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प्रो कुश्ती लीग की इसी वर्ष हुई शुरुआत
हॉकी में 33 वर्षों बाद पुरुष टीम ने वर्ल्ड लीग में जीता कांस्य पदक
भारत खेलों में हर दिशा में आगे बढ़ रहा है। देश के खिलाड़ी आए-दिन नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। क्रिकेट मैच में आईपीएल की तर्ज पर 'प्रो कुश्ती लीग' की वर्ष 2015 में शुरुआत हुई और जैसे एक नया जोश पैदा हुआ। इससे पहलवानों का उत्साहवर्द्धन हुआ और कुश्ती के प्रति युवाओं का रुझान काफी तेजी से बढ़ा। 9 से 27 दिसम्बर तक आयोजित 'प्रो कुश्ती लीग' में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मुंबई और बेंगलुरू की टीमों की ओर से विभिन्न पहलवानों ने दमदार प्रदर्शन किया। इसके बाद से चंदगीराम के अखाड़े में नए पहलवान उतरने लगे तो दूसरे अखाड़ों में भी रौनक लौट आई है। मलखंभ और कबड्डी के प्रति नया रुझान दिख रहा है। 'प्रो कुश्ती लीग' की शुरुआत यानी देश के गांवों से युवा पहलवानों को निखरने का अवसर। वहीं गत अक्तूबर माह में ही जम्मू और कटरा में देसी अंदाज में अखाड़े की कुश्ती का आयोजन करवाया गया। इसमें उज्बेकिस्तान, यूक्रेन और इंग्लैंड के पहलवानों ने अपना प्रदर्शन किया। इसी तरह गत दिसम्बर माह में ही कबड्डी में अमरीका, कनाडा और इंग्लैंड से आए खिलाडि़यों ने आयोजित प्रतियोगिता में भाग लिया, ये सभी खिलाड़ी भारतीय मूल के हैं, लेकिन वे विदेश में कबड्डी को खूब बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं मलखंभ के भारतीय प्रशिक्षकों को लेकर अमरीका और जर्मनी में भी खासी मांग बढ़ रही है। भारतीय हॉकी के लिए यह वर्ष काफी बेहतरीन रहा।
पुरुष टीम ने हॉकी वर्ल्ड लीग में कांस्य पदक प्राप्त किया। रायपुर में हुए सेमिफाइनल में भारत ने बेल्जियम को पराजित किया। इस तरह भारत ने करीब 33 वर्ष बाद प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पदक प्राप्त किया। भारतीय महिला हॉकी टीम ने भी तीन दशक बाद ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया। लॉन टेनिस में 2015 भारत के लिए सुनहरा वर्ष साबित हुआ। सानिया मिर्जा ने मार्च में मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाकर इंडियन वेल्स के रूप में वर्ष का पहला खिताब जीता और महिला युगल गैं्रड स्लैम जीतने वाली वे पहली भारतीय बनीं, चार्ल्सटन में सत्र की लगातार तीसरी जीत दर्ज करने के बाद सानिया युगल रैंकिंग पर शीर्ष पर चली गईं। सानिया महिला विश्व युगल चैम्पियन का पुरस्कार जीतने में भी सफल रहीं। वहीं बैडमिंटन में साइना नेहवाल ने पहली बार इंडियन ओपन सुपर सीरीज पुरस्कार जीता और वे विश्व में पहले नंबर पर पहंुच गईं। वहीं इस साल मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने पेशेवर मुक्केबाजी की शुरुआत करते हुए लगातार तीन मुकाबले जीते। विजेंदर के पेशेवर मुक्केबाजी में प्रवेश करने से दूसरे मुक्केबाजों में जोश उमड़ा है। क्रिकेट की बात करें तो विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने दक्षिण अफ्रीका को चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 3-0 से हराकर अपनी जीत का परचम लहरा दिया।
वर्ष 2015 में योग को खेल के रूप में मान्यता प्रदान करने का भी निर्णय लिया गया और इसे प्राथमिकता श्रेणी में रखा जाएगा। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेताओं और उनके कोच को दी जाने वाली राशि मेें भी संशोधन किया है। ओलंपिक खेलों के पदक विजेताओं को दी जाने वाली राशि में स्वर्ण पदक विजेता को 50 लाख रुपए से बढ़ाकर 75 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 30 लाख रुपए से बढ़ाकर 50 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेताआंे को दी जाने वाली राशि 20 लाख रुपए से बढ़ाकर 30 लाख रुपए कर दी गई। इसी तरह एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलांे के पदक विजेताआंे क ी स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक की राशि क्रमश: 20-10-6 लाख रुपए से बढ़ाकर 30-20-10 लाख रुपए कर दी गई। ल्ल
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