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गत दिनों गुजरात के वड़ोदरा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकत्रीकरण कार्यक्रम संपन्न हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ण गणवेश में हम लोगों का यह एकत्रीकरण हमारी 90 सालों से आदत है। हम लोग ऐसे कार्यक्रम करते ही रहते हैं, परंतु हम ऐसे कार्यक्रम क्यों करते हैं? लंबे समय तक कोई कर्मकांड करते रहने से कोई कार्य सिद्ध नहीं होता। हम जो भी कुछ करते हैं, उसके पीछे एक विचार होता है। हम शारीरिक एवं बौद्धिक दोनों प्रकार के कार्यक्रम करते हैं। बौद्धिक कार्यक्रम भाषण नहीं होता, वह वहां पर बैठे सभी स्वयंसेवकों का सामूहिक चिंतन होता है। ऐसा ही एक कार्यक्रम संपन्न करने के लिए हम सब आज यहां पर एकत्रित हुए हैं। श्री भागवत ने कहा कि आज संघ का नाम पूरा समाज जानता है, संकट के समय संघ के स्वयंसेवक जो काम करते हैं, उसके कारण संघ के लोग अच्छे होते हैं, ऐसा आज समाज मानता है। आज यहां तरुण, वयस्क, प्रौढ़ सभी आयु के स्वयंसेवक हैं। उनसे पूछा जाए आप संघ के स्वयंसेवक क्यों बने तो कहेंगे कि हमें संघ के स्वयंसेवक का काम पसंद आया, इसलिए हम स्वयंसेवक बने। लेकिन संघ के स्वयंसेवक हमको पसंद आने वाले काम करते ही क्यों हैं? इसका कारण संघ की पद्धति है, हमें लोगों को संघ की जानकारी देनी चाहिए। आज 1,60,000 सेवाकार्य समाज की सहायता से चल रहे हैं। आज समाज जीवन के हर क्षेत्र में संघ के स्वयंसेवक हैं और वहां पर जो उनका कार्य है, उसको समाज अच्छा मानता है। वड़ोदरा, गुजरात (विसंकें)
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