सामयिकी : हम हिन्दू नस्ल के मुसलमान
July 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सामयिकी : हम हिन्दू नस्ल के मुसलमान

by
Feb 20, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 20 Feb 2017 14:45:25

 

अखंड भारत के विखंडन से बने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार जैसे देशों के निवासियों की नस्ल एक ही है और उसे ही हिंदू नस्ल कहते हैं। इसे झुठलाया नहीं जा सकता

-डॉ. गुलरेज शेख-

गत दिनों मध्य प्रदेश के बैतूल में आयोजित हिंदू सम्मेलन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा था, ''भारत में रहने वाले मुसलमान भले ही रहन-सहन और इबादत से मुसलमान हैं, लेकिन उन सभी की राष्ट्रीयता हिंदू है।'' उनके इस बयान के बाद सेकुलर मीडिया और राजनीतिक दलों ने दुष्प्रचार शुरू कर दिया और इस तरह के दुष्प्रचार का शिकार केवल वही लोग बनते हैं, जो अपनी नस्ल से अज्ञात हैं।

'नस्ल' शब्द सुनते ही कल्पना में जो चित्र निर्मित होता है वह एक श्वेत तथा अश्वेत व्यक्ति का है जिससे हम भारतवंशियों का क्या लेना-देना? परंतु यदि श्वेत, अश्वेत, मंगोल, एशियाई, रेड-इंडियन आदि ही नस्लें हैं, तो हम भारतवंशी क्या हैं? जितना जटिल यह प्रश्न प्रतीत होता है उससे कई गुना सुलभ इसका उत्तर है। इसे यदि सरल भाषा तथा एक शब्द में परिभाषित किया जाए तो यह नस्ल 'हिंदू' है। परंतु विडंबना है कि पश्चिम का अंधा अनुसरण करने की होड़ में हम अपनी नस्ल को भुला बैठे। पश्चिम की श्वेत नस्लों द्वारा संसार की अन्य नस्लों के संग इतने व्यापक अन्याय किए गए कि उनकी चर्चा तक न हो, इस उद्देश्य से पश्चिमी देशों ने समूचे विश्व में ऐसा वातावरण निर्मित किया है कि मानो नस्ल शब्द का उपयोग ही पाप है। और इस सबके मध्य यदि किसी नस्ल को सर्वाधिक क्षति पहुंची है तो वह नस्ल 'हिंदू' ही है। जिस समय पश्चिम न केवल स्वयं की नस्ल पर चर्चा में व्यस्त था, बल्कि वैश्विक राजनैतिक मानचित्रों को भी स्वयं की नस्ल के लाभ तथा अन्य नस्लों हेतु दूरगामी समस्याओं को जन्म देने की दृष्टि से परिभाषित कर रहा था, उस समय हिंदू नस्ल अंग्रेजों के अधीन थी और आजादी के बाद अंग्रेजी खुराफात की।

श्वेत नस्ल द्वारा स्वयं के लाभ हेतु न केवल अन्य नस्लों का शोषण किया गया, बल्कि उसके जहां-जहां शासन किया, अपने अधीन देशों का नवनिर्माण नस्लीय आधार पर कृत्रिम प्रतिमान से किया, ताकि ये नस्लें सदा के लिए आपस में लड़ती रहें या स्वयं की नस्ल को भुलाकर गोरों का अनुसरण करती रहें। दोनों ही स्थितियों में लाभ गोरों का ही है।

यहां यह तथ्य भी स्मरण से परे नहीं होना चाहिए कि मानवीय नस्लें स्थान (भूमि) तथा संस्कृति का उत्पाद होती हैं। यदि दोनों में से एक भी कारक को शून्य कर दिया जाए तो परिणाम प्रश्नचिह्न ही होगा। हम देखते हैं कि भारत विखंडन के परिणामस्वरूप  बने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार तथा श्रीलंका में निरंतर रूप से कुछ न कुछ देशव्यापी समस्याओं का चक्र चलता ही रहता है। प्रश्न उत्पन्न होता है क्यों? इसका उत्तर भी नस्ल में ही छिपा है। चूंकि इन सभी देशों के वासी हिंदू नस्ल के हैं, अत: पृथक-पृथक इन देशों का अस्तित्व ही अप्राकृतिक है, जो निरंतर रूप से समस्याओं का कारक बनता है। यदि वैश्विक परिदृश्य पर भी प्रकाश डालें तो यूरोप द्वारा की गई खुराफातों का फल आज भी करोड़ों लोग भोग रहे हैं। उदाहरण प्रथम विश्व युद्ध के पूर्व, वर्तमान सीमाओं वाले इराक का कोई अस्तित्व ही नहीं था। परंतु कुदोंर् के क्षेत्र तथा बसरा के संयुक्तीकरण द्वारा कृत्रिम रूप से निर्मित इराक की वर्तमान स्थिति से हर कोई अवगत है। वहीं ईरान, जो उस कालखंड में फारस था, में कुर्दों के एक क्षेत्र का विलय तथा यही खुराफात तुर्की में भी, आज भी समान मजहब के अनुयायी परंतु पृथक नस्ल वाले कुर्द, तुर्क, फारसी तथा अरबियों (बसरी) के मध्य सतत हिंसा का मूल परंतु अदृश्य कारण है।

यही स्थिति बाल्कन (मध्य यूरोप) की नस्लों की है, जिन्हें पश्चिमी यूरोपियों द्वारा सदा ही स्वयं से निम्न समझा गया। एडोल्फ हिटलर ने तो अपनी आत्मकथा (मीन काम्फ) में हर स्थान पर इन नस्लों का दुर्भावनापूर्ण उल्लेख किया। उनकी भूमि (बाल्कन) इतिहास के पन्नों से लेकर आज तक मानव रक्त से लाल है। इसका मूल कारण अप्राकृतिक तथा कृत्रिम नस्लीय आधार पर इन देशों का विभाजन तथा संयुक्तीकरण है। उदाहरण के रूप में चेक गणराज्य तथा स्लोवाकिया के अप्राकृतिक संयुक्तीकरण से जन्मा चेकोस्लोवाकिया, जो बाद में पुन: विभाजित होकर अपने मूल रूप में स्थापित हुआ, बोस्निया-हर्जेगोविना तथा कोसोवो, पश्चिमी तथा पूर्वी जर्मनी और यूक्रेन की अप्राकृतिक सीमाएं जहां आज भी मानव त्रासदियों का अंबार है।

परंतु यदि हम अपनी हिंदू नस्ल को देखें तो यह तथ्य स्थापित होता है कि अंग्रेजों द्वारा  कहे गए भारतीय उपमहाद्वीप, जो कि वास्तव में हिंदू राष्ट्र है, में पूर्ण शांति स्थापना हेतु जरूरी है कि 'हिंदू नस्ल' एक राष्ट्र के रूप में स्थापित हो, जिसकी व्याख्या हम सरल भाषा में 'अखंड भारत' के रूप में करते हैं।

(लेखक सामाजिक कार्यकर्ता हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

पंजाब : पाकिस्तानी जासूस की निशानदेही पर एक और जासूस आरोपित गिरफ्तार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies