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भारतीय भाषा मंच और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गत दिनों नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में 'भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता-चुनौतियां एवं समाधान' विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उसमें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव एवं भारतीय भाषा मंच के संचालक श्री अतुल कोठारी ने कहा कि देश के लोगों में अपनी भाषा में बोलने व कार्य करने में स्वाभिमान जाग्रत करने की आवश्यकता है। इसके लिए प्रत्येक देशवासी को स्वयं अपना उदाहरण देकर अपनी भाषा का 'ब्रांड अम्बेसडर' बनने का प्रयत्न करना चाहिए। यह एक भ्रम है कि अंग्रेजी पत्रकारिता हिन्दी पत्रकारिता के मुकाबले अधिक शोधपरक और तथ्यपूर्ण होती है। उन्होंने चिंता प्रकट कर कहा कि भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विभिन्न भारतीय भाषाओं में संघर्ष शुरू हो गया। आज आवश्यकता है कि इस मत भिन्नता का त्याग करते हुए एक ऐसे मंच की स्थापना की जाए, जो सार्वजनिक तौर पर भारतीय भाषाओं की बेहतरी के लिए काम करे। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ बृजकिशोर कुठियाला ने इस अवसर पर कहा कि भले ही हम पढ़ते अंग्रेजी में हों, मगर समझने का काम भारतीय भाषाओं में ही होता है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित जी मीडिया के संपादक सुधीर चौधरी ने कहा कि हिन्दी के तथाकथित ठेकेदार तो बहुत हैं, मगर अनुसरण करने वाले कम। जबकि अंग्रेजी में अनुसरण करने वाले ज्यादा हैं। वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम का पॉवर लैंग्वेज सर्वे कहता है कि 2050 तक हिन्दी विश्व में 10 बड़ी भाषाओं में से एक होगी। पिछले वर्ष ऑक्सफोर्ड शब्दकोश में 500 नए शब्द सम्मिलित किये गए हैं, इनमें से 240 शब्द भारतीय भाषाओं से लिए गए हैं, यह हिंदी के बढ़ते प्रभाव का परिचायक है। – (इंविसं केंद्र)
विशेषांक का किया लोकार्पण
गत दिनों मध्य प्रदेश के मैहर जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 90 वर्ष पर आधारित पाञ्चजन्य के विशेषांक का लोकार्पण किया। इस दौरान मंच पर प्रमुख रूप से क्षेत्र संघचालक श्री और अशोक सोहनी एवं जिलासंघचालक श्री सोहनलाल ताम्रकार उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री भैयाजी जोशी ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 90 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संघ का विस्तार इतना हो चुका है कि उसे समेटना संभव नहीं है। इस विशेषंाक से पाठकों को संघ कार्य के महत्वपूर्ण आयामों और इतिहास के अनेक पड़ावों की जानकारी मिलेगी। ल्ल प्रतिनिधि
''लोगों को धर्म के प्रति जागरूक कर रहा पाथेय कण''
पिछले दिनों जयपुर में मालवीय नगर में पाथेय कण के मारवाड़ विशेषांक का लोकार्पण किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जोधपुर प्रांत संघचालक श्री ललित शर्मा उपस्थित थे।
पाथेय कण के मारवाड़ अंक के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री ललित शर्मा ने कहा कि सृष्टि के सभी अंगों का अपना-अपना स्वभाव होता है। यही स्वभाव धीरे-धीरे उसका धर्म बन जाता है। ठीक इसी प्रकार पाथेय कण का भी अपना स्वभाव है, लोगों को धर्म के प्रति जागरूक करने का। पाथेय कण अपने प्रारंभिक काल सन् 1985 से अपना यह धर्म निभाता चला आ रहा है। साहित्य समाज का दर्पण होता है। जिस प्रकार दर्पण पर यदि धूल जम जाए तो उसमें से सब धुंधला नजर आता है। स्पष्ट देखने के लिए उस धूल को हटाना जरूरी होता है। साहित्य जगत पर समय-समय पर विदेशी संस्कृतियों का आक्रमण रहा है। पाथेय कण (पाक्षिक) उसी धूल को हटाने का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ़ भीमराव आंबेडकर फाउंडेशन, आंबेडकर पीठ के महानिदेशक श्री कन्हैयालाल बेरवाल ने कहा कि पाथेय कण गंाव-गांव में पहुंचकर लोगों को जागरूक कर रहा है। इसमें प्रकाशित सामग्री बच्चों, युवाओं और बुजुगोंर् का ज्ञान वर्धन कर रही है। कार्यक्रम के अंत में पाथेय कण संस्थान के अध्यक्ष श्री गोविन्द प्रसाद अरोड़ा ने उपस्थित गणमान्य नागरिकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। -जयपुर (विसंकें)
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