''मेरे बेटे के हत्यारे खुले घूम रहे हैं ''
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

''मेरे बेटे के हत्यारे खुले घूम रहे हैं ''

by
May 2, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 02 May 2016 12:28:00

कन्नूर में हिंसा की राजनीति की बात करें तो के.टी.जयकृष्णन मास्टर वहां कम्युनिस्ट आतंक के शिकारों के प्रतीक बन चुके हैं। इन पर हुआ हमला अब तक का सबसे जघन्य हमला रहा है। 1 दिसम्बर, 1999 के दिन सुबह करीब 10:35 बजे मास्टर पनूर के मोकेरी ईस्ट यू.पी. स्कूल में छठी कक्षा के छात्रों को पढ़ा रहे थे। तभी कम्युनिस्ट हिंसक तत्वों का एक गुट कक्षा में घुस आया और छात्रों के सामने ही उनकी हत्या कर दी।
मास्टर की मां कौशल्या बीते दिनों को याद करते हुए बताती हैं, ''वे जब 10वीं में थे तब उनके पिता का साया उनके सिर से उठ चुका था। बच्चों को पालने-पोसने और पढ़ाने लिखाने के लिए मैंने रात-दिन एक कर दिया। मैं उसे कहती थी कि कम्युनिस्टों के खिलाफ कोई काम मत कर। पर उसे कोई परवाह ही नहीं थी। उसने मुझसे हर चीज छुपाई, यहां तक माकपा नेताओं की धमकियां भी, क्योंकि वह मुझे परेशान नहीं करता चाहता था।''
वे आगे बताती हैं, ''स्कूल से लौटने के फौरन बाद भाजयुमो के काम में जुट जाता था, उसका प्रदेश उपाध्यक्ष जो था। घर लौटते हुए देर रात हो जाया करती थी। वह राजनीति में बढ़-चढ़कर भाग लेता था और मुझे तो इन सब चीजों को पता भी नहीं था। लेकिन एक चीज मैं जानती थी कि मेरा बेटा कभी किसी को तकलीफ नहीं पहुंचा सकता था। उसके लिए सब बराबर थे, चाहे वे स्कूल के साथी हों या राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी।''
श्रीमती कौशल्या आहत स्वरों में कहती गईं,''स्कूल में अध्यापक बनने के बाद वह राजनीति में पहले से ज्यादा व्यस्त हो गया। उसके राजनीतिक विरोधी इसे सहन नहीं कर पाये। मार्च में उसकी शादी होने वाली थी लेकिन इससे पहले ही उन्होंने उसे मार दिया। लेकिन आज भी मेरे बेटे के हत्यारे खुले घूम रहे हैं।'' उस घटना के बारे में एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि माकपा से उनको मिली धमकियों के चलते राज्य सरकार ने उन्हें एक अंग रक्षक दिया था।
माकपा गंुडों के कक्षा में घुसकर हमला बोलने से ठीक पहले वह अंगरक्षक न जाने कहां गायब हो गया था। वे गुंडे माकपा के नारे लगाते हुए बच्चों से चुपचाप बैठे रहने के लिए कहते रहे। उनकी आंखों के सामने उनके प्यारे शिक्षक को चाकुओं से गोद डाला। जाने से पहले हत्यारों ने ब्लैक बोर्ड पर बच्चों के लिए चेतावनी लिखी थी-कोई मंुह न खोले। कई बच्चों के दिमाग पर उस घटना का बहुत ही बुरा असर पड़ा और डॉक्टरी इलाज कराना पड़ा।
पनूर पुलिस ने मामले की जांच की और 7 माकपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। 5 साल बाद अतिरिक्त सत्र अदालत ने 5 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई। उस पत्रकार के अनुसार, पार्टी ने 'मोकेरी कॉमरेडों के लिए चंदा' लिखे बैनरों के साथ 2 करोड़ रु. की राशि एकत्र की और निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की। आरोपियों की तरफ से रामजेठमलानी ने मामला लड़ा। नतीजा यह हुआ कि हत्यारे अदालत से बरी हो गए। अब राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंपा है। लेकिन सीबीआई की  जांच 15 साल के लंबे वक्त की वजह से कुछ कानूनी अड़चनों में फंसकर रह गई है।
श्रीमती कौशल्या शिकायत भरे लहजे में कहती हैं, ''सरकार ने इस मामले में एक अच्छा कदम उठाया था। मामला सीबीआई को सौंपा था लेकिन सीबीआई मामले की जांच करने से कतरा रही है।'' ताजा गतिविधियों से मास्टर के भाई शांताकुमार को उम्मीद है कि सीबीआई जांच होगी और हत्यारों को सजा मिलेगी। 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

25 साल पहले किया था सरकार के साथ फ्रॉड , अमेरिका में हुई अरेस्ट; अब CBI लायेगी भारत

Representational Image

महिलाओं पर Taliban के अत्याचार अब बर्दाश्त से बाहर, ICC ने जारी किए वारंट, शीर्ष कमांडर अखुंदजदा पर भी शिकंजा

एबीवीपी का 77वां स्थापना दिवस: पूर्वोत्तर भारत में ABVP

प्रतीकात्मक तस्वीर

रामनगर में दोबारा सर्वे में 17 अवैध मदरसे मिले, धामी सरकार के आदेश पर सभी सील

प्रतीकात्मक तस्वीर

मुस्लिम युवक ने हनुमान चालीसा पढ़कर हिंदू लड़की को फंसाया, फिर बनाने लगा इस्लाम कबूलने का दबाव

प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में भारी बारिश का आसार, 124 सड़कें बंद, येलो अलर्ट जारी

हिंदू ट्रस्ट में काम, चर्च में प्रार्थना, TTD अधिकारी निलंबित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies