अर्थकारी राजनीति
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अर्थकारी राजनीति

by
Feb 6, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Feb 2017 14:38:29

सात दशक का होते-होते भारतीय लोकतंत्र में कई बातें रूढ़ हो गई हैं। इसमें एक अहम बात है केवल आलोचना के लिए आलोचना करना। आश्चर्य नहीं कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट में कमियां निकालने के त्वरित, प्रारंभिक प्रयास कुछ ऐसे ही दिखाई पड़े।
यह जानना दिलचस्प है कि वित्तमंत्री का भाषण शुरू होने के सिर्फ डेढ़ घंटे बाद दिल्ली में कई राजनीतिक दलों, दबाव समूहों के हाथ में विरोध वक्तव्य और इनकी सैकड़ों प्रतियां तैयार थीं।
निश्चित ही इसे निष्कपट त्वरित बुद्धि का उफान नहीं माना जा सकता। फिर यह क्या था? बिना तथ्यों के बुलबुले…विपक्षी वैमनस्य का झाग! इससे भले केंद्र सरकार की सेहत और जनमत पर कोई फर्क न पड़े लेकिन यह विपक्षी बेंच की सेहत का संकेतक तो है ही!
बजट में भारत की पहचान रहे कृषि क्षेत्र के अलावा अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाया गया है। लघु और मध्यम उद्योगों को कंपनी आय में छूट देकर प्रोत्साहित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों और सामाजिक योजनाओं को गति देने के लिए तिजोरी खोली गई है। निश्चित ही यह बजट पूरे देश के समन्वित विकास और बिना भेदभाव भविष्य की तैयारियों का खाका सामने रखता है। 'सुपर रिच' का ज्यादा ध्यान रखने की धारणाओं को ध्वस्त करता है। यदि बजट पांच वर्ष में किसान की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाता दिखता है तो इस बात को स्वीकारने में किसी को हिचक क्यों होनी चाहिए? क्या राजनीति का अर्थ सिर्फ फांके और विभाजन पैदा करना है? क्या यह सच्चे अथार्ें में समन्वयकारी नहीं हो सकती! पूरी तस्वीर एक झटके में नहीं बदली, ठीक, किन्तु यदि इस दिशा में प्रयास हुआ है तो उसे सराहा क्यों न जाए?
स्वस्थ लोकतंत्र में वैमनस्य और मनगढं़त बातें कोई अच्छी बात नहीं हैं लेकिन किया क्या जाए! जब किसी व्यक्ति का, किसी दल का, किसी विचारधारा का विरोध ही कुछ दलों और व्यक्तियों को अपने अस्तित्व की आवश्यकता लगने लगे तो ऐसे दुर्गुणों का उभरना स्वाभाविक है।
परिपूर्णता सरल लक्ष्य नहीं है। इसलिए बजट की बारीकियों से जुड़े कुछ सवाल अधिक स्पष्टता की मांग कर ही सकते हैं, किन्तु अत्यंत परिश्रम और पर्याप्त सूक्ष्मता के साथ तैयार वार्षिक नियोजन की 'रेडीमेड' आलोचनाओं को कितना महत्व दिया जाना चाहिए? उतना ही ना जितना आलोचकों की अपनी साख है। इससे रत्ती भर कम न ज्यादा। क्योंकि यह महत्व, यह वजन कमाया जाता है।
बाट हल्का हो, चीज भारी, तो कैसे तोलेंगे? जाहिर है तब कुछ और चट्टे-बट्टे, बाट-बटखरे जोड़ने होंगे। भारतीय राजनीति में अब यही तो हो रहा है। जनता के सरोकारों की बात करने, इस पर पहल करने वाली राजनीतिक धारा मजबूत हो रही है, आधार बढ़ा रही है और क्षुद्र हितों को पोसते रहने के कारण गलते गए दल आपस में हाथ मिलाकर एक-दूसरे का अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं।
पांच राज्यों में बज रहे चुनावी बिगुलों के बीच राजनैतिक सौगातों की बजाय पूरे भारत की समन्वयकारी, समग्र सोच सामने रखता बजट सुखद संकेत है उस राजनीति का जो अब ज्यादा अर्थवान होने के लिए कमर कस चुकी है। निश्चय ही यह भारतीय राजनीति का संक्रमणकाल है। ऐसा समय जो तय करेगा कि हमारे लोकतंत्र की जड़ें ज्यादा गहरी हैं या राजनीति के नाम पर जनाकाक्षांओं को नकारकर फैलती गई बेलें…
निर्णय जल्दी ही होगा। हाल में हुई पद्म पुरस्कारों की घोषणा (आवरण कथा) और इस वर्ष के वित्त नियोजन में भविष्य के उस भारत की पदचाप सुनी जा सकती है। ऐसा भारत जहां बिना सरोकार, थोथी राजनीति का वजन शून्य होगा और सहजता और संवेदना से भरे लोगों को सिरमाथे बैठाया जाएगा।
भविष्य की आहट सुखद है, फिर आलोचनाओं के बादलों का क्या! घटाओं को बरसने दो, जिसने बढ़ना है वह टिका रह जाएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies