|
राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के पूज्य सरसंघचालकों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को प्रभात प्रकाशन ने 5 पुस्तकों के रूप में कलमबद्ध किया। गत दिनों लखनऊ के साइंटिफिक कन्वेशन सेंटर के सभागार में भारतीय जनता पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष श्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने इन पुस्तकों का लोकार्पण करते हुए संघ और पूज्य सरसंघचालकों के जीवन वृत्त को रेखांकित किया।
इस अवसर पर श्री अमित शाह ने कहा, ‘‘मेरे जैसे कार्यकर्ता का यह सौभाग्य है कि राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ के पांचों सरसंघचालकों पर प्रकाशित पुस्तक के विमोचन का मैं हिस्सा रहा। संघ जीवनकाल में कई बार ऐसा लगा कि प्रकाश देने वाली यह ज्योति कहीं बुझ तो नहीं जाएगी, परन्तु हर बार कठिन से कठिन संकटों से गुजरती हुई और भी दिव्य रूप में प्रकाशित हुई। यह संघ का तेज ही है। उन्होंने कहा कि ये पांच पुस्तकें पाठकों को राष्टÑ के नव निर्माण के पथ पर आगे बढ़ाने का काम करेंगी। उल्लेखनीय है कि ‘ड़ॉ हेडगेवार- व्यक्तित्व एवं कृतित्व’ श्याम बहादुर वर्मा, ‘हमारे गुरु जी’ पुस्तक का लेखन संदीप देव, ‘हमारे बालासाहब देवरस’ का पुस्तक लेखन राम बहादुर राय एवं राजीव गुप्ता, ‘हमारे रज्जू भैया’ पुस्तक का देवेन्द्र स्वरूप एवं ब्रज किशोर शर्मा, ‘हमारे सुदर्शन जी’ पुस्तक का लेखन बलदेव भाई शर्मा ने किया।
विसंकें, लखनऊ
‘संस्कार बिना शिक्षा अधूरी’
मेरठ की क्रांति धरा पर 13 से 16 अक्तूबर तक अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती का 30वां अखिल भारतीय खेल-कूद समारोह सम्पन्न हुआ। खेल प्रतियोगिता में सम्पूर्ण भारत से आये 1,000 खिलाड़ियों ने भाग लिया। कैलाश प्रकाश स्टेडियम में आयोजित प्रतियोगिता का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, राज्य के खेल मंत्री चेतन चौहान एवं विद्या भारती के राष्टÑीय सह-संगठन मंत्री श्रीराम अरावरकर ने किया। इस अवसर पर श्री दिनेश शर्मा ने कहा कि संस्कार बिना शिक्षा अधूरी है और देश को आगे ले जाने के लिये संस्कारवान नौजवान पीढ़ी की बेहद आवश्यकता है। श्री चेतन चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में खेल व खिलाड़ियों के लिये बेहतर अवसर और सुविधाएं देने के लिये तेजी से कार्य कर रही है।
ग्राम-ग्रामीण को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास
पिछले दिनों ग्राम व ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट द्वारा 17 अक्तूबर से 21 अक्तूबर तक ग्रामश्री मेले का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के विभिन्न प्रकल्पों के प्रयासों की झांकियां लगाई गर्इं जिसे लोगों की काफी सराहना मिली। साथ ही सुदूर गांवों के संसाधनों से बनाये गये उत्पाद के स्टाल भी लगाए गये। ग्रामश्री मेले का उद्घाटन धनतेरस के शुभ अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के वरिष्ठ कार्यकर्ता पद्माकर मालवीय द्वारा महापुरुषों की प्रदर्शनी के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया गया। संस्थान के संगठन सचिव श्री अभय महाजन ने इस अवसर पर कहा कि गत 23 वर्षों से दीनदयाल शोध संस्थान दीपावली के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिये किसी न किसी रूप में मेले का आयोजन करता रहा है। इस प्रकार के मेले में खासतौर पर लोगों के लिये रामायण का बड़े परदे पर प्रदर्शन विशेष महत्व रखता है। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