|
गाजियाबाद में 14-17 दिसम्बर को हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला आयोजित किया गया। उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी हंसदेवाचार्य जी महाराज उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हिन्दू एक विचार और संस्कृति है। व्यक्ति जब विचारवान होता है, संस्कारित होता है तो परिवार, समाज एवं देश को सम्भाल लेता है। इस विचार और संस्कार के कारण ही हिन्दुओं ने सदैव मानव से लेकर पशु-पक्षी सभी को एक ही भाव से देखा है। कार्यक्रम में उपस्थित हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान के अखिल भारतीय समन्वयक श्री गुणवन्त कोठारी ने भारत को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिये कुछ सिद्धांतों पर अमल करने की सलाह देते हुए कहा कि देश को अगर आगे ले जाना है तो हम सबको मिलकर इसे संवारना होगा और इसकी चिंता रखनी होगी। मेले में दूसरे दिन शिक्षकों एवं गुरुजनों के प्रति आदरभाव की परम्परा को पुनर्स्थापित के लिये आचार्य वन्दन कार्यक्रम हुआ, जिसमें 150 विद्यालयों के विद्यार्थियों द्वारा 840 गुरुओं का पूजन किया गया एवं
क्रीड़ा भारती के नेतृत्व में ओलम्पियन सत्यदीप (तीरंदाजी), मनोज, गुरुदेव (एथेलिटिक्स), हरिदत्त (संगीत), गणेश दत्त (संस्कृत) आचार्य आदि विभिन्न विधाओं के गुरुओं का उनके शिष्यों द्वारा पूजन किया गया। मेले के समापन पर देश की रक्षा के लिये अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाले वीर सैनिकों का स्मरण करते हुए परम वीर वन्दन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। शहीद गुरजिन्दर सिंह, मेजर मोहित शर्मा, कैप्टन देवेन्द्र सिंह के परिवारजनों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित श्री मनिन्दर जीत सिंह बिट्टा ने कहा कि सबके मन में राष्टÑ प्रथम का ही भाव होना चाहिये। मातृभूमि अगर मजबूत रहेगी तो कहीं कोई आतंकवाद नहीं हो सकता। आजादी के बाद राजनीति को मनोरंजन का साधन बनाकर रख दिया गया। आज फिर से सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओं की आवश्यकता है। मेले में विभिन्न विद्यालयों द्वारा सांस्कृतिक एवं देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रमों की प्रस्तुति के साथ ही श्री मनोज जोशी द्वारा प्रस्तुत चाणक्य नाटक ने सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
(विसंकें, गाजियाबाद)
‘बच्चों को बताएं जीवन मूल्यों का महत्व’
गत 17 दिसंबर को नई दिल्ली में समर्थ शिक्षा समिति, पश्चिमी विभाग द्वारा संचालित समस्त संस्कार केंद्रों का वार्षिकोत्सव कार्यक्रम हर्षोल्लास से लाल सरस्वती बाल मंदिर, हरिनगर प्रांगण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता समर्थ शिक्षा समिति, पश्चिमी विभाग के अध्यक्ष श्री जगज्योति जैन ने की। मुख्य अतिथि के रूप में उपसचिव करनैल सिंह ने बच्चों में नैतिक शिक्षा के विस्तार पर प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित दिल्ली प्रांत संस्कार केंद्र के प्रमुख श्री नरेन्द्र ने कहा कि संस्कार केंद्रों के माध्यम से सेवाबस्तियों के बच्चों में संस्कार, शिक्षा, स्वाभिमान और जीवन मूल्यों के बारे में उन्हें बताना है। कारण ऐसे बच्चों का ठीक ढंग से लालन-पालन नहीं हो पाता। क्योंकि उनके माता-पिता छोटे-मोटे काम करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ऐसे में इन बच्चों पर उनका ध्यान नहीं जाता और वे गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं। इसलिए हम सभी को संस्कार केंद्र के माध्यम से ऐसे बच्चों के अंदर जीवनमूल्य विकसित करने हैं। इस अवसर पर 11 संस्कार केंद्र के बच्चों द्वारा विभिन्न प्रकार के मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। प्रतिनिधि
‘सेवा क्षेत्र में आंदोलन की आवश्यकता’
‘‘भारतवर्ष के सेवाभावी इतिहास को धता बताकर सेवा के नाम पर छलावा करने वाली विदेशी धन पर पोषित मिशनरियों ने न केवल देश के खिलाफ कार्य किया, बल्कि अपने गुप्त एजेंडे के तहत कन्वर्जन का कुचक्र भी चलाया। जबकि राष्ट्रीय सेवा भारतीय एवं रा.स्व.संघ के कार्यकर्ता निरन्तर विपदा की स्थितियों में, वनवासी क्षेत्रों में पिछड़ों और वंचितों के मध्य निस्वार्थ भावना से सेवा कार्य कर रहे हंै और ऐसी राष्टÑद्रोही संस्थाओं का डटकर मुकाबला कर रहे हैं।’’ उक्त बातें राष्ट्रीय सेवा भारती के सहमहासचिव श्री सुधीर ने कहीं। वे गत दिनों उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग की वेबसाइट ‘सेवागाथा’ के लोकार्पण कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित नगर महापौर श्री सीताराम जायसवाल ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक निस्वार्थ भाव से भारत माता के प्रति अनथक अपने दायित्वों का निर्वाह करते रहते हैं। भारतवर्ष की सांस्कृतिक थाती को संरक्षित करने में ऐसे असंख्य कर्मयोगियों का योगदान रहा है, जिन्होंने देश-समाज के लिए अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। इस अवसर पर सेवागाथा के प्रभारी श्री प्रमोद सिंह बिष्ट ने वेबसाइट के विषय में संक्षिप्त जानकारी दी और उपस्थित कार्यकर्ताओं से इसके बारे में जन-जन तक इसे पहुंचाने की अपील की। मंचस्थ अतिथियों का स्वागत एवं परिचय सेवा भारती के प्रांत प्रमुख डॉ. राकेश सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर समविचारी संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। (विसंकें,गोरखपुर)
पंचतत्व में विलीन हुए सुब्बाराव जी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सुब्बाराव का गत 20 दिसंबर को कोयंबतूर में निधन हो गया। वह छह दशक से भी अधिक समय से संघ प्रचारक के रूप में समाज का कार्य कर रहे थे। चेन्नै में जन्मे सुब्बाराव जी संघ के संपर्क में आने से पहले एक सरकारी विद्यालय में गणित के अध्यापक थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने विद्यालय से त्यागपत्र देकर अपना संपूर्ण जीवन संघ कार्य को समर्पित कर दिया। इस दौरान वे तमिलनाडु के सभी विभागों में प्रचारक रहे और संस्कार भारती से भी जुड़े रहे। वे छह साल से भी अधिक समय तक हरियाणा में भी रहे। उनका जोर सदैव स्वदेशी दर्शन पर रहता रहा था। उनका मानना था कि किसी भी व्यक्ति के जीवन, रहन-सहन में स्वदेशी का भाव रहना ही चाहिए। उनके निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं समविचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
टिप्पणियाँ