|
नई दिल्ली में 22 जुलाई को भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों पर एक गोष्ठी आयोजित हुई। इसे संबोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने कहा कि चीनी वस्तुओं के विरोध में आज देशवासी संकल्प ले रहे हैं। इसी कड़ी में अब तक एक करोड़ लोगों ने चीनी सामान नहीं खरीदने का संकल्प पत्र भरकर चीन के प्रति अपना कड़ा रोष जताया है। उन्होंने कहा कि पिछली दीपावली पर चीनी सामान के बहिष्कार के कारण चीनी इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों में 15 से 20 प्रतिशत तक कमी देखी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने स्वदेशी उत्पादन पर जोर दिया है जो एक सराहनीय कदम है।
पिछली सरकार ने चीनी कंपनियों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कई निविदाओं में कड़ी शर्तें रखी थीं। उन्होंने कहा कि हमें इन तीन कारणों से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करना चाहिए- पहला, चीन का व्यवहार हमारे देश के प्रति कभी ठीक नहीं रहा, चाहे एनएसजी हो या आतंकवाद, चीन ने हमेशा भारत विरोधी काम किया है। दूसरा, देश में चीन का सामान आने के कारण युवा बेरोजगार हो रहे हैं। देश के कुल आयात में से 24 प्रतिशत चीन से होता है। इस कारण देश में निर्माण कम हो रहा है और स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ जन उपस्थित थे।
-प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