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राष्ट्रीय सेवा भारती का दो दिवसीय अखिल भारतीय महिला प्रशिक्षण वर्ग गत दिनों देहरादून में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण वर्ग में देश भर से लगभग 80 महिला कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुए राष्ट्रीय सेवा भारती की सह सचिव रेणुका ने कहा कि वर्ग में राष्ट्रीय सेवा भारती के कार्य विस्तार, कार्य की गुणवत्ता, बाल विकास, किशोरी विकास जैसे विषयों पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही सभी महिला कार्यकर्ताओं को संवाद कौशल और लेखन का प्रशिक्षण दिया गया।
राष्ट्रीय सेवा भारती अपने कार्यकर्ताओं एवं समाज के सहयोग से देश भर में हजारों की संख्या में सेवा कार्य कर रही है। इसके विस्तार के लिए कार्यकर्ताओं को दो दिन में विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री गंगाराम भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा भारती देश के ग्रामीण, वनवासी, जनजातीय क्षेत्रों में काम करती है। जहां सेवा कार्य की सबसे ज्यादा जरूरत है। इसने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन के लिए देश भर में अपने केंद्र बनाये हैं,जहां गरीबों को दवा, पढ़ाई और रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। सेवा कार्य के लिए हम समाज के अन्य सामाजिक संस्थानों को भी अपने संपर्क में रखते हैं। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा भारती के न्यासी अशोक अग्रवाल, राष्ट्रीय सेवा भारती की सदस्या अमिता जैन, क्षेत्रीय महामंत्री रीता गोयल सहित अनेक महिला कार्यकर्ता उपस्थित थीं।
– विसंकें,देहरादून
'सुनील उपाध्याय का बलिदान परिषद को देता है प्रेरणा'
गत दिनों हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में सुनील उपाध्याय एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा गेयटी थियेटर में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत एवं अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील आंबेकर उपस्थित थे। गोष्ठी को संबोधित करते हुए श्री सुनील आंबेकर ने सुनील उपाध्याय के चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कर्तव्यनिष्ठा के लिए अगर किसी चरित्र को जाना गया है तो वह स्व़ सुनील उपाध्याय रहे हैं। आज भी अभाविप के इस अमर सिपाही को संगठन में जान फूंकने का काम करने के लिए जाना जाता है। देश की स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि आज राष्ट्र से प्रेम करने वाले और राष्ट्र से द्रोह करने वाले लोग आमने-सामने हैं। अब सभी इन लोगों के असली चेहरों को समझ रहे हैं। हमारे पास उपाध्याय जैसे लोग भी रहे हैं, जिन्होंने देशहित की भावना को सवार्ेपरि स्थान दिया। देशहित की भावना के कारण ही वे संगठन को मजबूत कर पाए। श्री आंबेडकर ने कहा कि हमारा देश अपनी चिरकालिक महान संस्कृति और सभ्यता के लिए जाना जाता है। विश्व के लोगों के लिए यह देश गुरु रहा, जहां से पूरे संसार में संस्कृति के महान गुणों का विकास हुआ।
मुख्य अतिथि राज्यपाल आचार्य श्री देवव्रत ने कहा कि उपाध्याय जी छोटी सी आयु में जम्मू से आए और अपने राष्ट्रभक्ति व संगठन कार्य कुशलता के बेजोड़ नमूने के कारण हिमाचल में उन्होंने अभाविप के काम की नींव रखी। वे एक सत्यनिष्ठ व कुशल संगठन के कार्यकर्ता थे। संगठन के प्रति उनका बलिदान अभूतपूर्व रहा। वर्तमान शिक्षण पद्धति के बारे में उन्होंने कहा कि आज की शिक्षा में संस्कारों का स्थान निरंतर कम हो रहा है। ऐसी स्थिति में संस्कारों को प्रमुखता दिए जाने की
जरूरत है। -विसंकें,शिमला
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