीता लगाने की साजिश नहीं थी? घटना होने के कुछ ही समय बाद संभाजी भिडेÞ और मिलिंद एकबोटे जैसे हिंदुत्वनिष्ठ संगठन के लोगों के नाम किस आधार पर और किसने उछाले? क्या यह भी इस षड्यंत्र का हिस्सा है? क्या यह हिंदुत्व को कटघरे में खड़ा करने की साजिश है? अगले दिन प्रकाश आंबेडकर ने महाराष्ट्र बंद का आयोजन कर सड़कों पर पत्थरबाजी करवाकर इस साजिश की दूसरी कड़ी को अंजाम दिया। प्रकाश आंबेडकर का एजेंडा मोदी सरकार में शामिल दलित नेता रामदास अठावले का समर्थन घटाकर खुद को महाराष्ट्र का सबसे बड़ा दलित नेता साबित करना है। रोहित वेमुला की आत्महत्या को राजनीतिक मुद्दा बनाने में सक्रिय कम्युनिस्टों ने इस शहरी नक्सलवादी साजिश में वेमुला की मां को भी शामिल किया। एक अंग्रेजी समाचारपत्र में प्रकाश आंबेडकर का एक लेख प्रकाशित हुआ है। उसमें उन्होंने महाराष्ट्र के वारकरी संप्रदाय को वेदों के नाम पर हिंदुत्व से तोड़ने वाली बात लिखी है। औरंगाबाद में कुछ लोगों ने बौद्ध भिक्षुओं की एक रैली निकलवाकर हिंदुत्व पर कीचड़ उछालने की कोशिश की। राजनीतिक स्वार्थ के लिए समाज को बांटने का यह षड्यंत्र खतरनाक है। इतिहास के तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना, विचारों की लड़ाई विचारों से लड़ने के बजाय सड़कों पर हिंसा फैलाना आदि जघन्य अपराध है। जरूरत है ऐसे तत्वों का नकाब उतारकर उनका असली चेहरा समाज के सामने लाया जाए।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies