देश के निर्माण में जनजातीय समाज का अहम योगदान
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देश के निर्माण में जनजातीय समाज का अहम योगदान

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Nov 6, 2017, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 06 Nov 2017 10:11:56

''देश के निर्माण में जितना सभ्य समाज का योगदान है, उतना ही जनजातीय समाज का भी है।'' उक्त बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कही। वे पिछले दिनों रांची के होटवार स्थित खेलगांव के बिरसा स्टेडियम में प्रज्ञा प्रवाह की गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पश्चिम की अवधारणा के अनुरूप हम अपने राष्ट्र को नहीं देख सकते। उनकी अवधारणा अलग है। भारत में राष्ट्र मनुष्य को कर्म की प्रेरणा देने वाली इकाई है। राष्ट्रीयता की भावना से ही लोगों में एकता आती है। आज देश में पहचान और अस्मिता को लेकर अनेक प्रश्न खड़े हो रहे हैं। ये प्रश्न जान-बूझकर खड़े किए जा रहे हैं। लेकिन अपने देश में कई अस्मिताओं के लोग साथ-साथ रहते आए हैं। कहीं कोई विरोध नहीं। राष्ट्र के लिए अस्मिता बाधक नहीं है।     -प्रतिनिधि

विश्व में तेजी से फैल रही भारतीय संस्कृति
''उत्सव का मूल संदेश श्रद्धा, भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत है। विदेशों में कहा जाता है कि भारत से संयुक्त परिवार, एकजुटता एवं अध्यात्म सीखना चाहिए। यह मानव के सार्वभौमिक उत्थान के लिए जरूरी है।'' उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, जयपुर प्रांत के सह प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेन्द्र ने कहीं। वे जयपुर में पाथेय कण के दीपावली स्नेह मिलन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय विदेशों में हिन्दू संस्कृति की ओर रुझान बढ़ रहा है, यही कारण है कि 2013 से अमेरिका की संसद में दीपावली समारोह नियमित रूप से मनाया जा रहा है। इस बार के दीपावली उत्सव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हुए। यही सब कारण हैं कि आज हिन्दू संस्कृति सम्पूर्ण विश्व में सर्वाधिक तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान के कथन को दोहराया कि अगर विश्व में शांति हो सकती है तो ऐसा हिन्दू संस्कृति से ही संभव है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद श्री राम कुमार वर्मा ने श्रीराम व रामायण को प्रेरणादायक बताया व उसकी श्रेष्ठता और उपादेयता पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों को अपनाकर समाज के हर वर्ग का विकास हो सकता है, देश एवं समाज को उसी पर कार्य करना चाहिए़ भारत आज विश्व गुरु बनने की ओर से तेजी से अग्रसर हो रहा है।      ल्ल (विसंकें, जयपुर)

भारतीय हितों की रक्षा ही प्राथमिकता
पिछले दिनों नई दिल्ली के रामलीला मैदान में स्वदेशी जागरण मंच की विशाल महारैली संपन्न हुई। देश के सुदूर क्षेत्रों से आए लोगों ने रैली में सहभाग किया। इस दौरान मंच द्वारा प्रधनमंत्री को ज्ञापन के माध्यम से भारतीय हितों की सुरक्षा हेतु प्रभावी कदम उठाने के लिए निवेदन किया गया। ज्ञापन में कहा गया कि देश चीन से मशीनरी, इलैक्ट्रानिक्स और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं आदि के भारी आयात व उसके फलस्वरूप होने वाले व्यापार घाटे के कारण संकट से गुजर रहा है। इससे हमारे छोटे-बड़े उद्योग-धंधे तो बंद हुए बल्कि बड़ी संख्या में युवा भी बेरोजगार होते जा रहे हैं। 20016-17 में चीन से हमारा व्यापार घाटा 51 अरब डालर से अधिक तक पहुंच चुका था, जो कुल व्यापार घाटे का 48 फीसद था।  हमारे व्यापार से भारी लाभ उठाने के  बावजूद चीन भारत से लगातार शत्रुता का भाव रखता आया है। मंच का मानना है कि भारत सरकार वाणिज्य मंत्रालय एवं वित्त मंत्रालय में विशेष चीनी प्रकोष्ठ की स्थापना करके प्रभावी कदम उठाए।     -प्रतिनिधि

पाञ्चजन्य पाठक सम्मेलन संपन्न
पिछले दिनों दिल्ली के शालीमार बाग स्थित केशव सामुदायिक भवन में पाञ्चजन्य पाठक सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय लोक शिक्षा परिषद (एकल विद्यालय) के पदाधिकारी श्री सत्यनारायण बंधु एवं मुख्य वक्ता के रूप में पाञ्चजन्य के सहयोगी संपादक श्री आलोक गोस्वामी उपस्थित रहे। पाठक सम्मेलन को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने पाञ्चजन्य की निष्पक्ष और राष्ट्रभावी पत्रकारिता की चर्चा की। इस दौरान क्षेत्र के पाठकों ने पत्रिका के संदर्भ में अतिथियों के मध्य अपने सुझावों से अवगत कराया। तो वक्ताओं ने उनकी समस्याओं को न केवल सुना बल्कि जो उनका समाधान करने का भी प्रयास किया। इस दौरान रा.स्व.संघ के सरस्वती विहार के जिला संघचालक श्री सतीश
भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत
के साथ हुआ।      -प्रतिनिधि

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