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'केरल में हो रही राष्ट्रवादियों की हत्या दुर्भाग्यपूर्ण हैं। इस संहार को रोकना अति आवश्यक है। ये राजनीतिक द्वेष से की गई हत्या हैं और आएदिन होती ऐसी घटनाओं से संपूर्ण देश में एक आक्रोश का वातावरण बना हुआ है। ऐसे में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करते हुए वहां फौरन राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए।' उक्त विचार दिल्ली विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रो. राकेश सिन्हा ने व्यक्त किए। वे डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति के तत्वावधान में मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित दो दिवसीय चिंतन यज्ञ के द्वितीय दिन के सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत के विचार पर प्रहार उन ताकतों द्वारा हो रहा है, जिन्हें विदेशों से लगातार आर्थिक और वैचारिक सहायता मिलती रही है। कार्यक्रम में प्रथम दिन के सत्र में प्रमुख रूप से उपस्थित फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि अब अगर देश में कोई बड़ी क्रांति आएगी तो वह है—भारत के मूल्यों, भारत के विचारों और भारत के संस्कारों की। इसका साक्षी होगा हमारे देश का युवा। लेकिन ऐसा देखने में आया है कि कई बार हमारे देश का मीडिया इन मूल्यों को रोकने का प्रयास करता है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय संस्कृति और भारतीय विचार को दूसरे देश तथा दूसरे देश का मीडिया अधिक विशिष्ट स्थान देता है। लेकिन हमारे देश का मीडिया हमारी इन बातों को गंभीरता से नहीं लेता और उसके कारण युवाओं का वैचारिक मन बनने में समय लगता है। परन्तु सोशल मीडिया ने इसमें एक अच्छी भूमिका निभाई है और लोगों को जागरूक किया है। कार्यक्रम का संचालन अभय शर्मा ने किया एवं आभार रत्नेश दुबे द्वारा व्यक्त किया गया।
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