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केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद भारतीय सेना ने सीमा पार जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया। लेकिन अब जनजातीय समुदाय के लोग भी कन्वर्जन पर सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए चर्च को करारा जवाब दें। ये बातें गत दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य व वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्दे्रश कुमार ने अपने तीन दिवसीय झारखंड प्रवास के दौरान गुमला में कहीं। श्री कुमार हिन्दू जागरण मंच, गुमला की ओर से अलबर्ट एक्का स्टेडियम में आयोजित सरना- सनातन महा सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि रामायण काल में जनजातीय समाज के सहारे ही भगवान राम ने आततायी रावण का अंत किया। उस रावण को जिसने ग्रहों और देवताओं तक को बंदी बना रखा था।
यह लड़ाई राम-लक्षमण, सुग्रीव, हनुमान, जामवंत और नल-नील के नेतृत्व में ही लड़ी गई थी। वे जनजातीय समाज के ही लोग थे। भगवान राम ने वनवासी समाज को जो सम्मान दिया वह रामायण के स्वर्णिम पन्नों पर आज भी दर्ज है। वहीं रांची प्रवास के दौरान मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के तत्वावधान में आयोजित प्रेसवार्ता में तीन तलाक के मुद्दे पर कहा कि तीन तलाक एक सामाजिक बुराई है। और मुस्लिम समाज इससे कैसे मुक्त हो, इसके लिए मुस्लिम मंच कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आखिर मदरसों में तिरंगा लहराने का खौफ क्यों? देश को आजाद कराने में मुसलमानों का योगदान रहा है। तो ऐसे में 15 अगस्त और 26 जनवरी पर मुसलमान भाइयों को तिरंगा फहराने से वंचित कैसे किया जा सकता है। दुनिया के सभी मत-पंत अच्छे हैं और सभी मजहबों में सच बोलने, दूसरे का आदर करने और पड़ोसियों के साथ अच्छा व्यवहार करने की बात कही गई है। तालीम के अभाव में लोग मजहब का सहारा लेकर संकीर्णता फैलाते हैं और लोगों को राह से भटकाते हैं। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच लोगों को भटकाव से रोकने का काम करता है। – प्रतिनिधि
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