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नागपुर में 8 जून को संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष का समापन समारोह आयोजित हुआ। मुख्य अतिथि थे नेपाल के पूर्व सेनाध्यक्ष श्री रुक्मांगद कटवाल। इस अवसर पर सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि भारत में पंथ, भाषा, परंपरा और यहां तक कि पर्यावरण में भी विविधता है, फिर भी यह एकता की भूमि है, क्योंकि यहां हिंदू बहुसंख्यक हैं और हिंदू विचार की दृष्टि सबको स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि भारत केवल अपने हित में ही नहीं, विश्व के हित में भी सोचता है, यह इस देश की संस्कृति की देन है। हम शिव के वंशज हैं।
विश्व कल्याण के लिए हलाहल पीते हैं। उन्होंने कहा कि महाशक्तियां अनेक बन सकती हैं, लेकिन 'वसुधैव कुटुम्बकम्' की दृष्टि से हर कोई काम नहीं कर सकता। इसलिए जब अपने देश के स्वार्थ की बात आती है तो 'ब्रेक्जिट' होता है, पेरिस में हुए पर्यावरण से संबंधित करार तोड़ने की बात होती है। लेकिन विश्व कल्याण का काम भारत ही कर सकता है। श्री रुक्मांगद कटवाल ने कहा कि पहले सत्ता में रहने वाले कुछ राजनीतिक दलों ने भारत की भाषा, संस्कृति और परंपरा को विकृत करने का प्रयास किया, देश को लूटा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत के वैभव को पुन: प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है।
मंच पर विदर्भ प्रांत सह संघचालक श्री राम हरकरे और महानगर संघचालक श्री राजेश लोया भी उपस्थित थे। वर्ग के सर्वाधिकारी श्री पृथ्वीराज थे। वर्ग में देशभर से 903 शिक्षार्थी आए थे। -(विसंकें, नागपुर)
संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का समापन
इस वर्ष राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) सेवाधाम विद्या मंदिर, मंडोली में आयोजित हुआ। इस 20 दिवसीय वर्ग में 30 जिलों के 285 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। वर्गाधिकारी थे यमुना विहार विभाग के संघचालक श्री सुशील गुप्ता।
वर्ग का समापन 10 जून को हुआ। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद् के अंतरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री श्री दिनेश चंद्र ने कहा कि हमारा देश 1,200 वर्ष तक गुलाम रहा, क्योंकि हिंदू समाज बंटा हुआ था। आज दुनियाभर में पुन: ऐसी जिहादी ताकतें सर उठा रही हैं जो भारत को खंडित करना चाहती हैं। हिंदू युवाओं को इन तत्वों के विरुद्ध आवाज उठानी होगी और इन्हें अपने शौर्य बल से कुचलना होगा।
समारोह के अध्यक्ष और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में वरिष्ठ प्रोफेसर श्री दरवेश गोपाल ने कहा कि देश को उन्नति के मार्ग पर ले जाने में संघ की महत्वपूर्ण भूमिका है।
उन्होंने जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारे लगने की घटना को शर्मनाक बताते हुए कहा कि संघ ने इस घटना के विरुद्ध पूरे देश को जगाया।
समारोह में स्वयंसेवकों द्वारा शारीरिक, घोष , सांघिक गीत और कविता पाठ का प्रदर्शन किया गया।
-(इंविसंकें, दिल्ली)
सेविका समिति शिक्षण वर्ग संपन्न
गत 11 जून को राष्ट्र सेविका समिति, दिल्ली प्रांत का शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) संपन्न हो गया। 15 दिन तक चले इस वर्ग में 30 जिलों की 144 स्वयंसेविकाओं ने प्रशिक्षण लिया। वर्गाधिकारी थीं साध्वी रमा भारती।
वर्ग के समापन समारोह की मुख्य वक्ता थीं समिति के उत्तर क्षेत्र की कार्यवाहिका चंद्रकांता। उन्होंने कहा कि हमें समाज के स्वाभमिमान को जगाने और समाज को जोड़ने के लिए महिलाओं को संस्कारित करना है।
उन्होंने कहा कि निर्बल मनुष्य की कोई नहीं सुनता इसलिए हमें सबल बनाना होगा, एक भयमुक्त समाज ही अपना निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। इस्रायल जैसे देश ने संगठित होकर ही दुनिया में अपनी पहचान बनाई है। इसलिए हम संगठित होकर समाज के विकास में कार्य करें। इस अवसर पर संघ के अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख
श्री जगदीश सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। समारोह में शिक्षार्थियों ने शारीरिक, घोष, योग, दंड सांघिक गीत, कविता पाठ आदि का प्रदर्शन किया। शिविर का प्रबंधन और संचालन प्रांत कार्यवाहिका सुनीता भाटिया और प्रांत प्रचारिका विजय शर्मा ने किया। देश के अन्य भागों में भी इस तरह के प्रशिक्षण वर्ग आयोजित हुए। उनमें राष्ट्र सेविका समिति की सेविकाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। सेविकाओं को शारीरिक और मानसिक रूप से भी प्रशिक्षित किया गया।
-(इंविसंकें, दिल्ली)
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