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इंदौर मालवा प्रांत का प्राध्यापक श्रेणी का प्रांतीय नैपुण्य वर्ग दिनांक 5,6,7 अगस्त को इंदौर में संपन्न हुआ। वर्ग में रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल ने अपने उद्बोधन में कहा-काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक महामना मदनमोहन मालवीय विद्यार्थी का चेहरा देखकर ही जान जाते थे कि वह किसी परेशानी में है और वे कहते थे कि छात्र किसी भी परिस्थिति में अधूरी शिक्षा छोड़ कर न जाए यह जिम्मेदारी विश्वविद्यालय की अर्थात् मेरी है! ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जैसे सभी सफल व्यक्ति अपने शिक्षकों की ऐसी ही संवेदनशीलता को श्रद्घा से स्मरण करते हैं!
पाश्चात्य जगत के शिक्षक और भारतीय शिक्षक में अंतर है कि पाश्चात्य जगत में शिक्षक का विद्यार्थी से व्यावसायिक संबंध है भारी शुल्क लेकर वहां शिक्षक ज्ञान प्रदान करता है। परंतु भारत में शिक्षक विद्यार्थी संबंध गुणात्मक है जिसमें मनुष्य तत्व गुण जगाने हेतु शिक्षक विद्यार्थियों को विश्व ज्ञान के साथ-साथ संस्कार एवं आध्यात्मिक क्षमता तथा राष्ट्रीय दायित्व बोध प्रदान करता है ताकि विद्यार्थी का सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास हो व्यावसायिक रूप लेे चुकी है तब भी अनेक शिक्षक अत्यंत अनुकरणीय कार्य कर रहे हैं।
सर्वविदित है कि सांस्कृतिक आक्रमण और अलगाववाद का सबसे बड़ा शिकार महाविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं! विगत अनेक वषार्ें से महाविद्यालयीन विद्यार्थियों के कार्यक्रम व शिविर आयोजित हो रहे हैं! साथ ही प्राध्यापक स्वयंसेवकों का भी अच्छा योगदान संघ कार्य में हो रहा है!
विद्यार्थिओं में राष्ट्रभाव जागरण और सामाजिक संवेदना जगाने में प्राध्यापक श्रेणी टोलियां की पूरे प्रांत में सक्रिय हो गयी हैं! इन्हीं प्राध्यपकों का यह दो दिवसीय नैपुण्य वर्ग था! वर्ग में प्रांत के 76 महाविद्यालयों से कुल 199 प्राध्यापक उपस्थित थे इनमें से 17 प्राचार्य डायरेक्टर,16 रिसर्च स्कॉलर भी थे! उपस्थित प्राध्यापकों ने अनुभव कथन सत्र में अपने-अपने संस्थाओं में उनके द्वारा चलाए जा रहे प्रयोगों एवं गतिविधियों की जानकारी दी! सभी का अनुभव था कि प्राध्यापक संवेदनशील, सजग व सक्रिय हो तो विद्यार्थी कभी उद्दंडता नहीं कर सकते, व महाविद्यालय का वातावरण भी उत्कृष्ट हो जाता है!
वर्ग में मुख्य रूप से क्षेत्रीय संघचालक श्री अशोक सोहनी, प्रांत संघ चालक डॉ. प्रकाश शास्त्री, प्रांत प्रचारक श्री पराग अभ्यंकर, सह प्रांत प्रचारक डॉ. श्रीकांत उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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