|
रत्तेवाल (नवांशहर)। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि देश का उत्थान और पतन अध्यापकों के हाथ में है। अगर अध्यापक संस्कारित विद्यार्थियों को राष्ट्र को समर्पित करते हंै तो उससे राष्ट्र का उत्थान होता है और अगर यही काम उलट हो तो देश का पतन होता है। आचार्य देवव्रत यहां संत भूरीवालों के आश्रम में सर्वहितकारी शिक्षा समिति की ओर से लाला लाजपतराय की 150 वीं जयंती पर प्रांत स्तरीय आचार्य सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत में गुरुकुल की परंपरा रही है अर्थात विद्यार्थी गुरु के कुल में शामिल हो मानवता के कल्याण के बारे में सोचता है। इस अवसर पर विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री दिलीप कुमार, सह-संगठन मंत्री श्री काशिपति और स्वामी रामतीर्थ जी ने भी अपने विचार रखे। इससे पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने यहां भूरीवाले संप्रदाय के आश्रम में सर्वहितकारी शिक्षा समिति के कौशल विकास केंद्र का शिलान्यास किया। इसके बारे में सर्वहितकारी शिक्षा समिति के संगठन मंत्री श्री विजय सिंह नड्डा ने बताया कि इस केंद्र में राज्य के इस उपेक्षित स्थान के युवाओं को विभिन्न कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान कर सकें और दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने को योग्य बनें। तीन दिन चले आचार्य सम्मेलन में प्रदेश के 123 विद्यालयों से आए 2000 अध्यापक, अध्यापिकाओं ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को 36 विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों ने अध्यापकों के समक्ष वर्तमान चुनौतियां, शिक्षा और शिक्षण को रोचक बनाने, संस्कार आधारित आधुनिक शिक्षा पद्धति का निर्माण करने, विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान निकालने, उसे आसान तरीके से पढ़ाने, मूल्य आधारित शिक्षा देने आदि विषयों पर गहन चर्चा की गई। ल्ल राकेश सैन
असहिष्णुता केवल दिखावा है
रत्तेवाल (नवांशहर)। हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा है कि देश का उत्थान और पतन अध्यापकों के हाथ में है। अगर अध्यापक संस्कारित विद्यार्थियों को राष्ट्र को समर्पित करते हंै तो उससे राष्ट्र का उत्थान होता है और अगर यही काम उलट हो तो देश का पतन होता है। आचार्य देवव्रत यहां संत भूरीवालों के आश्रम में सर्वहितकारी शिक्षा समिति की ओर से लाला लाजपतराय की 150 वीं जयंती पर प्रांत स्तरीय आचार्य सम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत में गुरुकुल की परंपरा रही है अर्थात विद्यार्थी गुरु के कुल में शामिल हो मानवता के कल्याण के बारे में सोचता है। इस अवसर पर विद्या भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री श्री दिलीप कुमार, सह-संगठन मंत्री श्री काशिपति और स्वामी रामतीर्थ जी ने भी अपने विचार रखे। इससे पूर्व राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने यहां भूरीवाले संप्रदाय के आश्रम में सर्वहितकारी शिक्षा समिति के कौशल विकास केंद्र का शिलान्यास किया। इसके बारे में सर्वहितकारी शिक्षा समिति के संगठन मंत्री श्री विजय सिंह नड्डा ने बताया कि इस केंद्र में राज्य के इस उपेक्षित स्थान के युवाओं को विभिन्न कामों का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे स्वरोजगार को अपनाकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान कर सकें और दुनिया में प्रतिस्पर्धा करने को योग्य बनें। तीन दिन चले आचार्य सम्मेलन में प्रदेश के 123 विद्यालयों से आए 2000 अध्यापक, अध्यापिकाओं ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन को 36 विभिन्न क्षेत्रों के विद्वानों ने अध्यापकों के समक्ष वर्तमान चुनौतियां, शिक्षा और शिक्षण को रोचक बनाने, संस्कार आधारित आधुनिक शिक्षा पद्धति का निर्माण करने, विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान निकालने, उसे आसान तरीके से पढ़ाने, मूल्य आधारित शिक्षा देने आदि विषयों पर गहन चर्चा की गई। ल्ल राकेश सैन
मेरठ। अंग्रेजों ने भारत की संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज वनवासी कल्याण आश्रम सेवा प्रकल्पों द्वारा उसी संस्कृति का बचाने के लिए लोककला, संस्कार और खेल केन्द्रों के माध्यम से वनवासी समाज के कल्याण मेें तन, मन और धन से लगा हुआ है। ये विचार वनवासी सेवा प्रकल्प संस्थान की अखिल भारतीय महिला प्रमुख श्रीमती माधवी जोशी ने सोमवार को मेरठ के शंकर आश्रम में हुई एक विचार गोष्ठी में रखे। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुजफ्फरनगर के पूर्व जिला जज से एस के भट्ट ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के समापन पर कार्यक्रम के अध्यक्ष वी पी त्यागी ने सभी का धन्यवाद किया और इस पुनीत कार्य में अधिक से अधिक सहयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डालचन्द, मदनलाल, अनिल कुमार, भंवर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
ल्ल प्रतिनिधि
वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा गोष्ठी का आयोजन
मेरठ। अंग्रेजों ने भारत की संस्कृति को नष्ट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज वनवासी कल्याण आश्रम सेवा प्रकल्पों द्वारा उसी संस्कृति का बचाने के लिए लोककला, संस्कार और खेल केन्द्रों के माध्यम से वनवासी समाज के कल्याण मेें तन, मन और धन से लगा हुआ है। ये विचार वनवासी सेवा प्रकल्प संस्थान की अखिल भारतीय महिला प्रमुख श्रीमती माधवी जोशी ने सोमवार को मेरठ के शंकर आश्रम में हुई एक विचार गोष्ठी में रखे। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे मुजफ्फरनगर के पूर्व जिला जज से एस के भट्ट ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम के समापन पर कार्यक्रम के अध्यक्ष वी पी त्यागी ने सभी का धन्यवाद किया और इस पुनीत कार्य में अधिक से अधिक सहयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डालचन्द, मदनलाल, अनिल कुमार, भंवर सिंह आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
ल्ल प्रतिनिधि
टिप्पणियाँ