|
पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख अजहर मसूद भारतीय मुस्लिम नौजवानों के मन में कट्टरपन और नफरत का जहर घोल रहा है। उसका असर यहां के युवा मुस्लिम मन पर होता दिख रहा है। ऐसे एक युवक की देवबंदी मुस्लिम मसलक के केंद्र देवबंद से 4 मई को गिरफ्तारी हुई।
अजहर मसूद के देवबंद से जुडे़ तारों से भारतीय कूटनीतिक एवं खुफिया एजेसियां, दोनों सकते में हैं। अजहर मसूद की तालीम देवबंदी मसलक के मदरसों में ही हुई है। अजहर मसूद 20-22 साल पहले देवबंद आकर कुछ माह के लिए वहां रह चुका है। पुलिस और खुफिया एजेंसियों को उसके देवबंद में होने की भनक लगने से पहले ही वह यहां से फरार हो गया था।
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और देवबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में देवबंद के मुहल्ले बडजियाउलहक के एक मकान से गिरफ्तार 23 वर्षीय शाकिर अंसारी कितना कट्टर है, इसका अंदाजा उसकी गिरफ्तारी के वक्त दिए उसके बयान से लगाया जा सकता है। उसने कहा था कि वह अपने मजहब को बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है, किसी भी हद तक जा सकता है।
एसएसपी, सहारनपुर राजेंद्र प्रसाद सिंह यादव के मुताबिक दिल्ली पुलिस, एटीएस और उ.प्ऱ एटीएस का एक दल दिल्ली पुलिस के दारोगा मनोज कुमार की अगुआई में 4 मई को बडे़ सवेरे देवबंद कोतवाली पर पहुंचा। कोतवाली प्रभारी विजय प्रकाश सिंह की सहायता से एक बड़े दल ने शाकिर अंसारी को उसके घर से तड़के ही गिरफ्तार किया। उस वक्त घर में उसके पिता सईद अंसारी और मां नसीमा बानो भी मौजूद थे।
शाकिर ने पुलिस पूछताछ में अजहर मसूद से प्रभावित होने और उसके लिए काम करने की बात खुद कही। शाकिर को लगता है कि उसके मजहब के लोगों के साथ 'जुल्म और शोषण हो रहा है, जिससे वह बेहद आहत' है।
एसएसपी सहारनपुर राजेंद्र प्रसाद सिंह यादव ने बताया कि शाकिर अंसारी की गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा की गई है। दिल्ली पुलिस ने पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से प्रभावित दो युवकों को दिल्ली और लोनी, गाजियाबाद से गिरफ्तार किया है। शाकिर अंसारी गुपचुप जैश-ए-मोहम्मद के प्रभाव में रहकर अपनी गतिविधियां चला रहा था।
शाकिर की गतिविधियों पर उसके पिता और मां को कभी संदेह नहीं हुआ। नसीम बानो शाकिर को बेकसूर मानती है। नसीम बानो के मुताबिक शाकिर एक माह बाद राजस्थान के जोधपुर के गांव फौलादीपुर स्थित एक मदरसे में मौलवियत की पढ़ाई कर कुछ दिनों पहले ही घर लौटा था। वह देवबंद के मुहल्ला किला समेत कई बाजारों में ठेली पर कपडे बेचने का काम करता था।
शाकिर के पिता सईद अंसारी पहले बिजली मोटर मिस्तिरी थे। अब शाकिर के साथ रेडीमेड कपडे़, जूते, मोबाइल की लीड आदि बेचने में सहयोग करते थे। शाकिर का एक भाई दिल्ली के ओखला की अबुल फजल कॉलोनी में चिकित्सक है और दूसरा भाई इंजीनियर है। शाकिर तीन भाइयों में सबसे छोटा है, उसने इंटर की परीक्षा पास की है। वह ज्यादातर देवबंद मेंं ही रहकर बाजार में पटरी पर दुकानदारी करता था। दारूल उलूम से जुड़े सूत्रों ने शाकिर अंसारी की गिरफ्तारी पर हैरत जताई है।
शाकिर की देवबंद से गिरफ्तारी के बाद पुलिस चौकसी और गश्त बढ़ गई है। शाकिर के स्थानीय संपकार्ें की तलाश की जा रही है। वह इंटरनेट के माध्यम से अपने दूसरे साथियों के संपर्क में था।
दिल्ली पुलिस के मुताबिक शाकिर आतंकी संगठन के सदस्यों के साथ मिलकर दिल्ली में बम विस्फोट की तैयारी कर रहा था। वह पिछले 20 दिनों से विस्फोटक सामग्री को जोड़ने का अभ्यास कर रहा था। घरवालों को जोधपुर जाने की बात कहकर शाकिर दिल्ली में बम विस्फोट करने के तरीके सीख रहा था।
दिल्ली पुलिस को संदेह है कि शाकिर अकेला इस रास्ते पर नहीं चल रहा होगा, उसके और साथी भी होंगे जो अजहर मसूद के जिहादी मंसूबों को मन ही मन बढ़ाने की फिराक में होंगे।
निश्चित रूप से उ.प्र. पुलिस के साथ मिलकर दिल्ली पुलिस और केन्द्रीय गुप्तचर एजेंसियों को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपनी जांच जारी रखनी होगी। -सुुरेंद्र सिंघल
टिप्पणियाँ