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गत 28-30 अक्तूबर को कुरुक्षेत्र के गीता विद्या मंदिर में तीन दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह
एवं राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंकी ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का
शुभारंभ किया। इस दौरान श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारतीय परंपरा में कला को साधना की मान्यता है। कला के प्रदर्शन से रस की उत्पत्ति होती है। भरत मुनि ने नाट्य शास्त्र में नौ तरह के रस बताए हैं। ये नवरस दिखते नहीं, पर हर व्यक्ति अपनी जिंदगी में इनका अनुभव करता है। इसलिए कला रहित मनुष्य पशु के समान होता है।
इस दौरान श्री राजनाथ सिंह ने संस्कार भारती के संरक्षक बाबा योगेंद्र को श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। संगम के समापन अवसर राज्य के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि कला संस्कृति की कोई भाषा और प्रदेश नहीं होता और न ही उसे केवल मनोरंजन तक ही सीमित रखना चाहिए। इसकी साधना करके अपने विचारों को शुद्ध करना चाहिए। कला साधना के माध्यम से ही अच्छे-बुरे की पहचान होती है। अच्छे साहित्य, संगीत और कला के बिना मनुष्य के जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती, इसलिए जीवन को सफल बनाने के लिए कला और संस्कृति को आगे बढ़ाना होगा।
इस कार्य को राज्य सरकार प्राथमिकता के साथ पूरा कर रही है। इस अवसर पर देशभर से पांच हजार से अधिक कला साधकों ने अपनी-अपनी कला और संस्कृति से रूबरू कराया। समापन अवसर पर प्रमुख रूप से संस्कार भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वासुदेव कामत, राज्यमंत्री कर्णदेव काम्बोज, फिल्म निर्देशक सुभाष घई, विधायक सुभाष सुधा एवं फिल्म निर्देशक राजदत्त उपस्थित रहे।
– (विसंके, कुरुक्षेत्र)
पलायन की समस्या से निबटने की जरूरत
पिछले दिनों उत्तरांचल उत्थान परिषद का एक कार्यक्रम मेरठ में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, उ.प्र. की कैबिनेट मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में पहाड़ी स्थानों से हो रहे पलायन पर चिंता व्यक्त की गई।
वक्ताओं का इस बात पर जोर रहा कि पलायन को मात्र भाषण-लेखों से नहीं रोका जा सकता। परिषद का जब गठन हुआ था तब उसने प्रवासी जनों को अपने मूल
गांव से जोड़ने के लिए प्रवासी पंचायत का गठन किया।
यह विचारणीय है कि प्रवासी अपने गांवों के विकास में क्या भूमिका निभा सकते हैं। प्रवासी पंचायत इस पलायन को रोकने में मददगार हो सकती है। ल्ल प्रतिनिधि
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