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नई दिल्ली : 29 जुलाई को भारतीय जनसंचार संस्थान के सभागार में 'पीस, पीपल एंड पासिबिलिटीज इन कश्मीर' विषय पर विश्वग्राम द्वारा दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री इंद्रेश कुमार ने की। कश्मीर के परिप्रेक्ष्य में जिन मुद्दों पर चर्चा की गयी उनमें प्रमुख थे। बेरोजगारी, शिक्षा, इतिहास एवं राष्ट्रवाद।
संगोष्ठी में देश के जाने-माने बुद्घिजीवी, दूरदर्शी, विचारक और प्रमुख विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए। वक्ताओं में यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी के मे. जन. ह्यूम, जनरल पी़ के़ सहगल, स्वदेशी विचारक श्री गोविंदाचार्य, जनरल अहलावत, मेजर जनरल जी़डी़ बख्शी, जनरल आमिर नाइक, सांसद राव उदय प्रताप व गजेंद्र शेखावत, सीपीडीएच की अध्यक्ष प्रो. गीता सिंह, विश्वग्राम और जाने-माने शिक्षाविद् ड़ॉ. आऱबी़ सोलंकी ने प्रमुखता से अपने विचार रखे।
जम्मू, कश्मीर और लद्दाख से आये हुए करीब डेढ़ सौ विशेष अतिथियों ने अपनी दैनंदिन समस्याओं से सभी अतिथियों को अवगत कराया।
संगोष्ठी में कश्मीर पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया कि कश्मीर का सामान्य नागरिक जो कई दशकों से आतंकवाद, अराजकता, अलगाववाद व कट्टरता से त्रस्त है, वहां शान्ति और सौहार्द तथा विकास की गति बढ़ाना सरकार तथा देशवासियोंं, विभिन्न संस्थानों, संस्थाओं एवं मीडिया की अहम् जिम्मेदारी है। इसके साथ ही पाकिस्तान की नकारात्मक भूमिका की भर्त्सना की गयी। इस हेतु राज्य और केंद्र सरकारों से कड़े कदम उठाने की अपील की गयी। इस संगोष्ठी में देश भर से आये विभिन्न वगोंर् के लगभग नौ सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। -प्रतिनिधि
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