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12वीं के बाद भविष्य को उड़ान देने के लिए तैयार छात्रों के लिए विभिन्न अवसर खुले हैं, जहां वे न केवल अपने सपने को साकार कर सकते हैं बल्कि प्रतिष्ठा के साथ समाज में सम्मानित स्थान पा सकते हैं
बोर्ड परीक्षाएं समाप्त हो चुकी हैं। विद्यार्थियों के मन में 12वीं के बाद करियर की दिशा को लेकर कई सवाल उमड़-घुमड़ रहे हैं। मसलन-कौन-से क्षेत्र को चुनें, प्रोफेशनल कोर्सेज में दाखिला लें या पारंपरिक डिग्री हासिल करें। कॅरियर स्मार्ट की जानी-मानी करियर काउंसलर यशोधरा अरोड़ा मानती हैं कि आज के छात्र डॉक्टर या इंजीनियर न बनकर कुछ अलग करना चाहते हैं। पर उलझन यह है कि उन्हें कोई सही रास्ता दिखाने वाला नहीं होता। इसलिए उनके मन में करियर को लेकर भ्रम की स्थिति रहती है। वे कहती हैं, ‘‘कोई भी क्षेत्र चुनते समय युवाओं को दो बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-क्षमता और रुचि। यदि आप इन बातों की तह तक पहुंच गये, तो समझिये आप अपने क्षेत्र में एक मुकाम हासिल कर सकते हैं।’’ नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ विकल्पों पर जिन्हें चुनकर आप मंजिल तक पहुंच सकते हैं, बशर्ते आपने क्षेत्र का चुनाव अपनी क्षमता और रुचि का आकलन करने के बाद किया हो।
विज्ञान के क्षेत्र में आज युवाओं में विज्ञान के क्षेत्र में जाने की रुचि बढ़ी है। एक्सामफियर डॉट काम की संचालिका व करियर काउंसलर रोशनी मुखर्जी बताती हैं कि हाल ही में भारत के कई सफल अंतरिक्ष मिशनों में दर्जनों युवाओं की सराहनीय भागीदारी रही है। इसे देखते हुए इस क्षेत्र के प्रति युवाओं का आकर्षण बढ़ना स्वाभाविक है। वे कहती हैं,‘‘विज्ञान का क्षेत्र बहुत बड़ा है, जहां युवा अपना भविष्य निखार सकते हैं। इसके तहत कॉस्मोलॉजी, स्टेलर साइंस, प्लेनेटरी साइंस, एस्ट्रोनमी आदि क्षेत्रों में जाने के लिए तीन साल का बीएससी पाठ्यक्रम और चार साल के बीटेक से लेकर पीएचडी तक के कोर्स खास तौर पर इसरो और बेंगलुरु में कराए जाते हैं।’’
पर्यावरण एवं जल विज्ञान
इस क्षेत्र में पर्यावरण पर इनसानी गतिविधियों से होने वाले असर का अध्ययन किया जाता है। इसके तहत पारिस्थितिकी तंत्र, बाढ़ नियंत्रण, वाइल्ड लाइफ मैनेजमेंट, प्रदूषण नियंत्रण जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं। इन सभी विषयों में स्वयंसेवी संगठन और यूएनओ के प्रोजेक्ट्स बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में अच्छी नौकरियों की संभावनाएं यहां बढ़ी हैं। वहीं जल विज्ञान के क्षेत्र में हाइड्रोमिटियोरोलजी, हाइड्रोजियोलॉजी, ड्रेनेज बेसिन मैनेजमेंट, वॉटर क्वालिटी मैनेजमेंट, हाइड्रोइंफॉर्मेटिक्स जैसे विषयों की पढ़ाई करनी होती है। हिमस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में शोध की मांग बढ़ रही है और युवाओं के लिए काफी अवसर हैं।
डेयरी साइंस
दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में भारत अहम देश है। इसके तहत दुग्ध उत्पादन , प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, स्टोरेज और बाजार तक पहुंचाने की जानकारी दी जाती है। विज्ञान विषय से 12वीं करने के बाद विद्यार्थी आॅल इंडिया स्तर पर प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद चार वर्षीय स्नातक डेयरी टेक्नोलॉजी के कोर्स में प्रवेश ले सकते हैं। कुछ संस्थान डेयरी टेक्नोलॉजी में दो वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी कराते हैं।
रोबोटिक साइंस
रोबोटिक साइंस के क्षेत्र में जाने की आज के युवाओं में खासी दिलचस्पी है। हो भी क्यों न! क्योंकि इन दिनों इसका इस्तेमाल तकरीबन सभी क्षेत्रों में होने लगा है। जैसे- हार्ट सर्जरी, कार असेम्बलिंग, लैंडमाइंस। इस क्षेत्र में जाने के लिए कुछ विशेष कोर्स कर सकते हैं। जैसे-आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स, एडवांस्ड रोबोटिक्स सिस्टम। इसके लिए आपको कम्प्यूटर साइंस से स्नातक करना होगा। रोबोटिक में एमई की डिग्री हासिल कर चुके छात्रों को इसरो जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में शोध की नौकरी मिलती है।
बैंकिंग
यदि यह कहें कि आने वाले कुछ वर्ष बैंकिंग के क्षेत्र में नयी नौकरियों की चाह रखने वाले छात्रों के नाम होंगे, तो शायद गलत न होगा। आगामी कुछ वर्षों में लगभग 1 लाख से अधिक छात्रों के लिए बैंकिंग सेक्टर के दरवाजे खुले रहेंगे। यदि आप 12वीं के बाद इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं, तो क्लर्क स्तर से अनेक क्षेत्रों में जा सकते हैं। क्लर्क के लिए भी स्नातक की योग्यता आवश्यक है। यदि आप प्रोबेशनरी अधिकारी के रूप में इस क्षेत्र में प्रवेश करना चाहते हैं, तो वाणिज्य से स्रातक करें और प्रवेश जांच परीक्षा में बैठने की रणनीति बनायें।
बिजनेस मैनेजमेंट
भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था ने जहां एक ओर कॉरर्पोरेट दुनिया को नया आयाम प्रदान किया, वहीं दूसरी ओर बिजनेस मैनेजरों की भारी मांग ने युवाओं के लिए भविष्य के द्वार खोले हैं। इंटरमीडिएट के बाद 3 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम आपको बिजनेस मैनेजमेंट की दुनिया में प्रवेश दिला सकता है। इन पाठयक्रमों को अलग-अलग विश्वविद्यालय में कई बार अलग-अलग नाम से जाना जाता है, लेकिल अध्ययन सामग्री लगभग एक जैसी ही होती है। कहीं इसे बीबीए यानी बैचलर इन बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन कहा जाता है, तो कहीं इसे बीबीएम यानी बैचलर इन बिजनेस मैनेजमेंट कहा जाता है। दिल्ली विश्वविद्यालय में इसे बैचलर इन बिजनेस स्टडीज का नाम दिया गया है। इन पाठ्यक्रमों में स्नातक करने के बाद किसी अच्छे संस्थान से एमबीए करने वाले छात्रों को पीछे मुड़ कर देखने की जरूरत नहीं पड़ती।
कंप्यूटर साइंस
एक समय था जब केवल गणित के छात्र ही इस क्षेत्र में प्रवेश करते थे। समय के साथ बढ़ती मांग को देखते हुए कई विश्वविद्यालय वाणिज्य या आर्ट्स के छात्रों को भी इस क्षेत्र में प्रवेश देते हैं। यदि आपकी रुचि कंप्यूटर साइंस में है, तो नि:संकोच बीसीए पाठ्यक्रम को चुन सकते हैं। मेडिकल अधिकतर छात्रों का पहला करियर विकल्प मेडिकल होता है। क्योंकि जिस तरह से आज बीमारियां और रोगी बढ़ रहे हैं, उसमें जाहिर सी बात है कि इस क्षेत्र में सेवा के साथ पैसा भी बेशुमार है। बड़े-बड़े अस्पताल आज अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित दिखाई देते हैं। ऐसे में भारत में राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल परीक्षा होती है, जिसे पास करने के बाद तीन और पांच वर्षीय डिग्री कोर्स करके बीएएमएस और एमबीबीएस करके डॉक्टर बना जा सकता है। भारतीय मेडिकल संस्थानों में दाखिले के लिए सीबीएससी द्वारा प्रत्येक वर्ष आॅल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट का आयोजन किया जाता है, जिसके आधार पर सरकार पोषित व निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला लिया जा सकता है।
बायोटेक्नोलॉजी
शोध और तकनीक से यदि आपका लगाव है, तो बायोटेक्नोलॉजी का क्षेत्र आपको एक स्थायी करियर विकल्प दे सकता है। फार्मा कंपनियों में निरंतर बायो तकनीक विशेषज्ञों के लिए रिक्तियां निकलती रहती हैं। इस विषय को लेकर दो प्रकार के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं-तीन वर्षीय बीएससी इन बायोटेक्नोलॉजी और चार वर्षीय बीटेक इन बायोटेक्नोलॉजी। कॅरियर के लिहाज से इनमें से किसी पाठ्यक्रम को पूरा करने के बाद एमबीए करना बेहतर होगा, ताकि आपको तकनीकी ज्ञान के साथ साथ प्रबंधन कौशल भी आ सके।
भारतीय सेना
सेना की बात आते ही युवाओं में जोश उमड़ पड़ता है। बचपन से ही अपने आस-पास किसी सैनिक को वर्दी पहने देखते ही मन में उत्साह पनप उठता था। यदि आप भी उन युवाओं में शामिल हैं, तो कला के छात्र के रूप में आपके लिए यहां भी भारतीय सेना के दरवाजे खुले हुए हैं। ऐसे में 12वीं के बाद अपने मनपसंद विषय से स्नातक करें और जब आप स्नातक के अंतिम वर्ष में हों, तो संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सीडीएस यानी कंबाइंड डिफेंस सर्विसिस में प्रवेश की योजना बनाएं। साल में दो बार होने वाली इस प्रवेश जांच परीक्षा में सालाना लगभग 500 छात्रों का चयन किया जाता है। प्रतिष्ठा और रोजगार के साथ देश की सेवा करने का अवसर पाने की चाह रखने वाले छात्रों के लिए यह बेहद रोमांचक विकल्प है।
फैशन जगत
छात्राओं के आज के मनचाहे कॅरियर विकल्पों की अगर बात की जाए तो फैशन डिजाइनिंग उनका मनपसंद क्षेत्र होगा। अगर आपकी रुचि फैशन डिजाइनिंग में है, तो कला के छात्र होते हुए भी आप इसमें प्रवेश कर सकते हैं। आज फैशन डिजाइनिंग में कई स्पेशियलाइजेशन विषय भी शामिल हो गये हैं।
इसके उत्कृष्ट संस्थानों में नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ फैशन टेक्नोलॉजी यानी निफ्ट, एनआइडी यानी नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ डिजाइन अमदाबाद या पर्ल इंस्टीट्यूट, दिल्ली का नाम लिया जा सकता है।
प्रस्तुति : अश्वनी मिश्र
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