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क्या अनंत आकाश आपको अपनी ओर आकर्षित करता है? क्या आपमें ब्रह्माण्ड के रहस्य सुलझाने का जज्बा है? भारत ने इस क्षेत्र में जो कामयाबियां हासिल की है, उन्हें देखते हुए देश ही नहीं, विदेशों में भी भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की खासी मांग है।
अंतरिक्ष विज्ञान (एस्ट्रोनॉमी) विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अंतर्गत पृथ्वी से दूर ग्रहों, उपग्रहों, तारों, धूमकेतुओं, आकाश गंगाओं एवं अन्य अंतरिक्षीय पिंडों का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के अंतर्गत उन नियमों एवं प्रभावों का भी अध्ययन किया जाता है, जो इन्हें संचालित करते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में करियर उन हजारों रहस्यों से परदा उठाने का अवसर भी होता है, जो अभी तक अनसुलझे हैं। इसमें अपना करियर चुनने वाले जहां देश के सर्वोत्तम दिमाग माने जाते हैं, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बुद्धिजीवी के रूप में उनकी विशिष्ट पहचान बनती है। अंतरिक्ष विज्ञान में करियर बनाने के लिए 12वीं गणित समूह से करने के बाद बीएससी भौतिक एवं गणित विषयों के साथ होना जरूरी है। विज्ञान से स्नातक होने के बाद आप एस्ट्रोनॉमी थ्योरी या एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेशन कोर्स चुन सकते हैं। वहीं स्नातकोत्तर के बाद विशिष्ट पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया जा सकता है। आप इलेक्ट्रिकल/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ इलेक्ट्रिकल कम्युनिकेशन में बीई करते हैं, तो इंस्ट्रूमेंट एस्ट्रोनॉमी या एक्सपेरिमेंटल एस्ट्रोनॉमी के क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ने पर आगे एस्ट्रोनॉमी में पीएचडी भी कर सकते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में देश में केवल स्नातक स्तर व पीएचडी कार्यक्रम ही विश्वविद्यालयों में सामान्यत: उपलब्ध हैं।
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