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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की हालत बिगड़ती ही जा रही है। उन्मादी और उत्पाती मुस्लिम तत्वों ने ऐसा माहौल बना दिया है कि इस इलाके में हिन्दू दहशत में रह रहे हैं। कट्टरवादियों को सरकार और प्रशासन की शह मिलने से उनके हौसले बढ़ रहे हैं और हिन्दू पलायन कर रहे हैं। पिछले दिनों मुसलमानों की गुंडागर्दी के चलते कैराना और कांधला से हिन्दुओं के पलायन की खबरें लगातार मीडिया में आई थीं, अब अलीगढ़ से ऐसी ही खबरें हैं। यहां के मुहल्ला बाबरी मंडी के हिन्दुओं का दर्द कैराना से कम नहीं है। कोई हिन्दुओं के हित की बात करता है तो उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है। भारतीय जनता युवा मोर्चा, अलीगढ़ महानगर के महामंत्री विनय वार्ष्णेय के साथ इन दिनों यही हो रहा है। वे कहते हैं, '' सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते मैं बाबरी मंडी के लोगों की समस्याओं को उठाता रहा हूं। हाल ही में हुई छेड़खानी की घटना का भी मैंने विरोध किया और प्रशासन को हालात से अवगत कराया। इसके बाद से ही असामाजिक तत्व मुझे मारने की धमकी दे रहे हैं और मेरे बारे में दुष्प्रचार कर रहे हैं। मैंने अपनी जान को खतरे की जानकारी प्रशासन को दे दी है। ''
चारों ओर से मुस्लिम बस्तियों से घिरे इस मुहल्ले के हिन्दू लगातार पलायन कर रहे हैं। पिछले 10 वर्ष में इस मुहल्ले से 50 हिन्दू परिवार पलायन कर चुके हैं। पलायन करने का सबसे बड़ा कारण आए दिन होने वालीं लूटपाट और छेड़खानी की घटनाएं हैं। हिन्दू छात्राओं के लिए कॉलेज जाने का कोई भी रास्ता सुरक्षित नहीं है। शाम ढलते ही मुहल्ले के हिन्दू व्यापारियों को रास्ते में लूट लिया जाता है। स्थानीय निवासी हरिओम अग्रवाल बताते हैं, ''बाबरी मंडी क्षेत्र में छेड़छाड़ और लूटपाट की घटना आम बात है। हिन्दुओं के लिए इस मुहल्ले का कोई भी रास्ता सुरक्षित नहीं है। यदि प्रशासन यहां की घटनाओं पर ध्यान दे तो माहौल ठीक हो सकता है।'' कपिल गुप्ता का भी कुछ ऐसा ही कहना था, ''असुरक्षा के कारण हिन्दू यहां से पलायन को मजबूर हैं। बाहर के हिन्दू यहां के हिन्दुओं से व्यापारिक और वैवाहिक संबंधों को लेकर कतराते हैं।''
स्थानीय हिन्दुओं का दर्द 20 जुलाई की रात को उस समय और बढ़ गया जब मनीषा नाम की एक महिला अपने पति प्रशांत के साथ मायके से काले खां की सराय होते हुए अपनी ससुराल बाबरी मंडी जा रही थी। रास्ते में चार मुस्लिम युवा आमिर, भूरा, शादाब और नदीम ने मनीषा की साड़ी खींची। विरोध करने पर ये लोग मनीषा और उसके पति को खींचकर करीब 80 मीटर अंदर गली में ले गए। इन लोगों ने वहां मनीषा के साथ अश्लील हरकतें कीं और उसके पति के साथ मारपीट की। शोरगुल होने पर मनीषा के ससुर रविन्द्र वार्ष्णेय और अन्य परिजन वहां पहुंचे। उनके साथ आसपास के हिन्दू भी थे। चारों बदमाशों ने मनीषा के परिजनों पर चाकू से हमला किया। इस हमले से मनीषा के ससुर और देवर घायल हो गए। बदमाशों ने अन्य हिन्दुओं को भी डराया-धमकाया। इस बीच मुहल्ले के तमाम मुसलमान वहां इकट्ठे हो गए और हिन्दुओं को मारने-पीटने लगे। दूसरी ओर घरों और मस्जिद की छत से हिन्दुओं पर पथराव और गोलीबारी भी की गई। जब मनीषा और उसके ससुर बदमाशों के खिलाफ एफ.आई. आर. दर्ज कराने पुलिस थाने गए तो पुलिस ने एफ. आई.आर. दर्ज नहीं की। जब इसकी खबर शहर की महापौर शकुंतला भारती को लगी तो वे धरने पर बैठ गईं। इसके बाद पुलिस ने एफ. आई. आर. दर्ज की। लेकिन न जाने क्यों पुलिस इस मामले में बहुत ही सुस्त दिख रही है। इस रपट के लिखे जाने तक केवल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। रविन्द्र कहते हैं, ''प्रशासन की लापरवाही के कारण मुसलमानों के हौसले बुलंद हैं। गुंडागर्दी इस कदर हावी है कि मेरी बहू व बेटे को खींचकर ले गए और विरोध करने पर मस्जिद से पथराव व गोलीबारी की गई।''
इस घटना के बाद से बाबरी मंडी इलाके के हिन्दू दहशत में हैं। हिन्दू वहां से पलायन की सोच रहे हैं। इस इलाके में लंबे समय से ऐसे हालात रहे हैं और प्रशासन का ढुलमुल रवैया कट्टरवादी तत्वों को बल देता रहा है। अलीगढ़ के सांसद सतीश गौतम ने बाबरी मंडी का दौरा करके वहां के हिन्दुओं को आश्वस्त किया है कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। उन्होंने पुलिस को भी हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा। लेकिन अभी तक कोई सेकुलर नेता अलीगढ़ के हिन्दुओं का हालचाल लेने नहीं गया है। शायद उन्हें लगता है कि हिन्दुओं के हित की बात करने से उनका सेकुलरवाद खतरे में पड़ जाएगा। -नागेश बाबा-
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