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विश्व हिंदू परिषद ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग पर अलगाववाद फैलाने का आरोप लगाया है। परिषद के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने 20 जून को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि आयोग के अध्यक्ष गयूरुल हसन रिजवी मुस्लिम समाज में अलगाव की भावना को मजबूत कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रिजवी ने पिछले दिनों एक 'हेल्पलाइन' जारी करते हुए कहा था कि अगर किसी मुस्लिम को कोई सता रहा है तो वे तुरंत इस पर फोन करें। डॉ. जैन ने कहा कि रिजवी के इस बयान से प्रकट होता है कि भारत में मुस्लिम समाज को इतना सताया जा रहा है कि उसे हेल्पलाइन की जरूरत पड़ गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अलगाववादी इसी तर्क का प्रयोग कर अपनी भारत विरोधी गतिविधियों को उचित ठहराते हैं। अब उनको अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में एक और वकील नि:शुल्क मिल गया है। डॉ. जैन ने कहा कि मुसलमानों को जितने अधिकार भारत में हैं, उतने किसी मुस्लिम देश में भी नहीं हैं। इसके बावजूद जिहादी तत्व हमेशा असंतोष पैदा करके वैमनस्य फैलाते रहते हैं। अल्पसंख्यक आयोग भी इस काम को करके अल्पसंख्यकवाद और अलगाव को मजबूत कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश अल्पसंख्यक आयोग से जानना चाहता है कि क्या भारत में मुस्लिम समाज पीडि़त है? उन्होंने कहा कि जिस समय वे हेल्पलाइन की सूचना दे रहे थे उसी समय बिजनौर में कुछ मजहबी उन्मादी हिंदू लड़कियों के साथ छेड़खानी कर रहे थे। उन्हें रोकने पर उनके साथियों ने आकर हिंदुओं पर हमला किया। ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। उसी समय क्रिकेट में पाकिस्तान द्वारा भारत को हराने पर कश्मीर घाटी और बंगाल समेत कई स्थानों पर पाकिस्तान के झंडे लहराए गए तथा हिंदू समाज पर हमले किए गए। अत्याचार करने वालों को पीडि़त दिखाकर रिजवी मुगलिया प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्या देश के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए मानवाधिकार आयोग पर्याप्त नहीं है? उसको अधिक अधिकार देकर अल्पसंख्यक आयोग समाप्त कर देना चाहिए। अगर यह नहीं हो सकता तो, अविलंब राष्ट्रीय बहुसंख्यक आयोग की स्थापना भी करनी चाहिए जो, बहुसंख्यक समाज के अधिकारों की रक्षा कर सके। ल्ल प्रतिनिधि
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