दर्शकों को भायीं जीवन-कथाएं
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दर्शकों को भायीं जीवन-कथाएं

by
Dec 26, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Dec 2016 15:55:04

समाज के बीच से उठे एक असाधारण इंसान के चरित्र पर बनीं फिल्मों ने इस साल दर्शकों को अपनी ओर खींचा। इन फिल्मों के जानदार कथानक लोगों में भारतीयता का गौरव जगाने में सफल रहे

राहुल भारद्वाज
1947 से कदाचित 1994 तक भारतीय दर्शक और उससे कहीं अधिक भारतीय फिल्म निर्माता चर्चित व्यक्तियों के जीवन पर आधारित फिल्में बनाने से कतराते रहे थे। मोटे तौर पर फिल्मों का कथानक प्रेम, हिंसा और हास्य के त्रिकोण के भीतर सिमटा रहा। ऐसा नहीं है कि जीवनी (व्यक्ति) आधारित चलचित्र बने ही नहीं, मनोज कुमार की शहीद और वी. शांताराम की डॉक्टर कोटनीस की अमर कहानी जैसी फिल्में बनाई भी गईं और उन्होंने टिकट खिड़की पर सफलता भी प्राप्त की। पर कहीं न कहीं बॉलीवुड यह मान कर चलता रहा कि भारतीय दर्शक ऐसी फिल्में देखेगा नहीं और निर्माता का  पैसा डूब जायेगा।
1991 के आर्थिक परिवर्तन के पश्चात यह स्थिति क्रमश: बदलने लगी। समाज में टीवी और फिर इंटरनेट के आने पर तरह-तरह के साहित्य और विभिन्न फिल्मों से परिचय हुआ।  इसके नकारात्मक परिणाम भी हुए परंतु सकारात्मक परिणाम अधिक हुए। हमारा दर्शक वर्ग घिसी-पिटी धारा की फिल्मों से हट कर नए कथानक की तरफ आकर्षित हुआ। इस प्रवृत्ति और हवा मिली मल्टीप्लेक्स के आने  पर। दर्शक सिनेमा की टिकट खिड़की पर निर्णय लेने लगा कि उसे कौन-सी फिल्म देखनी है।
जीवनी व्यक्ति पर आधारित फिल्म शैली को इस दिशा में पहला बड़ा प्रोत्साहन मिला द डर्टी पिक्चर से। १८ करोड़ रु. की लागत से बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर सौ करोड़ रु. से अधिक कमाकर दर्शक और समीक्षक, दोनों की वाहवाही लूटी। इसका परिणाम यह हुआ कि बॉलीवुड ने विभिन्न क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों के जीवन चरित्र पर  आधारित फिल्मों की तरफ देखना शुरू किया। कदाचित इस फिल्म की सफलता ने डेढ़ साल से वितरक ढूंढती एक फिल्म पान सिंह तोमर को दर्शकों से रू-ब-रू कराया। फिल्म एक ऐसे नायक की थी जो सेना में था और बाधा दौड़ का राष्ट्रीय चैंपियन  था। लेकिन समाज और सरकार का अन्याय उसे चंबल का बागी बना देते हैं। पान सिंह तोमर 4.5 करोड़ रु. की लागत से बनी
और अपनी लागत से लगभग दस गुना ज्यादा कमा गई।  किसी की जीवनी पर आधारित इन फिल्मों  को लेकर फिर भी थोड़ा संशय था कि यह मात्र एक सामायिक फैशन है, जो लंबे दौर की फिल्म शैली नहीं बनेगा। पर इस धारणा को ध्वस्त किया राकेश ओम प्रकाश मेहरा की भाग मिल्खा भाग ने। यह फिल्म मिल्खा सिंह नाम के हमारे सबसे सुविख्यात धावक पर आधारित है। फरहान को भी टिकट खिड़की पर तब या अब बहुत सफल अभिनेता नहीं माना जाता है। ऊपर से यह फिल्म तीन घंटे नौ मिनट की थी।  फिल्म की सफलता और दर्शकों के प्रेम के कारण 30 करोड़ में बनी यह फिल्म 165 करोड़ की कमाई कर गयी।
दो और उदाहरण उल्लेखनीय हैं। पहला, नीरजा भनोट के महान बलिदान और वीरता पर आधारित राम माधवानी की फिल्म नीरजा।  इस फिल्म ने हमें हमारे नए इतिहास की एक भूली हुई वीरांगना का फिर से स्मरण कराया। इस फिल्म में नीरजा के जीवन और उस अंतिम 48 घंटे के पड़ाव को इतने अच्छे ढंग से फिल्माया गया है कि दर्शकों ने अपना दिल और बटुए दोनों इस फिल्म पर उड़ेल से दिए। मात्र 20 करोड़ रु. से बनी यह फिल्म अगर बॉक्स ऑफिस पर 135 करोड़ रु. के आंकड़े को छू गयी तो यह कमाल ही है। 
इसी तरह क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी पर बनी फिल्म एम. एस. धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी। धोनी के एक छोटे मध्यम वर्ग परिवार से खेल के महानायक बन जाने की यात्रा को नीरज पांडेय ने इतने सहज अंदाज में दर्शाया कि जीवनी पर आधारित फिल्मों में इस फिल्म ने सबसे अधिक 200 करोड़ रु. से भी ऊपर कमा डाले। सुशांत सिंह के अभिनय का इसमें महत्वपूर्ण योगदान था।
यही एक बात ध्यान देने की है। जीवनी पर  आधारित यह सिनेमा शैली मात्र मल्टीप्लेक्स और दर्शकों को बढ़ी आय के कारण ही नहीं है। इसका एक बहुत बड़ा सामाजिक पहलू है।  आज का भारतीय दर्शक अपने भारतीय होने पर कहीं अधिक गर्व करता है और ऐसे भारतीय उदाहरणों से संबंध रखना चाहता है जो उसमें भारतीयता का गौरव जगाते हैं। 
भावनात्मक और नयी सोच के कारण जीवनी पर आधारित सिनेमा बॉलीवुड में एक नया अध्याय लिखना बस शुरू ही कर रहा है। अभी हम इस को कदाचित पचा न पायें परंतु संभव है, आने वाले वक्त में ऐसी फिल्में व्यावसायिकता की दौड़ में सबसे आगे हों। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त

Ahmedabad Plane Crash: उड़ान के चंद सेकंड बाद दोनों इंजन बंद, जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पुलिस की गिरफ्त में अशराफुल

फर्जी आधार कार्ड बनवाने वाला अशराफुल गिरफ्तार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ : अरविंद नेताम

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies