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नई दिल्ली। एनडीएमसी सभागार में 30-31 जुलाई को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शोध अधिष्ठान द्वारा राष्ट्रीय लेखक सम्मेलन आयोजित किया गया। इसमें देशभर से आए सैकड़ों लेखकों, पत्रकारों, सोशल मीडिया से जुड़े विशेषज्ञ बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र के मुख्य वक्ता सुप्रसिद्ध अर्थवेत्ता व नीति आयोग के सदस्य श्री विवेक देवरॉय ने कहा कि हमारा एक संविधान है और संसद व न्यायपालिका उसके दो अंग है। संघ और राज्य सरकारों के कर्त्तव्य एवं अधिकार इसमें वर्णित हैं। हमें मिलजुलकर देश के विकास के लिए ठोस संकल्प लेना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने कहा कि विचारधारा के विना राजनीति नहीं हो सकती। देश के लिए संविधान जरूरी है लेकिन संस्कृति को छोड़कर भी समाज नहीं भाग सकता।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने कहा कि सरकार ने अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचाने का ईमानदार प्रयत्न किया है।
सुप्रसिद्ध फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि हमारी फिल्मों में सात समुद्र पार की सारी चमक-दमक दिखती है, लेकिन भारत के सुदूर गांव और देहात की नहीं।
द्विदिवसीय सम्मेलन में रा.स्व.संघ के सहसरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, वरिष्ठ पत्रकार व राज्यसभा सांसद श्री स्वपन दासगुप्ता, प्रो. वामसी जुलूरी, श्री अरविंदन नीलकंठन आदि ने भी अपने विचार रखे।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अधिष्ठान के निदेशक डॉ. अनिर्वाण गांगुली ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन डॉ. शिवशक्ति बख्शी और श्री अमित मालवीय ने किया। -प्रतिनिधि
सारथी के पत्रक का विमोचन
जयपुर। 31 जुलाई को सारथी संस्थान के पौधारोपण अभियान के पत्रक का विमोचन राजस्थान के राज्यपाल श्री कल्याण सिंह ने अपने आवास पर किया। सारथी संस्थान के सचिव हेमंत जैन ने बताया कि सारथी-संस्थान द्वारा इस वर्ष एक व्यक्ति – एक वृक्ष अभियान के तहत प्रदेश भर में अनेक स्थानों पर पौधारोपण किया जा रहा है। इस अभियान के तहत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं अनेक स्थानों पर जाकर एक व्यक्ति-एक वृक्ष ऐसा संकल्प दिलाकर वृक्षारोपण किया जा रहा है।
सारथी-संस्थान आगामी दिनों में जयपुर में 2100 वृक्ष लगाकर पर्यावरण संरक्षण में अपनी अहम भूमिका निभायेगा। इस हेतु अनेक स्थानों को चिन्हित किया गया है। राज्यपाल निवास पर इस छोटे से किंतु प्रेरणादायक कार्यक्रम में सारथी से जुड़े पदाधिकारी एवं पौधारोपण में शामिल अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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