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हार्वर्ड विश्वविद्यालय की एक रपट के अनुसार अमेरिका ने 2016 में विभिन्न देशों में 26,171 बम गिराए हैं। इसका मतलब है कि अमेरिका ने हर एक घंटे पर तीन बम गिराए। इनमें से ज्यादातर बम पाकिस्तान, अफगानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया, इराक और सीरिया में गिराए गए। इससे साफ है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में अमेरिका बहुत आक्रामक रहा। अब जो लोग नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को आक्रामक मानते हैं, उन्हें ओबामा की आक्रामकता भी देखनी चाहिए। आक्रामकता के मामले में बराक ने जॉर्ज बुश को भी पीछे छोड़ दिया। बराक ने बुश से 130 प्रतिशत अधिक आक्रामकता दिखाई। इस समय 138 देशों में अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। आने वाले दिनों में और कई देशों में अमेरिकी सैनिक तैनात हो सकते हैं।
न्यायालय से मिली निराशा
देश के कुछ सेकुलर नेता, तथाकथित सामाजिक कार्यकर्ता और वकील इस बात से निराश हैं कि सर्वोच्च न्यायालय ने उनके मन की बात नहीं की। मामला सहारा-बिड़ला डायरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम पाए जाने से जुड़ा है। इन लोगों का कहना था कि मोदी को इन दोनों घरानों से करोड़ों रुपए मिले हैं, इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए। वकील प्रशांत भूषण ने एक याचिका दायर कर सर्वोच्च न्यायालय से गुजारिश की थी कि वह जांच का आदेश दे। लेकिन अदालत ने कहा कि ईमेल प्रिंट और कुछ कागजों को सबूत नहीं माना जा सकता है, इसलिए इसकी जांच नहीं हो सकती। बता दें कि इस मामले को राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने भी जोर-शोर से उठाया था।
16,000 करोड़ रुपए का नुकसान
जम्मू-कश्मीर के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार 8 जुलाई से 30 नवंबर तक हुई हिंसा के कारण राज्य को 16,000 करोड़ रु. से अधिक का नुकसान हुआ। सेना द्वारा आतंकी बुरहान बानी को मारने के बाद घाटी में हिंसा शुरू हुई थी। इस कारण सैलानियों ने कश्मीर जाना छोड़ दिया था। अलगाववादियों की वजह से घाटी के आम लोगों का जीवन मुश्किल में पड़ जाता है। सरकारी पैसे पर पलने वाले इन अलगाववादियों के बच्चे घाटी में नहीं रहते। वे विदेश में रहते हैं या फिर भारत के और किसी शहर में। इसलिए उन पर इस नुकसान का कोई असर नहीं पड़ेगा।
घर और जमीन खरीद रहे हैं मुसलमान
वीजा लेकर भारत आने वाले पाकिस्तानी मुसलमान भारत में घर और जमीन खरीदने लगे हैं। इसका खुलासा पिछले दिनों गाजियाबाद पुलिस ने किया। पुलिस ने मोहम्मद युनूस नामक एक पाकिस्तानी को गिरफ्तार किया है, जिसकी उम्र 70 साल है। वह गाजियाबाद के पास मसूरी में पिछले 61 वर्ष से रह रहा था। पता चला है कि युनूस 1956 में अपने माता-पिता के साथ दीर्घकालीन वीजा पर भारत आया था। तभी से वह वीजा का नवीनीकरण करा कर यहां रह रहा था। नियमानुसार वीजा पर रहने वाला कोई व्यक्ति यहां न तो जमीन-मकान खरीद सकता है और न ही किसी तरह का पहचानपत्र बनवा सकता है। लेकिन युनूस ने घर भी खरीद लिया है और राशन कार्ड भी बनवा लिया है। सूत्रों का कहना है कि भारत आने वाले ज्यादातर पाकिस्तानी वापस नहीं लौटते हैं और वीजा की अवधि खत्म होने के बाद भी यहां की मुस्लिम आबादी के बीच आराम से रहते हैं। सरकार ऐसे लोगों की।
पोता ही निकला चोर
भारतरत्न बिस्मिल्लाह खान की चार शहनाइयां पिछले दिनों चोरी हो गई थीं। यह खबर जिसने भी सुनी, वह हैरान रह गया था। लेकिन चोर और कोई नहीं, उनका पोता नजरे आलम उर्फ शादाब निकला। उसने इन शहनाइयों को मात्र 17,000 रु. में एक जौहरी को दिया। एस.टी.एफ. की वाराणसी इकाई ने इस बात का खुलासा किया है। एस.टी.एफ. ने आलम और दो जौहरियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मुसलमान के नाम पर छूट नहीं
स्विट्जरलैंड के बासेल में रहने वाले एक मुसलमान दंपती को इस बात पर आपत्ति थी कि उनकी बेटियां वहां तैराकी नहीं सीखेंगी, जहां लड़के भी तैराकी सीखते हैं। उनका कहना था कि इससे उनकी मजहबी भावना को ठेस पहंुचती है। जब वहां के प्रशासन ने उनकी बात नहीं मानी तो दंपती ने इस मामले को अदालत में उठाया। निचली के बाद ऊपरी अदालत में भी इस दंपती की हार हुई। इसके बाद उन्होंने फ्रांस स्थित यूरोपीय मानवाधिकार अदालत का दरवाजा खटखटाया।जिसने उनकी अर्जी खारिज करते हुए कहा कि बासेल प्रशासन ने तैराकी की जो व्यवस्था की है, उसमें किसी तरह की खामी नहीं है। इसलिए उन्हें किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी।
गोस्वामी प्रभुपाद का चित्र
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गुरु श्रीमद् भक्तिसिद्धांत सरस्वती गोस्वामी प्रभुपाद का एक बड़ा चित्र नेताजी संग्रहालय, कटक में रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि नेताजी अपने पिता जानकी नाथ के साथ सच्चिदानंद मठ में जाते थे और घंटों भक्ति भाव में डूबे रहते थे। उन दिनों उनके पिता सच्चिदानंद आश्रम के साधु-संतों की सेवा के लिए कुछ रुपए दिया करते थे।
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