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माकपा की खूनी राजनीति का गढ़ रहे कन्नूर जिले के माकपा सचिव पी. जयराजन अपनी पार्टी की राजनीतिक हिंसा को जायज ठहराते हैं। 24 अप्रैल को तिरुअनंतपुरम जिले के कटक्कदा की एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ''यदि उधार चढ़ता रहा, तो हमें उसे चुकाना ही होगा।'' यहां 'उधार' से मतलब 'पार्टी कर्मियों पर हमले' से है। खास बात यह है कि इन दिनों जयराजन रा.स्व.संघ के अधिकारी कथिरूर मनोज की हत्या के सिलसिले में जमानत पर हैं। जयराजन को कुछ शतार्ें पर जमानत मिली कि वह दो महीने तक या आरोप पत्र दाखिल होने तक कन्नूर जिले में कदम नहीं रखेंगे।
जयराजन की जमानती अर्जियों में हमेशा उनके दिल की बीमारी का जिक्र होता है। ऐसे भी आरोप हैं कि वह डॉक्टरों द्वारा ठीक घोषित किए जाने के बावजूद अस्पतालों में भर्ती रहते हैं।
जयराजन के 'उधार' वाले बयान ने केरलवासियों को सकते में डाल दिया था क्योंकि उसके जरिये वह माकपा की खूनी राजनीति की हिमायत कर रहे थे। भाजपा के राज्य प्रमुख कुमन्नम राजशेखरन ने कड़े शब्दों में इस बयान की निंदा की। गृहमंत्री रमेश चेन्नितला ने कहा, ''जयराजन के बयान से माकपा की बदले की राजनीति की तस्दीक हो गई।'' उन्होंने जयराजन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सरकार जयराजन के विवादास्पद भाषण की जांच करेगी।
रिपोर्ट के अनुसार जयराजन और उनके पार्टी सहयोगी विधायक टी़ वी़ राजेश को जल्दी ही मुस्लिम लीग समाजसेवी अरियिल शकूर की हत्या के आरोप में सीबीआई गिरफ्तार कर सकती है। दरअसल, माकपा का दोमुंहापन इससे भी जाहिर हो गया कि दिल की बीमारी की बुनियाद पर जमानत पर छूटे जयराजन को उसने राज्य के विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान में तुरंत झोंक दिया।
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