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दीपावली के दिन पड़ोसी बंगलादेश में हिन्दुओं को हिंसा का निशाना बनाया गया। मंदिरों में तोड़-फोड़ की गई, महिलाओं पर अत्याचार हुए। लेकिन दोषी कट्टरवादी जिहादी अब भी खुले घूम रहे हैं
विशेष प्रतिनिधि
पाकिस्तान की तरह मुस्लिम बहुल बंगलादेश में हिंदुओं पर हिंसक हमले जारी हैं। वहां दीपावली के दिन हिंदुओं के कई घरों और मंदिरों को निशाना बनाया गया। इन हमलांे के बाद अल्पसंख्यक हिंदू परिवार दहशत भरे माहौल में जीने या फिर पलायन को मजबूर हैं। ताजा मामला ब्राह्मणबरिया के नसीरनगर का है जहां जिहादी तत्वों ने हिंदू समुदाय के सैकड़ों घरों और मंदिरों को निशाना बनाया है। एक सुनियोजित साजिश के तहत इस घटना को तब अंजाम दिया जब हिंदू परिवार दीपावली का त्योहार मना रहे थे।
इस हिंसक घटना के पीछे फेसबुक पर वायरल हुई उस पोस्ट का हवाला दिया जा रहा है जिसमें जिसमें 'ढाका का काबा' कही जाने वाली मस्जिद अल हरम के साथ भगवान शिव को दर्शाया गया था। इस तथाकथित पोस्ट के विरोध में कट्टर मजहबी संगठनों ने हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दीपावली चुना और उपजिला मुख्यालय पर दो अलग-अलग प्रदर्शनों का आयोजन किया। ये लोग तथाकथित पोस्ट डालने के आरोपी रसराज दास को फांसी देने की मांग कर रहे थे। अलपसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और हमलों के पीछे कट्टरपंथी संगठन जमात-शिबिर, हिफाजत-ए-इस्लाम और अहले सुन्नतवाल जमात का हाथ बताया जा रहा है। नसीरनगर पूजा कमेटी के महासचिव खैलपद आचार्य का आरोप है कि कम से कम 15 हिंदू मंदिरों को जमींदोज कर दिया गया और लगभग 200 हिंदू घरों में जमकर लूटपाट और तोड़फोड़ की गई। नसीरनगर हिंदू-बौद्ध-ईसाई एक्या परिषद के अध्यक्ष आदेश देव ने भी 15 मंदिरों को लूटने और नष्ट करने की बात दोहराई। देव के मुताबिक इस हमले में कई भक्त घायल भी हुए। पूरे प्रकरण में पुलिस मूक दर्शक बनी तमाशा देखती रही। पुलिस ने लूटपाट रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों पर हुए इस बड़े हमले की खबर जब जंगल की आग की तरह फैली तो घटनास्थल पर अर्द्धसैनिक बल तैनात किया गया। ब्राह्मणबरिया के पुलिस आीक्षक मिजनुर रहमान ने हिंदू मंदिरों में आठ मूर्तियां तोड़े जाने की बात स्वीकार की है। रहमान के मुताबिक तकरीबन 150-200 लोग इस हमले और लूटपाट में शामिल थे। हैरत की बात यह है कि पुलिस अधीक्षक की इस स्वीकारोक्ति के बाद भी महज 6 लोगों को ही हिरासत में लिया गया। घटना को अंजाम देने वाले सैकड़ों कट्टरपंथी मुस्लिम युवकों के साथ बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने भी हिंदू परिवारों के साथ मारपीट की। इस हिंसक हमले में गंभीर रूप से घायल महाकाल पैरा के गौर मंदिर के पुजारी शंकर सेन को नसीरनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। जिहादी हमले में सदर पश्चिम पाड़ा का जगन्नाथ मंदिर, नमाशुद्र पाड़ा का कालीबाड़ी मंदिर, महाकाल पाड़ा का दुर्गा और शिव मंदिर, दत्ता पाड़ा का दत्ताबाड़ी मंदिर और सूत्रार पाड़ा में महाकाली मंदिर लगभग ध्वस्त कर दिये गये, मंदिर का कोष और कीमती आभूषण लूट लिए गए। पीडि़त हिंदू परिवारों के मुताबिक सैकड़ों की तादाद में आये हमलावारों के हाथों में स्थानीय स्तर पर बने आग्नेयास्त्र, तलवार, लोहे की छड़ें और लाठियां थीं।
बंगलादेश में हिन्दुओं पर हुए इस बड़े हमले की घटना के बाद अब प्रदर्शनकारी संगठन एक-दूसरे पर दोषारोपण कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। अहले सुन्नतवाल जमात के नसीरनगर इकाई के संयोजक रियाजुल करीम का कहना है कि हिफाजत-ए-इस्लाम के लोगों ने हिंदू समुदाय पर हमला किया, जबकि वे तो शांतिपूर्ण रैली कर रहे थे। बहरहाल, जमात-ए-इस्लामी, हिफाजते इस्लाम, अवामी उलेमा लीग, हिजबुल तहरर, अहले सुन्नतवाल जमात आदि सभी संगठन इस उत्पीड़न में बराबर के गुनाहगार हैं।
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