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ऋषि गालव की तपोभूमि ग्वालियर पिछले दिनों एक ऐतिहासिक आयोजन की गवाह बनी जब पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए शहर की सड़कों पर 20 हजार से अधिक साइकिल सवार निकले। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस पर पं. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी समारोह समिति की ओर से 17 सितंबर को विशाल रैली का आयोजन किया गया था। रैली प्रारंभ होने के पहले केंद्रीय मंत्री स्थानीय सांसद श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उपस्थित युवाओं को पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई। इस दौरान उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि 1942 में देश को आजाद कराने के लिए संकल्प लिया था और वह संकल्प 1947 में सिद्ध हुआ और भारत को आजादी मिली। इसी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नए भारत के निर्माण के लिए संकल्प दिला रहे हैं। साइकिल रैली के अवसर पर हम सब संकल्प लें कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए कम से कम एक दिन साइकिल चलाएंगे। ऐसा करने से जहां डीजल और पेट्रोल की बचत होगी वहीं पर्यावरण स्वच्छता में योगदान होगा। साइकिल रैली के संयोजक थे श्री राजेश सोलंकी। इस अवसर पर ग्वालियर एवं आस-पास के बड़ी संख्या में प्रबुद्ध नागरिकों, महिलाओं एवं युवाओं का प्रतिनिधित्व रहा। प्रतिनिधि
‘अपनी भाषा को दें सम्मान’
‘‘मातृभाषा हिन्दी के प्रति हीनता का भाव होने के कारण हम प्राचीन ज्ञान विरासत से अलग हो गए, भारतीयता से विमुख हो गए। हमें अपनी भाषा को सम्मान देना चाहिए।’’ उक्त बातें प्रख्यात साहित्यकार डॉ़ नरेन्द्र कोहली ने कहीं। वे पिछले दिनों भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्टÑीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में हिन्दी दिवस पर विशेष व्याख्यान में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि तुर्क, अरबी और अफगानी हमलावरों ने भारत में सबसे पहले संस्कृत पाठशालाएं बंद कीं और फिर तक्षशिला एवं नालंदा जैसे विश्वविद्यालयों के पुस्तकालयों को जलाकर भोजन पकाया। पुस्तकों के नष्ट होने से हमारा ज्ञान राख में मिल गया। यह सोच-विचार कर हमारे ज्ञान और भाषा को समाप्त करने के लिए किया गया था। संस्कृत भाषा हमसे छीन ली गई, जिसके कारण संस्कृत में रचा गया ज्ञान-विज्ञान भी हमसे छिन गया। संस्कृत में रचा गया साहित्य और ज्ञान हमारे सामने नहीं है। हमें यह तो पढ़ाया जाता है कि शून्य का आविष्कार आर्यभट्ट ने किया, लेकिन हमारे पाठ्यक्रम में आर्यभट्ट के गणित को नहीं पढ़ाया जाता, क्योंकि वह संस्कृत में है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रो़ बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि हमें मिलकर हिंदी का वैभव लौटाने का संकल्प लेना होगा। प्रतिनिधि
अब भी है मन में आपातकाल की वेदना
पिछले दिनों मेरठ स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय में इंदिरा गांधी सरकार द्वारा घोषित आपातकाल के विरुद्ध संघर्ष में जेल जाने वाले कार्यकर्ताओं का ‘कार्यकर्ता मिलन’ समारोह आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में रा.स्व. संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी उपस्थित थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आपातकाल के अत्याचारों के कारण पूरे देश में आतंक एवं निराशा फैल गई थी। संघ ने सबसे पहले आपातकाल के सन्नाटे को तोड़ने का निश्चय किया और अंत में संघर्ष के बाद सरकार को आपातकाल हटाना पड़ा। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ़ दर्शन लाल अरोड़ा भी उपस्थित रहे।
हिन्दी सक्षम और समर्थ भाषा है
‘‘हिन्दी शब्दों को जान-बूझकर त्यागकर अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग आज के समय की सबसे बड़ी त्रासदी है। हिन्दी सक्षम भाषा है और इसका अधिकाधिक प्रयोग आज की आवश्यकता है। नहीं तो हिंग्लिश जैसी अधकचरी भाषा से हमारी हिन्दी का अहित ही हो रहा है।’’ उक्त विचार रिजर्व बैंक, कोलकाता के राजभाषा अधिकारी डॉ. राहुल राजेश ने व्यक्त किए। वे पिछले दिनों कोलकाता के श्री बड़ाबाजार कुमार सभा पुस्तकालय द्वारा आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। शिवपुर दीनबंधु कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कुमारसभा के साथ अपने संबंधों का स्मरण कराते हुए हिन्दी के वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डाला। प्रतिनिधि
अनसुलझे सवालों का जवाब देतीं पुस्तकें
गत दिनों नई दिल्ली के हिन्दी भवन सभागार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार द्वारा लिखित पुस्तकों ‘यक्ष प्रश्नों के उत्तर’ तथा ‘जम्मू-कश्मीर से साक्षात्कार’ का लोकार्पण किया गया। समारोह में केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ़ जितेंद्र सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ़ सुब्रह्मण्यम स्वामी, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
इस अवसर पर श्री इंद्रेश कुमार ने कहा कि पाक अधिक्रांत कश्मीर पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है, जबकि पाक अधिक्रांत कश्मीर हमारे राष्ट्रीय महत्व का विषय है। एक तरफ हम ‘पीओके’ के लोगों को अपना कहते हैं, लेकिन उसके बावजूद यह हमारे व्यवहार में दिखता नहीं। इस अवसर पर डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि श्री इंद्रेश कुमार ने अपनी पुस्तकों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के विषय में नए सवालों को खड़ा किया है, जो राज्य के लोगों का नजरियाबदलने का काम करेगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. सुब्रह्मण्य स्वामी ने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करना चाहिए। प्रतिनिधि
‘स्वदेशी अभियान के चलते चीनी माल की बिक्री में आई कमी’
स्वदेशी जागरण मंच की ओर से पिछले दिनों नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान मंच के अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि चीन भारत के ‘पंचशील’ का उत्तर ‘पंच शूल’ के रूप में दे रहा है। आर्थिक-सामरिक-पर्यावरणीय, बेरोजगारी तथा मानवता के लिए संकट रूपी इन पांच शूलों से उत्पन्न खतरों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने इस वर्ष 12 जनवरी से ‘राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान’ प्रारम्भ किया था। इस अभियान के अन्तर्गत अब तक देश में चीनी माल के बहिष्कार हेतु एक करोड़ से अधिक नागरिकों ने अभियान के संकल्प पत्र पर हस्ताक्षर करके अपना समर्थन दिया है। 9-10 अगस्त को 500 जिलों में प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपे गए हैं। इस दौरान देशभर में सम्मलेन, धरना-प्रदर्शन, पुतला दहन, जनसभा, मशाल जुलूस जैसे हजारों कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान का समापन 29 अक्तूबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली के साथ होगा। इसमें देश भर से लाखों की संख्या में नागरिक, समाज के प्रत्येक वर्ग के प्रबुद्ध एवं गणमान्य महानुभाव, संत-महात्मा, विचारक, चिंतक व मंच के अनेक कार्यकर्ता भाग लेंगे। विश्वास है कि यह रैली देश की आर्थिक नीतियों की भविष्य में दिशा व दशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। प्रतिनिधि
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