जब फहरा चारों तरफ केसरिया
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

जब फहरा चारों तरफ केसरिया

by
Apr 24, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 24 Apr 2017 12:30:15

26 अप्रैल 2017
रपट ‘साख पर मुहर’ से जाहिर है कि जिन राज्यों में चुनाव थे, वहां की जनता ने भारतीय जनता पार्टी पर विश्वास जताकर यही संदेश  दिया कि वह भारत के प्रधानमंत्री और उनकी नीतियों के साथ है। इस चुनाव में अनेक दलों ने जनता को लुभाने के लिए पता नहीं कितने लोकलुभावन वादे कर डाले, लेकिन जनता उनके झांसे में नहीं आई। इन चुनावों में आम जनता ने जो परिणाम दिया, उससे स्पष्ट है कि वह अब दलों के छलावों से ऊब चुकी है और ऐसी सरकार चाहती है जो विकास करे, रोजगार दिलाए, महिलाओं की सुरक्षा करे और कानून-व्यवस्था से किसी भी कीमत पर समझौता न करे।
—विशाल कोहली, पश्चिम विहार (नई दिल्ली)

 समाजवादी सरकार को चित करके उत्तर प्रदेश की जनता ने अखिलेश के विकास के वादों की पोल खोल कर रख दी। अखिलेश और राहुल की जोड़ी कुछ करतब तो नहीं दिखा पाई उलटे राहुल ने अखिलेश की बची-खुची इज्जत भी डुबो दी। अब वे न घर के रहे, न घाट के। दूसरी ओर मायावती ने जात-पात की राजनीति करके समाज को आपस में बांटने की जो चाल चली, जनता ने उसको भी नकार कर बता दिया कि वह भारत की बात करने वालों के साथ है, समाज को तोड़ने वालों के साथ नहीं।
—हरिहर सिंह चौहान, ईमेल से

जनता ने छल-प्रपंचों व तुष्टीकरण की राजनीति को दरकिनार कर विकास पर मुहर लगाई है। भाजपा की जीत से एक बार फिर से देश भगवामय हो गया और सेकुलर दलों के सारे समीकरण ध्वस्त हो गए। इन विधानसभा चुनावों में धुव्रीकरण वाली विचारधाराओं का हर मिथक टूट गया क्योंकि जनता झूठ को अब जान गई है। यह पहला मौका है जब उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की जनता ने किसी जात-पात के चक्कर में आए बिना आए देश के विकास और प्रधानमंत्री के नेतृत्व पर भरोसा जताया है।
—अनूप कुमार, ईमेल से

गरीब, कमजोर और अल्पसंख्यकों को अपना वोट बैंक मानने वाले सेकुलर दलों के लिए ये चुनाव किसी शोधपरक विषय से कम नहीं हैं। इस बार उनके वोट बैंक ने उनकी एक न सुनी और न ही वह उनके किसी स्वार्थ और लालच में फंसा। इसी का परिणाम है कि जिन पार्टियों का कल तक दबदबा था। वे राजनीतिक नक्शे से लगभग गायब हैं। इसका श्रेय देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति जनता के विश्वास को जाता है, वह जान चुकी है कि देश के प्रधानमंत्री रात-दिन नि:स्वार्थ देश सेवा में लगे हुए हैं, तो हम लोग क्यों पीछे रहें।
—प्रतिमान शुक्ल, इलाहाबाद (उ.प्र.)

 केन्द्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद भाजपा को दो राज्यों में जो प्रचंड बहुमत मिला है वह राष्ट्रभाव का उदय ही दर्शाता है। नोटबंदी के समय लोगों ने महीनों तक समस्याएं सहीं, लेकिन प्रधानमंत्री के फैसले के साथ खड़े रहे। कई सेकुलर दलों ने जनता को भड़काया पर इसका कोई असर नहीं हुआ। विरोधी दलों ने चुनाव के समय भी षड्यंत्र रचकर भाजपा के खिलाफ माहौल तैयार किया, जिसका जनता ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
                    —आशु परिहार, भोपाल (म.प्र.)

