|
जबलपुर। 31 मई को सरस्वती शिक्षा परिषद मध्यप्रदेश, महाकौशल प्रांत द्वारा प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षा में राज्य स्तर पर शीर्ष मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. कपिलदेव मिश्र थे। नगर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. जितेन्द्र जामदार, प्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. कैलाश गुप्ता, विद्याभारती के प्रांत संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी और प्रांत अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार गुप्ता ने भी प्रतिभाशाली छात्रों का उत्साह बढ़ाया। ज्ञातव्य है कि इस वर्ष की बोर्ड परीक्षा में म.प्र. की मेरिट सूची में पहले तीन स्थान सहित 13 छात्र-छात्राओं ने प्रदेश में अपना स्थान बनाया है। इसके साथ ही जिले की प्रावीण्य सूची में 54 छात्र-छात्राएं आयी हैं। इन्हें स्मृति चिन्ह, प्रमाण पत्र और नगद राशि देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ. नरेन्द कोष्टी, डॉ. सुधीर अग्रवाल, श्री महेन्द्र पांडेय, डॉ. आदित्य मिश्र, श्री सियाराम गुप्ता सहित अनेक प्राचार्य, प्रधानाचार्य, छात्र-छात्राएं और अभिभावक उपस्थित रहे। प्रतिनिधि
डॉ. अखिलेश गुमास्ता का सम्मान
पिछले दिनों नगर के जाने-माने अस्थिरोग विशेषज्ञ और राम अवेयरनेस मूवमेंट के नाम से रामायण के लिए समर्पित डॉ. अखिलेश गुमास्ता को सम्मानित किया गया। केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा रामायण परिपथ के सदस्य के रूप में 5 सदस्यीय समिति में मध्य प्रदेश से उनका मनोनयन हुआ है। इस कार्यक्रम में उन्हें विद्या भारती महाकौशल प्रांत के संगठन मंत्री डॉ. पवन तिवारी द्वारा शॉल श्रीफल से सम्मानित किया गया। गढ़ा रामलीला समिति के अशोक मनोध्या, डॉ. सुधीर अग्रवाल, कटनी के महापौर श्री शशांक श्रीवास्तव आदि ने भी डॉ. अखिलेश गुमास्ता को बधाई दी।
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
कोलकाता। विगत दिनों विभिन्न संस्थाओं की ओर से महाजाति सदन में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता दिवंगत जुगलकिशोर जैथलिया की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई।
राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय ने इस अवसर पर कहा कि जुगल जी आज काया से भले ही न हों, लेकिन वे स्मृति में, वातावरण में सदैव जीवित रहेंगे। कुमारसभा पुस्तकालय के विभिन्न आयोजन जुगलजी की सूझबूझ के परिचायक हैं जिसकी सुगंध सारे देश में व्याप्त है। त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय ने कहा कि वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। विभिन्न क्षेत्रों के कार्यों के प्रति उनका समर्पण असाधारण था। उनका अवसान मेरी व्यक्तिगत क्षति है। गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र ने कहा कि जैथलिया एक ऐसे नायक थे, जिन्होंने स्वयं को पीछे रखकर दूसरों को नायक बनाया। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि जुगलजी संघ की परिपूर्ण मानव धारणा का जीता-जागता स्वरूप थे। वरिष्ठ कानूनविद् सज्जन तुल्स्यान व समाजसेवी सरदारमल कांकरिया सहित अनेक विशिष्ट जन ने दिवंगत जैथलिया जी को अपनी श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्र सेविका समिति का शिविर संपन्न
नई दिल्ली। राष्ट्र सेविका समिति, झंडेवालान विभाग द्वारा सनातन धर्म सरस्वती बाल मंदिर, पंजाबी बाग में 24 से 28 मई तक पांच दिवसीय ग्रीष्मकालीन प्रारंभिक शिक्षा शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में 14 से 35 वर्ष तक की 150 बालिकाओं और गृहणियों ने प्रशिक्षण लिया। शिविर के समापन में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्र सेविका समिति, मेधाविनी मंडल दिल्ली प्रान्त की सह-संयोजिका डॉ़ निशा राणा (एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य एवं प्रबंधन, दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने तेजस्वी भारत के विषय में छात्राओं का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आज बालिकाओं को शारीरिक रूप से ही नहीं अपितु मानसिक तौर पर सुदृढ़ होने की आवश्यकता है। इसके लिए देशभर में राष्ट्र सेविका समिति द्वारा ऐसे प्रशिक्षण वर्ग चलाए जाते हैं।
मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के लक्ष्मीबाई कॉलेज की प्रधानाचार्या डॉ. प्रत्यूष वत्सला ने कहा कि इस शिक्षा वर्ग में छात्राएं देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाली रानी लक्ष्मीबाई की तरह बनने को प्रेरित हुई हैं। इन शिक्षा वर्गों से बालिकाओं का शारीरिक और बौद्धिक प्रशिक्षण मजबूत और टिकाऊ होगा। इस वर्ग में छात्राओं को आत्म-सुरक्षा, दण्ड-प्रहार, शारीरिक-दक्षता, योगाभ्यास और खेल का पांच दिन तक पूर्णकालिक अभ्यास करवाया गया। वि.सं.के.,
महाराणा प्रताप जयन्ती का आयोजन
उदयपुर। 7 जून को समुत्कर्ष समिति द्वारा महाराणा प्रताप की 476वीं जयन्ती के अवसर पर फतह स्कूल में परिचर्चा का आयोजन किया गया।
महिला समृद्घि बैंक के मुख्य कार्यकारी विनोद चपलोत ने कहा कि हमारे इतिहास में अकबर महान कहला रहा है, जबकि आजादी की लड़ाई लड़ने वाले प्रताप को भुला दिया गया है।
समिति अध्यक्ष श्री संजय कोठारी ने मेवाड़ के प्रति प्रताप की प्रतिबद्घता व बालकिशन वैष्णव ने हल्दीघाटी युद्घ सहित प्रताप की कूटनीति व युद्घ नीति का उल्लेख किया। श्री तरुण शर्मा ने कहा कि मेवाड़ के कण-कण में महाराणा के बलिदान की उत्कट कामना छिपी हुई है। श्री हरिदत्त शर्मा ने कहा कि महाराणा ने स्थापत्य, मंदिर निर्माण के साथ मेवाड़ी चित्रकला शैली का विकास करवाया। वक्ताओं का स्पष्ट विचार था कि प्रताप के विलक्षण व्यक्तित्व एवं कृतित्व की पुनर्प्रतिष्ठा होनी चाहिए। प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