'सक्रिय होकर लें चुनाव में भाग, तभी बदलेगा देश'
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

'सक्रिय होकर लें चुनाव में भाग, तभी बदलेगा देश'

by
Jan 30, 2017, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 30 Jan 2017 15:37:08


आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर की शैली अनूठी है और उनकी स्वीकार्यता का व्याप वैश्विक है। हाल ही में  बेंगलुरू में आचार्य अभिनवगुप्त की सहस्राब्दी पर आयोजित विद्वत संगम के दौरान  पाञ्चजन्य  की उनसे विस्तृत वार्ता हुई। आतंकवाद, नोटबंदी और आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों सहित विभिन्न प्रश्नों पर हुई इस बातचीत के प्रमुख अंश:

न कथा, न प्रचलित ढंग के प्रवचन… आप 'जीवन जीने की कला' सिखाते हैं। यह कला क्या है?
आर्ट ऑफ लिविंग तो सिर्फ नाम है, इसका उद्देश्य है कि लोग तनाव मुक्त रहें, उनके जीवन में उमंग कैसे लाई जाए। करीब 355 वर्ष पहले जब इसकी शुरुआत हुई होगी तो लोगों के मन में अनेक प्रकार की आशंकाएं पनपी थीं। आम लोगों में योग को लेकर किसी प्रकार की रुचि नहीं थी लोगों को लगता था कि यमुना तट पर केवल भस्म लगाकर बैठे साधु ही योग हैं। लेकिन हमारे देश के अनेक लोगों ने योग को पुनर्जीवित कर दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग को लेकर आज फिर लोगों में कौतूहल बढ़ा है। आज हम कह सकते हैं कि लोगों की धारणा बदल चुकी है।
आप प्रवास पर विदेशों में जाते हैं, खासकर ऐसे देश जहां पर हिंसा चरम पर है। वहां जाने की आपको प्रेरणा कैसे मिल पाती है?
देखिए, गीता की आवश्यकता कुरुक्षेत्र में है, जहां युद्ध हुआ। इससे जुड़ा एक प्रसंग है कि जब भगवान कृष्ण दुयार्ेधन से मिलने  के लिए तैयार होने लगे तो उनका सेवक बोला कि प्रभु आप कहां जा रहे हैं, इस पर उन्होंने कहा कि दुयार्ेधन से मिलने। सेवक यह सुनकर हैरान हुआ और बोला कि प्रभु स्वयं उसे आपके पास आना चाहिए। लेकिन उन्होंने बड़ा ही सुंदर जवाब दिया कि रोशनी अंधेरे के पास जाती है न कि अंधेरा रोशनी के पास चलकर आता है। हमंे भी यही लगा कि हिंसा वाले देशों में जब हम जाकर अपनी बात रखेंगे तो वहां लोग अवश्य लाभांवित हो पाएंगे। इस प्रकार हिंसा वाली जगह पर जाकर शांति का संदेश देना जरूरी है न कि अहिंसा वाली जगह जाकर संदेश देना उपयोगी होता है।
ल्ल    बेंगलुरू में आचार्य अभिनव गुप्त सहस्राब्दी से संत परम्परा के इतिहास को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है। आप इस आयोजन को कैसे देखते हैं?
हमारे देश के संत सदैव प्रगतिशील रहे हैं और उन्होंने समाज को नई दिशा दी है। लेकिन इस धारा के रुकने पर पुनर्निर्माण की जरूरत पड़ती है। हमारे संत कभी रूढि़वादी नहीं रहे। संतों को परेशान भी किया गया क्योंकि समाज में दो प्रकार की धाराएं चलती हैं। एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले, जबकि दूसरे लोग अपना स्वार्थ देखते हैं जिनके कारण समाज सदैव दो भागों में बंटा रहता है और वे इसका लाभ भी उठाते हैं। लोगों में भय पैदा किया जाता है कि उनका मजहब खतरे में हैं। ऐसी भ्रामक बातें कर लोगों को बरगलाया जाता है।
आतंकवाद वैश्विक चुनौती है। क्या इससे लड़ने का तरीका आध्यात्मिक हो सकता है?
आज के युग में आतंकवाद बहुत बड़ा अभिशाप है। भारत के लिए आतंकवाद कोई नई बात नहीं है क्योंकि हमारा देश 400 साल से इसका मुकाबला करता आ रहा है। आतंकवादी के रूप में यहां राजाओं ने शासन कर प्रजा पर अत्याचार किए। मेरा मत है कि जब तक धर्म में वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा नहीं होगा और उसमें आध्यात्मिकता पैदा नहीं होगी। उस समय तक समाज में अज्ञान और तनाव बना रहेगा। आतंकवाद भी तनाव और अज्ञान का ही प्रतिफल है। भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान ही व्यक्ति को सही दिशा में लेकर जा सकता है। दुनिया आज इस बात को स्वीकार कर रही है। अभी हम 12 देशों में गए जहां एमओयू भी साइन हुआ। वहां के स्कूलों में हिंसा है जिसे दूर करने के लिए आर्ट ऑफ लिविंग का उनसे अनुबंध हुआ है। इस बात का लोगों ने सम्मान भी किया है और वहां का सवार्ेच्च नागरिक पुरस्कार भी मुझे दिया गया। राजस्थान के कोटा से भी हमें बुलाया गया, जहां के शिक्षण संस्थानों में छात्र तनाव के कारण आत्महत्याएं कर रहे हैं। इस दिशा में हमारा लगातार वहां पर संपर्क बना हुआ है और वहां शिक्षण संस्थान इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि हमारे सहयोग से स्थितियां सुधर रही हैं। देश के करोड़ों लोग जुड़े हैं।

