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गत दिनों दिल्ली के मंडोली स्थित सेवाधाम विद्यालय में किशोरी वर्ग आयोजित हुआ। इसमें दिल्ली के कोने-कोने से 400 से अधिक किशोरियों ने भाग लिया। इस दो दिवसीय आवासीय वर्ग का उद्देश्य था किशोरियों को हर तरह से सशक्त बनाना। वर्ग का आयोजन सेवा भारती दिल्ली प्रदेश ने किया था।
वर्ग का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ़ मनमोहन वैद्य ने किया। इस अवसर पर कहा कि मनुष्य प्राणियों में इसलिए श्रेष्ठ है, क्योंकि उसके पास विचारों की अद्भुत शक्ति है जिससे असंभव को भी संभव किया जा सकता है। फिर किशोरियां तो निर्मात्री हैं, उनके लिए तो किसी भी असंभव को संभव करना कठिन नहीं है।
उन्होंने बताया कि 11 वर्षीया जीजा बाई के मन में मुगलों के अत्याचारों से देश को मुक्त कराने का भाव जागा। यही भाव-बीज आगे चलकर पुत्र शिवाजी के रूप में प्रगट हुआ। उन्होंने अपने पुत्र को निर्भीक, साहसी, पराक्रमी होने के संस्कार देकर सशक्त व्यक्तित्व का निर्माण किया। इतिहास साक्षी है कि शिवाजी ने मुगलों को परास्त कर अपनी माता के सपनों को पूरा किया। ऐसे व्यक्तित्वों के निर्माण की क्षमता केवल किशोरियों में ही हो सकती है।
वर्ग की वर्गाधिकारी सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती गौरी दीक्षित थीं। वर्ग में सामाजिक सुरक्षा, भारतीय संस्कृति और वैज्ञानिकता, शिक्षित नारी, शिक्षित भारत एवं व्यक्तित्व का विकास और कैरियर काउंसलिंग जैसे विषयों पर चक्रीय सत्रोें पर चर्चा हुई। इस अवसर पर प्रान्त सह कार्यवाह श्री दयानंद, सेवा भारती के मंत्री डॉ़ रामकुमार सहित अनेक वरिष्ठ लोग उपस्थित थे। ल्ल प्रतिनिधि
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