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आतंकवादी संगठन आईएसआईएस पश्चिम बंगाल के उत्तर बंग क्षेत्र में अपने पांव पसारने लगा है। सिलीगुड़ी में आतंकवादी अपनी पैठ बना यहां बैठे-बैठे बंगलादेश और नेपाल से संपर्क स्थापित करना चाहते हैं। सिलीगुड़ी कॉरिडोर का इस्तेमाल कर आईएसआईएस के आतंकवादी बंगलादेश और नेपाल जाना चाहते हैं। पता चला है कि स्थानीय युवाआंे को आतंकवाद का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक आईएसआईएस के दो एजेंटों ने सिलीगुड़ी में कई महीनों से अपनी मुहिम छेड़ रखी है। खुफिया विभाग और केन्द्र सरकार की अन्य जांच एजेंसियों द्वारा दी गई इस पुख्ता सूचना के बाद से खलबली मच गई है। इस संबंध में सिलीगुड़ी पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। पूछे जाने पर उत्तर बंग परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक ज्ञानबर्त सिंह ने कहा कि इस प्रकार की उनके पास कोई सूचना नहीं है कि आतंकवादी सिलीगुड़ी कॉरिडोर का सुरक्षित मार्ग के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
सिलीगुड़ी से नेपाल, भूटान और बंगलादेश की सीमा निकट होने के कारण आतंकवादियों के लिए भारत से वहां आना-जाना कोई मुश्किल काम नहीं है। सिलीगुड़ी का व्यस्ततम हाशमी चौक, वीनस होटल काफी भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। सूचना है कि यहां पर दो एजेंट पिछले कुछ समय से सक्रिय हैं। सिलीगुड़ी को केन्द्र बनाकर ये दोनों युवाओं को बहला-फुसलाकर नेपाल और म्यांमार में प्रशिक्षण के लिए भेज रहे हैं। उधर बंगलादेश में बैठे आईएसआईएस के आतंकवादियों को नेपाल भेज दिया गया था जिससे वे दूसरे लोगों को आतंकी प्रशिक्षण दे सकें। इसी तरह वे बहके युवकों को यहां से म्यांमार भी भेजना
चाहते हैं।
खुफिया विभाग की मानें तो ये एजेंट सप्ताह में एक बार दो से तीन जिलों में भ्रमण कर चाय बागान में काम करने वाले मजदूरों, युवकों और 'कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन' से जुड़े लोगों को रुपयों का लालच देकर आईएसआईएस मंे भर्ती करवाना चाहते हैं। हाल ही में बंगलादेश से आए परिवारों को स्थायी पुनर्वास का लालच देकर उनके युवा बच्चों को आतंकी प्रशिक्षण के लिए म्यांमार भेजा जा रहा है। सिलीगुड़ी में बैठकर ही आतंकवादी म्यांमार और बंगलादेश से संबंध स्थापित कर रहे हैं।
बंगलादेश में आईएसआईएस का काफी प्रभाव है। यहां से प्रशिक्षित आतंकवादियों को सिलीगुड़ी के एजेंटों के सुपुर्द कर दिया जाता है। फिर सिलीगुड़ी में बैठे एजेंट इन्हें नेपाल भेजते हैं। इनसे प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद युवा लोग जिहाद में शामिल हो जाते हैं। खुफिया सूत्रों की मानें तो इन दोनों एजेंटों के नाम और नंबर मिल चुके हैं और इनकी सरगर्मी से तलाश जारी है। ल्ल बासुदेब पाल
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