 

आपकी प्रेरणा से कृषि, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में भी नए प्रयोगों की चर्चा है। क्या हैं यह नए प्रयोग?

देखिए, यह प्रयोग पर्यावरण सुसंगत विकास और समाज के सुख-स्वास्थ्य को लक्ष्य बनाकर हैं। हमारे यहां छह-छह फुट की धान की फसल खड़ी हैं। सभी खेती रसायन मुक्त है, जिससे पानी की बचत भी होती है। आंध्र प्रदेश और मराठवाड़ा में हमारी तकनीक से किसानों का टर्नओवर 1,314 लाख तक पहुंच गया, जबकि लागत मात्र दो लाख थी। इसे आप एक प्रकार की हरित क्रांति भी कह सकते हैं। दूसरा कौशल विकास की भी योजना जारी है। नये साल से पहले अरुणाचल प्रदेश के 36 गांवों में, जो कि चीन की सीमा पर हैं, वहां पर बिजली पहुंचाई गई सौर ऊर्जा से। हर घर में सोलर लाइट लगाई गई, इंटीग्रेटिड सिस्टम लगाया गया। दीपावली के दिन ऐसा मन में आया कि देश के उन लोगों का क्या जिनके घर हमेशा अंधेरा रहता है। इस पर विचार करते हुए दीपावली पर अरुणाचल प्रदेश के 36 गांवों को जगमगाने का संकल्प लिया था और एक जनवरी को इसे हमने पूरा कर दिखाया।

वर्तमान सरकार को लेकर आपकी क्या राय है, विशेषकर नोटबंदी को लेकर आप क्या मानते हैं?
मेरा मत है कि किसी भी सरकार के कार्यकाल में सभी अपेक्षाएं कभी पूरी नहीं हो सकती हैं, लेकिन इस बात पर खुशी है कि हमारा देश सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। दो साल से सभी के मन में यह बात थी कि भ्रष्टाचार पर सरकार ने कुछ नहीं किया, लेकिन आठ नवम्बर को प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद सभी प्रकार की आशंकाओं पर विराम लग गया। कालेधन के विषय में लोगों दिखने लगा कि सही दिशा में काम शुरू हो गया है। इससे लोगों को तकलीफ भी हुई। कालाधन देश से ज्यादा विदेशों में है और उसके भारत लाए जाने तक लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं भी रहेंगी। मुझे नोटबंदी के कदम के बाद पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विदेशों में जमा कालाधन भी भारत लाया जाएगा। उनका रुख और संकल्प काफी मजबूत है।

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर आप जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे?
चुनाव में सक्रिय होकर भाग लेना चाहिए न कि उदास बैठना चाहिए। 100 प्रतिशत मतदान करने से बदलाव आएगा। लोगों को जागरूक कर मतदान कराया जाए। लोग जाति, वर्ग व मजहब से आगे बढ़कर मतदान करें और सही व्यक्ति को चुनकर लाएं। मेरा यही संदेश है जिससे देश सकारात्मक दिशा में निरंतर आगे बढ़ सके।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies