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''संस्कृति को जानने का सबसे सरल मार्ग कला व साहित्य है और किसी भी समाज की उन्नति अपनी संस्कृति से जुड़कर ही हो सकती है।'' उक्त उद्बोधन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने दिया। वे नई दिल्ली के कमानी ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय कला यात्रा महोत्सव में कला प्रेमियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्नति उन्हीं की होती है जो अपनी जड़ों से जुड़े रहते हैं। और जो कट जाते हैं, वे बह जाते हैं। इसलिए हमें कि सी भी परिस्थिति में अपनी जड़ों से दूर नहीं होना है। हां, कुछ समय के लिए कष्ट आएगा, परिस्थितियां खराब होंगी, वह स्वाभाविक है लेकिन अगर डटकर मुकाबला किया तो परिस्थितियां अनुकूल हो जाएंगी और आपकी जीत होगी। उन्होंने कहा कि कला-संस्कृति से जुड़े कार्यक्रमों में जरूर आना चाहिए।
अगर पैसा लगता है तो पैसे खर्च करके आना चाहिए क्योंकि जब हम नृत्य, नाटक देखते हैं या संगीत सुनते हैं तो आनंद की अनुभूति होती है। इस मौके पर उपस्थित प्रसिद्ध नृत्यांगना सोनल मानसिंह ने कहा कि कला और संगीत से जो प्रसन्नता मिलती है, वह कहीं और नहीं मिलती। उन्होंने मौजूदा दौर को देखते हुए समाज को पारंपरिक नृत्य और संगीत से जुड़ने की अपील की। गौरतलब है कि यह महोत्सव सोनल मानसिंह द्वारा स्थापित द सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेज के 40 वर्ष पूरे होने पर आयोजित किया गया था। इस मौके पर एक कला स्मारिका का विमोचन भी किया गया। -प्रतिनिधि
'सेना के साथ खड़ा है पूरा देश'
पाकिस्तानी सेना के दुस्साहस, कश्मीर घाटी में पत्थरबाजों द्वारा सुरक्षा बलों पर लगातार हो रहे हमलों तथा उन्हें पनाह दे रहे उनके समर्थकों के विरुद्ध गत दिनों बजरंग दल ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया। देश के लगभग हर जिले में लाखों बजरंगियों के साथ विश्व हिन्दू परिषद् तथा हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने हिस्सा लिया। राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर उपस्थित प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री मनोज वर्मा ने कहा कि घाटी में जो भी चल रहा है, वह पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित है।
हाल के दिनों में पत्थरबाजों ने घाटी में जो वातावरण पैदा किया है, उसे देखकर यही कहा जा सकता है कि इन सभी पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबलों पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति या संगठन को बजरंग दल एक ही दृष्टि से देखता है। इन सभी देशद्रोहियों को बोली की नहीं, सिर्फ गोली की भाषा ही समझ आती है। मां भारती की रक्षार्थ अब देशद्रोहियों के विरुद्ध कड़ा कदम उठाना नितांत आवश्यक है। श्री वर्मा ने पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के सुकमा तथा कश्मीर घाटी में शहीद वीरों को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
गौरतलब है कि प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमण्डल ने राष्ट्रपति भवन जाकर महामहिम राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपकर उन्हें देश की जनभावनाओं से अवगत कराया। -प्रतिनिधि
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