दोस्ती का समय
अमेरिका में राष्ट्रपति पद पर डोनाल्ड ट्रम्प का उदय भारत व अमेरिका  के राजनीतिक व रणनीतिक संबंधों में घनिष्ठता बढ़ाने वाला सिद्ध होगा। चीन और अनेक इस्लामिक देशों के साथ न ही भारत के संबंध मधुर हैं और न ही अमेरिका के। ऐसे में दो महाशक्तियों का मित्र बनना अच्छा है। आएदिन अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा देशहित में लिए जा रहे फैसले भारत को भी प्रेरणा देने लायक हैं। प्रत्येक देश के लिए नागरिक और अपना देश ही सर्वोच्च होता है।
—सारिका अग्रवाल, ईंमेल से

सम्मान के हकदार
‘सहजता को सम्मान’ (12 फरवरी, 2017)  रपट अच्छी लगी। इन लोगों को जो सम्मान मिला है वह भारत के लिए गौरव की बात है। भारत सरकार ने इस बार के पद्म सम्मानों में किसी भी तरह की राजनीति को आड़े आने नहीं दिया और जो वास्तव में इसके हकदार थे, उन तक यह सम्मान पहुंंचाया। आपने इन्हें अपनी आवरण कथा में स्थान देकर सुखद अनुभूति कराई है। इन लोगों के कार्य वास्तव में प्रेरणादायक हैं।
—रमेश चन्द्र भटनागर, उदयपुर (राज.)

 जब आम लोगों को देश का सम्मान मिलता है तो सिर्फ सम्मान पाने वाले व्यक्ति को ही खुशी नहीं होती, बल्कि उन हजारों-लाखों लोगों को खुशी होती है जो जमीन से जुड़े गुपचुप समाज सेवा करते हैं। उन सभी को ऐसे सम्मानों से शक्ति और साहस मिलता है और वे दोगुनी गति से अपने काम में लग जाते हैं।
—राधा जायसवाल,  ईमेल से

सबक सिखलाओ
कुलभूषण के वास्ते, फांसी का फरमान
पूरे भारत का हुआ, है इससे अपमान।
है इससे अपमान, सबक ऐसा सिखलाओ
टुकड़े फिर से करो, ईंट से ईंट बजाओ।
कह ‘प्रशांत’ विषधर सर्पों का जहर उतारो
भागें जंगल छोड़, इस तरह उनको मारो॥
— ‘प्रशांत’

शिक्षा का व्यवसायीकरण बंद हो
मौजूदा दौर में आधुनिक शिक्षा की ओर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। इसके कारण हमारी पारंपरिक शिक्षा का तो हृास हो ही रहा है साथ ही शिक्षकों के प्रति जो एक सम्मान की भावना होती है वह भी धूमिल होती जा रही है। अपने समाज में शिक्षक का बड़ा सम्मान है। क्योंकि एक अच्छा शिल्पकार किसी भी प्रकार के पत्थर को तराशकर उसे सुंदर आकृति का रूप दे देता है। इसी प्रकार एक अच्छा शिक्षक अपने शिष्यों को ऐसे संवारता है कि उनके द्वारा शिक्षित किए गए बच्चे अपने ज्ञान से देश के कल्याण और विकास में सहभागी हों। लेकिन शिक्षा के व्यवसायीकरण के दौर में यह सब मूल्य नष्ट हो गए। यह मूल्य नष्ट न हों, इसके लिए समाज को आगे आना होगा और अपनी परंपराओं को बचाना होगा।
—मिलिन्द शुक्ल, लखीमपुर खीरी (उ.प्र.)

समाज रहेगा सदैव ऋणी
‘नाना योजनाओं के जनक नानाजी’ (5 मार्च, 2017) लेख अच्छा लगा। देश में वैसे तो कई लोगों ने ग्राम विकास का कार्य किया लेकिन महाराष्ट्र की पुण्यभूमि में जन्मे महर्षि नानाजी देशमुख ने जो काम किया वह बेजोड़ है। चाहे बात महिलाओं के उत्थान की हो, कृषि-किसानी की, युवाओं के स्वालंबन की, सामाजिक समरसता की, उन्होंने सभी क्षेत्रों में काम करके जनमानस की भलाई की उन्होंने उसके लिए समाज सदैव आभारी रहेगा। उन्होंने चित्रकूट का जो उदाहरण प्रस्तुत किया है, वह अपने आप में अद्भुत है। यहां वे प्रयोग देखने को मिलते, जिनकी कल्पना तक सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। नानाजी में समाज को जोड़कर ऐसी कल्पनाओं को साकार रूप प्रदान किया है।
—विनोद कुमार, सहारनपुर (उ.प्र.)

