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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत व सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने संत निरंकारी मिशन के चौथे गुरु श्रद्धेय बाबा हरदेव सिंह जी के आकस्मिक निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोकसंदेश में कहा कि संत निरंकारी मिशन के प्रमुख एवं आध्यात्मिक गुरु श्रद्धेय बाबा हरदेव सिंह जी का आकस्मिक निधन आध्यात्मिक जगत के लिए अत्यंत दु:खद घटना है। श्रद्धेय बाबा का जीवन समाज एवं अध्यात्म के प्रति सदैव संवेदनशील रहा है। देश और दुनिया में अध्यात्म के लिए उनका योगदान सदा ही अविस्मरणीय रहेगा।
श्रद्धेय निरंकारी बाबा का जाना विश्व के आध्यात्मिक जगत से एक वैचारिक एवं मूल्यवान संपदा की अपूरणीय क्षति जैसा है। श्रद्धेय बाबा ने अध्यात्म और सेवा के माध्यम से न केवल मानव समाज का कल्याण किया है बल्कि संत निरंकारी मिशन के माध्यम से विश्व के अनेक देशों में भारतीय चिंतन पर आधारित अध्यात्म और संस्कृति को प्रचारित-प्रसारित किया है।
श्रद्धेय बाबा ने संत निरंकारी मिशन के करोड़ों अनुयायियों एवं सामान्यजनों को जीवन और मानव धर्म के महत्व एवं दायित्वों का बोध कराया जिसके फलस्वरूप संत निरंकारी मिशन ने वैश्विक स्वरूप धारण किया। ऐसी आध्यात्मिक विभूति एवं परिश्रम सिद्ध व्यक्तित्व का आज हमारे मध्य से चले जाना अत्यंत दु:खद एवं असहनीय प्रसंग है।
आदरणीय बाबा जी की प्रेरणा से आज सैकड़ों प्रकार के सेवाकार्यों द्वारा जो कार्य हो रहे हैं, वे निश्चय ही और अधिक गति से
आगे बढ़ेंगे।
श्रद्धेय बाबा जी का जीवन भारतीय संत परंपरा की एक तेजस्वी धरोहर के रूप में लाखों लोगों के जीवन को युगों तक प्रकाश देता रहेगा।
हम परम आदरणीय पूज्य बाबा जी के समस्त परिवारजनों, स्नेहीजनों एवं अनुयायियों को इस दु:खद घड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सभी स्वयंसेवकों एवं हमारी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और ईश्वर से कामना करते हैं कि उनकी पवित्र आत्मा को सद्गति प्रदान करें। प्रतिनिधि
विहिप ने दी श्रद्घांजलि
नई दिल्ली : विश्व हिन्दू परिषद ने 17 मई, 2016 को निरंकारी संत बाबा हरदेव सिंह को अपने श्रद्घासुमन अर्पित करते हुए भावभीनी श्रद्घांजलि दी है। विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओम प्रकाश सिंहल बुराड़ी रोड पर बाबा के अंतिम दर्शनार्थ पहुंचे और पार्थिव शरीर पर शॉल ओढ़ाकर विश्व हिन्दू परिषद परिवार की ओर से अपने श्रद्घासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाबा जी मानवता की प्रतिमूर्ति तथा धर्म, आध्यात्मिकता, न्याय व समानता के पुजारी थे। उनके शरीर छोड़ने से विहिप को गहरा आघात लगा है। उन्होंने प्रभु से कामना की कि दु:ख की इस घड़ी में उनके परिजनों, अनुयायियों और शुभचिंतकों को धैर्य व शक्ति के साथ हम सभी को उनकी पवित्र राह पर चलने की प्रेरणा प्रदान करे। प्रतिनिधि
नम आंखों से दी महानगर संघचालक को विदाई
मुरादाबाद : 15 मई को रा.स्व.संघ के महानगर संघचालक श्री हरि किशन रस्तोगी (दारा वाले) का स्वर्गवास हो गया। स्वयंसेवकों ने अश्रुपूरित नेत्रों से 16 मई को संघ कार्यालय ओम भवन, गांधी नगर, मुरादाबाद में उन्हें श्रद्घांजलि दी।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में संघ एवं आनुषंगिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उनके अतुलनीय प्रेम, व्यवहार, कुशल नेतृत्व क्षमता, सेवा कार्य, समयबद्घता आदि गुणों एवं उनके कायोंर् का वर्णन किया। रा.स्व.संघ के प्रान्त सेवा प्रमुख श्री जय किशन, महानगर सह संघचालक सुभाष विश्नोई, प्रान्त सह बौद्घिक प्रमुख ओम प्रकाश शास्त्री व डॉ. विशेष गुप्ता आदि कार्यकर्ताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
वक्ताओं ने कहा कि श्री हरिकिशन रस्तोगी जीवनभर विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े रहे। वे पिछले लगभग 35 वर्ष से रा.स्व.संघ से जुड़े रहे, 2002 में उन्होंने महानगर सह संघचालक का दायित्व संभाला, 11 वषोंर् तक इसी दायित्व पर बने रहे। तीन वर्ष पहले उन्हें महानगर संघचालक की जिम्मेदारी दी गई। इसके अतिरिक्त वे महाराजा हरिश्चन्द्र डिग्री कॉलेज के प्रबंधक एवं अन्य सामाजिक संस्थाओं में सक्रिय रूप से भाग लेते रहे।
ल्ल प्रतिनिधि
डॉ. नरेन्द्र देसाई दिवंगत
मुंबई। 13 मई को मुंबई में राष्ट्रीय सेवा भारती के उपाध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र देसाई का हृदयगति रुकने से देहान्त हो गया, वे 71 वर्ष के थे। वे अपने पीछे पत्नी और एक पुत्र व पुत्री छोड़ गए हैं। रत्नगिरि में जन्मे डॉ. देसाई बाल्यकाल से ही संघ के स्वयंसेवक रहे। वे मुंबई में अध्ययन करने आए थे और बाद में के.ई.एम. अस्पताल के औषध विज्ञान विभाग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए। वे पारले विभाग के संघचालक बनने के बाद 1996 में सेवा विभाग से जुड़े और कई दायित्वों का निर्वाह किया। ल्ल
प्रतिनिधि
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