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''रक्षाबंधन सिर्फ बहनों की रक्षा का पर्व नहीं है अपितु यह राष्ट्र-समाज की रक्षा का संकल्प लेने का पर्व है।'' उक्त बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक व केन्द्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार ने कहीं। वे गत दिनों लखनऊ में रक्षाबंधन त्योहार पर एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हम जो भी उत्सव मना रहे हैं या स्वतंत्रता महसूस कर पा रहे हैं, उस सबके पीछे सीमा पर तैनात हमारे जवान हैं, जो जान की परवाह किए बिना देश की रक्षा कर रहे हैं।
-प्रतिनिधि
आध्यात्मिकता से दूर होता कष्ट
पिछले दिनों देहरादून के जिला कारागार में आर्ट ऑफ लिविंग का एक कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें 80 पुरुष और 40 महिला कैदियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान मुख्य रूप से आर्ट ऑफ लीविंग के प्रशिक्षक गणेश टेमझरे ने कैदियों के मन को जाना
और उनकी समस्याओं को प्रशिक्षण के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आज भारत की जेलों में कैदियों के सुधार के लिए कई सामाजिक संस्थाएं कार्य कर रही हैं।
उसमें से श्री श्री रविशंकर जी की आर्ट ऑफ लिविंग दुनिया भर की कई जेलों में कैदियों के जीवन स्तर में सुधार के लिए सतत प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि यदि लोग बीमार हो जाते हैं तो हम उन्हें अस्पताल ले जाते हैं और बेहतर तरीके से ठीक करने के लिए दवा देते हैं। यदि लोगों के व्यवहार में बीमारी आ जाती है, तो हम उन्हें जेल में ले आते हैं, लेकिन हम दवाओं को भूल जाते हैं। श्री श्री कहते हंै उन्हें दवा की जरूरत होती है और आध्यात्मिकता वह दवा है। जिससे मनुष्य में आत्मीयता, प्रेम, अहिंसा, सदभाव पनपने लगता है। इस दौरान कारागार के अधीक्षक श्री महेन्द्र सिंह ग्वाल और जेलर श्री राकेश वर्मा उपस्थित रहे। -प्रतिनिधि
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