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उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हल्द्वानी में संस्कार भारती द्वारा आयोजित प्रांतीय कला साधक-2017 का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति हमारी पहचान एवं विरासत है। इसे विश्व स्तर पर बड़ेआदर और श्रद्धा के साथ देखा जाता है। विश्व के अनेक देशों ने हमारी संस्कृति को नमन करते हुए इसे अपनाया है। और इसी से अभिप्रेरित होकर विदेशी लोग हमारे देश में आते हैं। उनमें से बहुत से लोग इसी संस्कृति में रच-बस जाते हैं। उन्होंने कहा कि 1954 में यह विचार आया कि भारतीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार व उसके संर्वधन की दिशा मंे कार्य किया जाए। तभी से इस विचारधारा पर कार्य किया गया और 1981 में एक संगठन के रूप में संस्कार भारती की स्थापना हुई। यह संस्था संस्कृति एवं संस्कारों के साथ ही ललित कलाओं के क्षेत्र मंे आज देश का सबसे बड़ा संगठन बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि कला वस्तुत: एक साधना है, एक समर्पण है। इसी भाव सूत्र में हम कला और संस्कृति पे्रमियों को पिरोने का कार्य करते हैं। कार्यक्रम में संस्कार भारती के राष्ट्रीय संरक्षक बाबा योगेन्द्र, राष्ट्रंीय उपाध्यक्ष श्री बांकेलाल गौड़, प्रान्तीय संरक्षक डॉ. यशोधर मठपाल, प्रान्तीय अध्यक्ष श्री सतीश कुमार माथुर, कार्यकारी अध्यक्ष श्री प्रभाकर सारस्वत, प्रान्तीय उपाध्यक्ष श्रीमती सविता कपूर के अलावा संस्कार भारती के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करे समाज
सम्पूर्ण देश में राष्ट्रीय स्वदेशी सुरक्षा अभियान के तहत स्वदेशी जागरण मंच द्वारा अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन आयोजनों के माध्यम से चीन में निर्मित वस्तुओं एवं सेवाओं का बहिष्कार करने के लिए लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। इसी क्रम में अक्तूबर-नवम्बर माह तक चलने वाले देशव्यापी आंदोलन में प्रत्येक जिला केन्द्र पर चीनी व अन्य विदेशी वस्तुओं के विरोध में समाज जागरण के कार्यक्रम होंगे जिनके द्वारा विदेशी वस्तुओं के उपयोग से देश को होने वाली आर्थिक हानि तथा अन्य नुकसानों के बारे में जनता को बताया जायेगा। इसी क्रम में पिछले दिनों जयपुर में चीनी सामान के विरोध में वाहन रैली के साथ विभिन्न स्थानों पर गोष्ठियों को आयोजन किया गया। जयपुर के विश्वकर्मा औद्योगिक क्षेत्र, दादी का फाटक, मुरलीपुरा स्कीम, निवारू रोड पर कार्यक्रम सम्पन्न हुए। इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में शामिल युवाओं ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की शपथ ली तथा कई स्थानों पर विदेशी वस्तुओं की होली जलाई।
(विसंके, जयपुर)
'श्री अरविंद ने विचारों से किया राष्ट्रभाव की भावना को प्रबल'
पिछले दिनों मेरठ में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग एवं विश्व संवाद केन्द्र द्वारा श्री अरविन्द घोष की लेखनी और पत्रकारिता विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पश्चिम उत्तर प्रदेश के प्रांत प्रचार प्रमुख श्री अजय मित्तल उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि श्री अरविन्द घोष न केवल एक स्वतंत्रता सेनानी वरन् एक कुशल राष्ट्रवादी पत्रकार भी थे। उन्होंने राष्ट्रवाद की भावना के कारण ही आईसीएस जैसी प्रतिष्ठित सेवा को त्याग दिया था और वन्देमातरम् और युगान्तर जैसे समाचार पत्रों के माध्यम से लोगों के बीच राष्ट्रभाव की भावना को प्रबल किया। उस समय श्री अरविन्द ने स्वदेशी को लोगों के बीच एक हथियार के रूप में प्रयोग करने का महत्व समझाते हुए शान्तिपूर्ण असहयोग और मौन को भी स्थापित करने का प्रयास किया। बंगाल विभाजन के समय उन्होंने पत्रकारिता के माध्यम से शान्तिपूर्ण प्रतिरोध करते हुए सात लेख लिखे, जो जनमानस के बीच अत्यंत प्रभावकारी थे। श्री मित्तल ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि एवं आध्यात्मिक दृष्टिकोण इतना स्पष्ट था कि 1929 में ही उन्होंने कहा था कि अब वैश्विक परिस्थिति ऐसी बनेगी कि भारत को स्वाधीन होने से कोई नहीं रोक सकता। अरविन्द घोष एवं स्वामी विवेकानंद दो ऐसे योगी पुरुष रहे हैं जो एक ही कालखण्ड के थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री आनंद प्रकाश अग्रवाल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन विभाग की छात्रा तान्या गर्ग ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन ड़ॉ प्रशांत कुमार ने किया। -प्रतिनिधि
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