''दिशा ठीक हो तो संसाधनों की कमी नहीं होती''
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

''दिशा ठीक हो तो संसाधनों की कमी नहीं होती''

by
Jun 20, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 20 Jun 2016 12:00:57

केन्द्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने सड़कों को महामार्ग और महामागार्ें को राजमार्ग बनाने का बीड़ा उठाया है। अपनी इन योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने की भी कई योजनाएं उनके पास हैं। इसी संदर्भ में पाञ्चजन्य के सहयोगी  सम्पादक आलोक गोस्वामी ने हाल ही में उनसे विस्तृत बातचीत की। यहां प्रस्तुत हैं उसी वार्ता के प्रमुख अंश-

    राजग सरकार को सत्ता में आए दो साल हुए हैं और आपके मंत्रालय की चर्चा बड़े सकारात्मक कारणों से हो रही है। इसकी क्या वजह मानते हैं?
अगर आप सकारात्मक रवैया रखते हुए ठोस कार्य करते हैं, तो आपको निश्चित रूप से सकारात्मक कवरेज मिलती है और सरकार के नाते हमारा उद्देश्य है अधिकतम पारदर्शिता के साथ त्वरित काम करना। जहां तक सड़क परिवहन मंत्रालय का संबंध है, तो हमारा दृढ़ विश्वास है कि असली विकास तब तक जनता तक नहीं पहंुच सकता जब तक ढांचागत आधार न तैयार किया जाए। सड़कें हों, अंदरूनी मार्ग या जलमार्ग, ये सारी सुविधाएं देश की तरक्की में योगदान देती हैं। हमने जब सत्ता संभाली थी तब 3़ 85 लाख करोड़ की 403 परियोजनाएं विभिन्न कारणों से डांवाडोल स्थिति में थीं। बैंकों, स्थानीय प्रतिनिधियों, ठेकेदारों आदि के साथ लगातार प्रयास के बाद हमने 14 परियोजनाओं को छोड़कर ज्यादातर पर काम शुरू करवा दिया है। हमने सुनिश्चित किया है कि भू स्वामियों को उचित हर्जाना मिले ताकि वे भी इस विकास प्रक्रिया में सहभागी बनने की खुशी प्राप्त कर सकें। सड़क विकास, जल तथा अंदरूनी संपर्क की परियोजनाओं के हमने 2 लाख करोड़ के ठेके दिए हैं। अगले 3 सालों में हमारा लक्ष्य 25 लाख करोड़ के ढांचागत काम को पूरा करने का है, रोजाना 41 किमी सड़क बनाने की दर से। ये कुल जीडीपी में 2 से 3प्रतिशत का योगदान देगा। मुझे विश्वास है कि हम ये लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।

  आपका मंत्रालय तीर्थों की राह सुगम बनाने का प्रयास कर रहा है। इससे जुड़ी योजनाएं क्या हैं?
बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। वहां हर साल बारिश और बाढ़ में सड़कें बह जाया करती थीं। इसलिए अब हमने बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए सड़क की एक नई एलाइनमेंट तैयार की है। यह पूरी तरह कंक्रीट और सीमेंट की सड़क होगी, जो बाढ़ वगैरह की स्थिति में भी बंद नहीं होगी। इसमें सुरंगें भी होंगी। 1,100 किलोमीटर लंबी और 12,000 करोड़ रु. से बनने वाली इस सड़क की सुरक्षा की भी चिंता की गई है। अभी इसके 800 किमी हिस्से पर काम चालू है।

 इससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को कितना लाभ होगा?
इसमें शक नहीं है कि दुनियाभर से श्रद्धालु इन तीर्थों पर आते हैं। इस सड़क के साथ-साथ हम सड़क किनारे सुविधाएं मुहैया कराएंगे, क्योंकि वहां पहाड़ हैं, ऊंचाई पर दिक्कत न आए, इसलिए सड़क से लगते छोटे अस्पताल होंगे, रहने-खाने की सुविधाएं होंगी।

    क्या कैलास-मानसरोवर के लिए भारत से कोई मार्ग बनाने की सोच रहे हैं?
बेशक, मानसरोवर हमारा श्रद्धा-केन्द्र है। हमारी इच्छा रही है कि भारत से होकर मानसरोवर के लिए एक सड़क बने। इसीलिए हम पिथौरागढ़ (उत्तराखण्ड) से मानसरोवर के लिए सड़क बना रहे हैं। इस सड़क का 42 प्रतिशत हिस्सा बनाना एक दुरूह काम है क्योंकि बीच में हिमालयी पहाड़ हैं। सीमा सड़क संगठन इस काम में जुटा हुआ है। खास इसी काम के लिए हमने ऑस्ट्रेलिया से मशीनें मंगाई हैं, जो बड़ी चट्टानें काट सकती हैं। वहां यह काम चालू हो चुका है और उम्मीद है, आने वाले अप्रैल-मई तक यह काम हो जाएगा और यात्री भारत के पिथौरागढ़ से सीधे मानसरोवर जा पाएंगे।

   देश में आज भी कितने ही तीर्थस्थान हैं जहां जाने को सड़कें नहीं हैं। वहां कोई सुविधा नहीं है। क्या आपने उस तरफ भी ध्यान दिया है ?
हमने राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को देश के प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों को सड़क से जोड़ने का आदेश दिया है। उदाहरण के लिए, पंढरपुर को लीजिए। यहां देहू से पंढरपुर और आलंदी से पंढरपुर जाने वाले दो पालकी मार्ग हैं जिनसे पालकियां ले जायी जाती हैं। हमने यहां भी 12,000 करोड़ रु. लागत से सीमेंट, कंक्रीट का 4 लेन का राजमार्ग बनाने का फैसला किया है। उस पालकी मार्ग में ऐसे स्थान आते हैं जहां श्रद्धालु रात्रि विश्राम के लिए ठहरते हैं। ऐसे स्थानों पर हम सड़क किनारे सब सुविधाओं से युक्त विश्रामस्थल बनाने वाले हैं, जहां एक साथ 10,000 लोग ठहर सकेंगे। माता जानकी नेपाल से थीं, तो उस स्थान को जोड़ने वाली एक सड़क बनाने की योजना है। इसी के साथ राम के वनवास मार्ग पर भी हम सड़क बनाने की सोच रहे हैं। दोनों सड़कों पर हम करीब 15,000 करोड़ रु. लगाएंगे। इसे राष्ट्रीय महामार्ग घोषित करके पूरी कंक्रीट की सड़क बनाएंगे। इस योजना को हमने 'रामायण सर्किट' नाम दिया है। इसी तरह हमने 4,500 करोड़ रु. का 'बुद्ध सर्किट' का काम भी हाथ में लिया है। यह बनारस से सारनाथ होते हुए भगवान बुद्ध की जन्मस्थली तक की पक्की सड़क होगी।

  यह तो हुई भारत की धार्मिक संस्कृति से जुड़ी योजनाएं। क्या भारत की महान विभूतियों से जुड़े स्थानों के लिए भी कुछ सोचा गया है?
छत्रपति शिवाजी महाराज की नौसेना के प्रमुख कानोजी आंग्रे के बंदरगाह कानोजी आंग्रे जेट्टी पर हमने एक लाइट एंड साउंड शो चालू करने की योजना बनाई है जिसमें शिवाजी का पूरा इतिहास दिखाया जाएगा। इस योजना के तहत और काम भी किए जाएंगे। हम सिर्फ सड़कें ही नहीं बनाएंगे बल्कि
भारत की धार्मिक-सांस्कृतिक विरासत को
भी सहेजेंगे।  

  राजमार्गों के साथ-साथ 'रोड साइड एमिनिटीज' बनाने की योजना क्या है?
इसके अंतर्गत हम 1,300 रोड साइड एमिनिटीज बना रहे हैं। इसमें से 70 का टेन्डर जारी हो चुका है। जैसे, मान लीजिए उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद शहर है, जो पीतल के बरतनों के लिए मशहूर है। तो हम वहां सड़क से सटकर एक संग्रहालय जैसा बनाएंगे जो वहां के पीतल उद्योग की झलक दिखाएगा। इससे उस खास वस्तु का प्रचार होगा। वहां दुकानें होंगी खरीदारी के लिए। इसे हमने 'हाइवे विलेज' नाम दिया है। वहां पेट्रोल पंप होगा, अन्य जन-सुविधाएं होंगी। 3 स्टार सुविधाएं मिलेंगी वहां। तो कहीं का फल-सब्जी मशहूर होगी तो वहां उसकी प्रदर्शनी होगी, कहीं की चाट मशहूर है, तो वहां उसे प्रचारित किया जाएगा, कहीं लकड़ी का, शीशे का काम अच्छा होता है तो वहां उसका प्रचार किया जाएगा।

अभी दिल्ली से कटरा जाने में 12 घंटे लगते हैं। एक्सप्रेस वे बनने के बाद 4 घंटे में कटरा पहंुचा  जा सकेगा।

अगर आपका नजरिया सकारात्मक है और अपने प्रयासों के प्रति सभी पक्षो का विश्वास प्राप्त है तो हर चीज संभव है। अंत्योदय की राह यही है।

 

ऐसे ही नागपुर में संतरा है। हालांकि मैं मांसाहारी नहीं हूं पर वहां 'सावजी मटन' मशहूर है जिसके बारे में कहावत है कि वह ऐसा चटपटा होता है कि खाने वाले के बाल खड़े हो जाएं। ये पूरे महाराष्ट्र में मशहूर है। नागपुर में उसकी ब्रांडिंग करके उसका भी एक रेस्टोरेंट बनवाएंगे। इसका मकसद यह है कि स्थान विशेष की परंपरा, खासियत की झलक पेश की जाए। जैसे, मधुबनी चित्रकला वाले स्थान पर उसकी झलक दिखाएंगे।

कई नए एक्सप्रेस हाइवे बनाए जाने की बात सुनने में आई है। वे कौन से हैं?
हम दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस हाइवे बना रहे हैें। हम दिल्ली से हरियाणा के जींद शहर होते हुए कटरा तक एक्सप्रेस हाइवे बना रहे हैं। जहां अभी दिल्ली से कटरा जाने में 12 घंटे लगते हैं। वहीं इसके बनने के बाद 4 घंटे में कटरा पहंुचा जा सकेगा। जैसे मैंने मुम्बई-पूना एक्सप्रेस हाइवे बनवाया था वैसे ही आपकी गाड़ी दिल्ली-कटरा एक्सप्रेस हाइवे पर 160 किमी की रफ्तार से जाएगी। इस पर कहीं कोई पुल, चौराहा वगैरह नहीं आएगा, कहीं रुकना नहीं पड़ेगा। इसी तरह दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेस हाइवे की एलाइनमेंट पर फैसला हो गया है। दिल्ली-हरिद्वार राजमार्ग पर पहले बहुत जाम लगता था, अब उस पर तेजी से काम हुआ है। मुजफ्फरनगर से देहरादून तक की सड़क 85 प्रतिशत बन चुकी है।
ल्ल कुछ लोगों का कहना है आप अमीरों के लिए बड़े पुल और राजमार्ग बनाते हैं। आप पीपीपी (प्राइवेट-पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल पर काम करते हैं। इन आरेापों पर आप क्या कहेंगे?
मैंने मुम्बई में वर्ली सी-लिंक बनवाया था। उसमें पीपीपी मॉडल पर काम चला। उस परियोजना में सरकार को अपना पैसा नहीं लगाना पड़ा। तो उससे हमें जितना पैसा बचा वह मैंने ग्रामीण इलाकों की सड़कें बनाने पर खर्च किया। इसमें क्या खराबी है? भारत के गांवों को सड़क से जोड़ने के लिए पीपीपी से काफी पैसा बच जाता है।

 
 आपने जो योजनाओं गिनाईं उनके लिए काफी बड़े बजटीय प्रावधानों की जरूरत है। इसे कैसे प्राप्त करेंगे?
मैं महाराष्ट्र में पीडब्ल्यूडी मंत्री के नाते यह कर चुका हूं। मेरा सीधा सा सिद्धांत है कि उन लोगों को टोल आदि के शुल्क के साथ शहरी सुविधाएं दो जो इसे वहन कर सकते हैं और बजटीय प्रावधानों को ग्रामीण ढांचागत कामों में खर्च करो ताकि गरीबों को लाभ पहंुचे। अंत्योदय का हमारा राजनीतिक दर्शन भी इसी पर आधारित है। अगर आपका नजरिया सकारात्मक है और अपने प्रयासों के प्रति सभी पक्षों का विश्वास प्राप्त है तो हर चीज संभव है। दिशा ठीक हो तो संसाधनों की कमी नहीं होती।  

   चाबहार करार से भारत को मुख्यत: क्या लाभ होने वाला है?
चाबहार करार के बाद हम भारत से सीधा ईरान माल भेज सकेंगे। चीन ने पाकिस्तान में जो ग्वादर बंदरगाह बनाया है उसको हमने चाबहार करार से पटखनी दी है। अब पाकिस्तान हमारे व्यापार के रास्ते में नहीं
आ सकता। पहले हमें ईरान और अफगानिस्तान माल भेजने में कठिनाई आती थी, पर अब हम पाकिस्तान को एक तरफ छोड़ते हुए सीधे ईरान और वहां से अफगानिस्तान होते हुए मध्य एशिया तक जा सकते हैं। चाबहार बंदरगाह को रेल से जोड़ने में भी भारत पूरी मदद करेगा। करीब 1380 किमी की रेल लाइन बिछाई जाएगी। यह करार सही मायनों में एक बड़ी
सफलता है।    

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies