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गत दिनों शिक्षा संस्कृति उत्थान न्याय का एक प्रतिनिधि मंडल मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे मिला। प्रतिनिधि मंडल की अध्यक्षता राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी ने की। प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा से जुड़े मामले, मात्रा भाषा में शिक्षा, नई शिक्षा नीति में राष्ट्रीय पाठ्यचर्चा की रूपरेखा, सरकारी एवं निजी विद्यालयों में अनिवार्य रूप से मातृभाषा को लागू करना, पर्यावरण का भारतीय दृष्टि के अनुरूप एवं व्यावहारिकता प्रदान करने वाला पाठ्यक्रम, आदिवासी क्षेत्रों के लिए विशेष वैकल्पिक मॉडल जैसी विभिन्न मांगों से श्री पाण्डेय को अवगत कराया। इस मौके पर न्यास की ओर से लिखित रूप से कुछ सुझाव दिए गए।
प्रतिनिधि
ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ
जयपुर के विकास गोयल ने एक ऑन लाइन पोर्टल ६६६.ेंल्ल्रि१िी'ँङ्मङ्म.ूङ्मे तैयार किया है जिसके तहत अब बस एक क्लिक करते ही आपको राजस्थान से जुड़े मंदिरों के बारे में जानकारी मिल जाएगी। गोयल ने सभी मंदिरों को एक ही ऑनलाइन प्लेट फार्म पर लाने का अनूठा प्रयास किया है।
जयपुर के एसएमएस इन्वेस्टमेंट मैदान में चल रहे हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेले के दौरान सेवा भारती, राजस्थान के संगठन मंत्री श्री मूलचंद सोनी ने इस पोर्टल का उद्घाटन किया। विवेक गोयल बताते हैं कि इसके पीछे उनकी मंशा समस्त गतिविधियों एवं इतिहास की जानकारी एक ही क्लिक से समाज तक पहुंचाना और निरंतर क्षीण होती विरासत के बारे में युवा पीढ़ी को अवगत कराना है। इस कार्य को आगे बढ़ाते हुए कोई भी व्यक्ति अपने क्षेत्रीय मंदिरों को चित्रों के साथ इसमें जोड़ सकता है।
वि.सं.कें., जयपुर
सद्भावना गोष्ठी संपन्न
गत दिनों जयपुर के खैरथल में एक सामाजिक सद्भावना गोष्ठी संपन्न हुई। गोष्ठी के मुख्य वक्ता थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अलवर विभाग के विभाग कार्यवाह श्री अशोक गुप्त। श्री गुप्त ने कहा कि समाज में कर्म के आधार पर वर्ण व्यवस्था थी। कालांतर में मुस्लिमों ने, फिर अंग्रेजों ने हिन्दू समाज में जाति भेद उत्पन्न किया। हम सभी हिन्दू हैं, यही हमारा परिचय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ संपूर्ण हिन्दू समाज को जोड़ने का कार्य करता है। हमें समाज में फैले जातिभेद और छुआछूत को दूर करना होगा और इसकी शुरुआत हमें अपने घर से ही करनी होगी।
वि.सं.कें., जयपुर
''वेद ज्ञान के सागर हैंे''
उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय की संस्कृत, वेद और ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशालाओं ने 27 सितंबर को संयुक्त रूप से 'वेदाध्ययन के विविध आयाम' विषय पर राष्ट्रीय विमर्श का आयोजन किया। इस आयोजन में मुख्य वक्ता विद्वान आचार्य प्रभाकर हिंगे थे। उन्होंने ऋगवेद के अध्ययन और उसके विविध आयामों विशेषकर श्रुति परंपरा की विस्तार से मीमांसा की। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक पराग अभ्यंकर ने चिंता जाहिर की कि हमारे पूर्वजों ने जो ज्ञान संपदा दी है, उसे वर्तमान पीढ़ी विस्मृत कर रही है। इस कारण पाश्चात्य संस्कृति भारतीय संस्कृति पर हावी होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि वेदों में समाहित ज्ञान-विज्ञान को समझना आज की आवश्यकता है। ज्योतिर्विद पं़ आनन्दशंकर व्यास ने वेदों में छिपे गूढ़ तत्वों को अन्वेषित करने वाले लोकमान्य तिलक का स्मरण करते हुए कहा कि तिलक ने आजीवन वेदों की उपासना की। लोकमान्य तिलक सांस्कृतिक न्यास उज्जैन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गिरीश भालेराव ने अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि वेदों ने प्राचीन काल से ही सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में बांधने का महत्वपूर्ण काम किया है।
महेश शर्मा
''वेद ज्ञान के सागर हैंे''
पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज में विश्व संवाद केंद्र द्वारा पं. दीनदयाल जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार श्री ज्ञानेंद्रनाथ बरतरिया उपस्थित थे। श्री बरतरिया ने कहा कि पं. दीनदयाल जी महान चिंतक और संगठनकर्ता थे। श्री उपाध्याय जी ने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. आनंद कुमार सिंह ने अपने कहा कि पंडित जी के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। विभाग प्रचार प्रमुख श्री पवन जैन ने उपस्थित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन श्री नवल किशोर वार्ष्णेय ने किया। प्रतिनिधि
युवा सम्मेलन संपन्न
युवाओं को बस मन बदलने की जरूरत है, अन्य सभी चीजें अपने आप हो जाएंगी। हमेशा देश-समाज को केन्द्र बिन्दु मानकर अपना योगदान दें। यह विचार रा.स्व.संघ के पश्चिम उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री आलोक कुमार ने व्यक्त किए। वे पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मेरठ में महाविद्यालयी विद्यार्थियों के युवा सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।
प्रतिनिधि
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