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ईसवीं सन् 2015 पर भारतीय दृष्टिकोण से नजर डाली जाए तो स्पष्ट हो जाता है कि भारत में कई क्षेत्रों में नई पहल हुई है, कई अनूठे कार्यों की शुरुआत हुई है यानी कई मायनों में भारत आगे बढ़ा है। बीते साल की शुरुआत यानी जनवरी में मुम्बई में विज्ञान कांग्रेस हुई, जिसमें 100 वर्ष बाद भारतीय ज्ञान-परम्परा के अध्ययन पर जोर दिया गया। चढ़ते साल के साथ सरकारी कामकाज में चुस्ती आती गई। भारत को आज दुनिया एक नई नजर से देख रही है। यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं थी कि संयुक्त राष्ट्र संघ के 177 सदस्य देशों ने 21 जून को विश्व योग दिवस मनाया। इनमें 43 मुस्लिम देश भी थे। आगामी 19 और 20 फरवरी को दुबई में दो दिवसीय योग महोत्सव होने वाला है। आबूधाबी में हिन्दू मन्दिर बनने की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हंै। साल के अन्तिम दिन आई इस खबर से भी विश्व में भारत की बढ़ती साख का अंदाजा लगाया जा सकता है कि कतर आधी कीमत पर भारत को गैस बेचने के लिए तैयार हो गया है। देशवासियों में स्वदेशी वस्तुओं के प्रति रुझान बढ़ा है।
ऐसे कितने ही क्षेत्र हैं जहां नई उम्मीदें जगी हैं। प्रस्तुत है इन सबके धारदार विश्लेषण से सजा यह विशेष आयोजन।
प्रस्तुति : टीम पाञ्चजन्य
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