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* महाराष्ट्र के मुंब्रा की रहने वाली इशरतजहां लश्करे तोएबा से जुड़ी थी।
* उसे फिदायन हमले के लिए तैयार किया गया था।
* 15 जून, 2004 को वारदात को अंजाम देने निकली इशरत और उसके तीन साथी मुठभेड़ में मारे गए।
* इसमें मारे गए जावेद शेख को इशरत का ब्वॉयफ्रेंड बताया गया था, जो कि नकली नोटों की तस्करी में भी लिप्त था।
* इनसे कुछ कागजात और पाकिस्तानी हथियार भी बरामद हुए थे।
* इनके साथ मारे गए अमजद और जीशान की लाश को लेने के लिए किसी की ओर से कोई दावा भी नहीं किया।
पाकिस्तान स्थित आतंकी गुट लश्करे तोएबा ने 14 जुलाई 2004 को साफ कहा था कि अमदाबाद में पुलिस के हाथों मारी गई इशरत जहां गुट की महिला सदस्य थी। लाहौर के गजवा टाइम्स में छपी एक खबर में लश्कर ने कहा, ''भारतीय पुलिस ने लश्करे तोयबा की कार्यकर्ता इशरत जहां का पर्दा हटा दिया और उसके शरीर को दूसरे मुजाहिदीनों (आतंकियों) के साथ सड़क पर रख दिया गया था।'' जमात उल दावा की वेबसाइट में छपी रिपोर्ट में था कि ''इशरत अपने पति के साथ कार में पिछली सीट पर बैठी थी।''
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