कन्वर्जन को दे रहे हवा
विदेशी चंदे से देश में पल रहे एनजीओ पर केन्द्र सरकार द्वारा नकेल कसना स्वागतयोग्य कदम है। इनमें अधिकतर स्वयंसेवी संगठन सेवा के नाम पर कन्वर्जन का गोरखधंधा करते थे। वनवासी क्षेत्रों में ऐसे ही एनजीओ ने हजारों हिन्दुओं को ईसाई बनाया है। सरकार के कड़े रुख के बाद भी ईसाई मिशनरियां बड़ी सावधानी से गुपचुप कन्वर्जन कर रही हैं। कुछ सरकारी अस्पतालों में नर्स मरीजों को यह कहते पाई गई हैं कि ‘यीशु सब ठीक कर देंगे।’ तो वहीं चंद पैसों के लालच में दिल्ली की कॉलोनियों में कुछ लोग ईसाई प्रचार सामग्री वितरण करते हैं। लिहाजा खुफिया एजेंसियों के साथ ही समाज को जागरूक होकर ऐसी गतिविधियों पर लगाम
लगानी होगी।
—बी.एल.सचदेवा, आईएनए बाजार (नई दिल्ली)

निखरता स्वरूप
आपकी पत्रिका का स्वरूप दिनोंदिन निखरता जा रहा है। समाजिक, धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं अन्य क्षेत्रों के सभी समाचार पठनीय होते हैं। साथ ही इसका खरापन आकर्षित करता है।
—बी.एस. शांताबाई, चामराजपेट (बेंगलुरु)

 होली पर केंद्रित अंक हास्य-व्यंग्य से भरपूर है। कुल मिलाकर पूरा अंक पठनीय है। पत्रिका वाकई दिन-प्रतिदिन निखरती जा रही है। इसके लिए संपादकीय विभाग को बधाई।
—विवेक गायकी, जबलपुर(म.प्र.)

हटता कब्जा
रपट ‘विचारों का वातायन’ (5 फरवरी, 2017) से साफ है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अब अपनी अपनी बात स्वयंसेवकों से इतर जाकर भी समझानी चाहिए। जयपुर साहित्य सम्मेलन में आयोजकों ने संघ के अधिकारियों को बुलाकर उनके पक्ष को देश-दुनिया के सामने पहुंचाया, इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। अभी तक ऐसे आयोजनों पर सिर्फ वामपंथी विचारकों का ही कब्जा था और वे यहां अपनी बात रखते थे और मीडिया भी उन्हें प्रमुखता देता था। लेकिन इस बार चीजें कुछ अलग हुई हुर्इं।
—अतुल मोहन प्रसाद, बक्सर (बिहार)

 

भेदभाव के खिलाफ उठाई आवाज
बहुत समय बाद सत्य कहने का हौसला रखने वाला एक प्रधानमंत्री भारत को मिला है। ‘साख पर मुहर’ (26 मार्च, 2017) रपट उन विषयों को सामने रखती है जो चुनाव के समय सबसे अहम रहे। लेकिन इन सबमें सबसे खास यह रहा कि विकास की बात तो हर कोई कर रहा था जनता की जो भावनात्मक पीढ़ा थी उस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा था। लेकिन प्रधानमंत्री ने इसे महसूस किया और सच कहा। उन्होंने खुलकर कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा रमजान और ईद के मौके पर बिजली दी जाती है लेकिन दीपावली पर बिजली दो दिन भी पूरी नहीं आती। कब्रिस्तान के नाम पर पैसा बहाया जाता है लेकिन श्मशान के नाम पर कुछ नहीं किया जाता। ऐसे भेदभाव पर उंगली उठाकर उन्होंने राज्य की जनता का हृदय जीत लिया। जो वर्षों से इस भेदभाव से पीड़ित थी और उसकी कोई सुनने वाला नहीं था। लेकिन मोदी ने सत्य कहा और जनता ने उनका भरपूर समर्थन भी किया। राज्य में भाजपा को मिली ऐतिहासिक विजय इसी का परिणाम है।  वस्तुत: आज सत्य कहने की आवश्यकता है, क्योंकि सत्य की ही जीत होती है। लेकिन समाज में सत्य कहने वालों की बहुत कमी है। लोग सत्य कहने का साहस ही नहीं जुटा पाते। इसी वजह से भ्रष्टाचार, अनाचार, पापाचार, दुराचार बढ़ रहा है। समाज पर अत्याचार होता रहता है, लेकिन वह मुखर नहीं होता, क्योंकि उस पर ‘सहिष्णु’ होने का ठप्पा जो लगा हुआ है। इसका उदाहरण कश्मीर है। कश्मीर की स्थिति बेहद खराब है। अलगाववादी घाटी को अशांत करने के लिए पूरी ताकत झोंके हुए हैं। लेकिन देश इस तमाशे को देख रहा है। कुछ कड़ी कार्रवाई अगर सेना करती है तो सेकुलर दल और मीडिया उनके पक्ष में आसूं बहाने लगते हैं। लेकिन इन अलगाववादी ताकतों के खिलाफ सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी होगी और गलत के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करनी होगी।
—हितेश कुमार शर्मा, गणपति भवन, सिविल लाइन, बिजनौर (उ.प्र.)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies