|
गत दिनों भारतीय धरोहर द्वारा ठेंगड़ी भवन, नई दिल्ली में कूटनीति और अर्थशास्त्र के प्रणेता चाणक्य के चरित्र पर केंद्रित एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विजयशंकर तिवारी द्वारा लिखित चाणक्य के चरित्र पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने किया। इस अवसर पर डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि चाणक्य परिवर्तनगामी क्रान्तिकारी पुरुष थे। उन्होंने केवल एक राजवंश का ही खात्मा नहीं किया अपितु देश विभाजक, समाजतोड़क और विध्वंस के पर्याय नदंवंश को समाप्त किया। देश की एकात्मकता के लिए जो संकट उपस्थित था उसका समाधान चाणक्य जैसा क्रान्तिदर्शी ही कर सकता था और बिना वैचारिक अधिष्ठान के यह संभव नहीं था। इस देश में समय-समय पर उस अधिष्ठान से महापुरुष निकले हैं। मुख्यवक्ता के रूप में शीर्ष चिन्तक प्रो. लल्लन प्रसाद ने कहा कि चाणक्य ऐतिहासिक, राजनीतिक और वैचारिक दृष्टि से अद्वितीय थे। उन्होंने अपने लिए जीवन में कुछ भी नहीं किया बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए सब कुछ किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र बरतरिया, प्रो. आनंद वर्धन, प्रवीण कपूर, डॉ. कृष्णचन्द्र पांडे और ज्योति नारायण ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन रविशंकर ने किया।
रक्तदान देता जीवनदान
अयोध्या के कारसेवकों की याद में 1 नवंबर को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने नई दिल्ली के नेहरू नगर व बदरपुर में आयोजित रक्तदान शिविरों सहित प्रान्त में अनेक स्थानों पर रक्तदान किया। विहिप के प्रान्त संगठन मंत्री डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि दुनिया में 5 करोड़ व भारत में 80 लाख यूनिट रक्त की आवश्यकता है। सड़क दुर्घटनाओं, आपरेशन तथा कैंसर जैसी बीमारियों के कारण रक्त की मांग निरन्तर बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए बजरंग दल सेवा कार्य में लगा हुआ है। कार्यक्रम में विहिप के केंद्रीय मंत्री श्री हरि शंकर, प्रवक्ता श्री विनोद बंसल विभाग कार्याध्यक्ष श्री महेश शर्मा सहित बजरंग दल, मातृशक्ति व दुर्गावाहिनी से जुड़े सैकड़ों पुरुष व महिला कार्यकर्ताओं ने रक्तदान किया। प्रतिनिधि
रक्तदान संपन्न
बजरंग दल ने जयपुर में हुतात्मा दिवस पर विभिन्न स्थानों पर रक्तदान किया। विहिप के प्रान्त मीडिया प्रभारी रविन्द्र शर्मा ने कहा कि 2 नवम्बर,1990 को तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने राम मंदिर निर्माण हेतु निहत्थे कारसेवकों को बड़ी ही निर्ममता से भूना था। इस दिन को बजरंग दल हुतात्मा दिवस के रूप में मनाकर रक्तदान का कार्यक्रम करता है। प्रतिनिधि
सांसद तरुण विजय सम्मानित
कोलंबो ( श्रीलंका) उत्तराखंड से राज्यसभा सांसद श्री तरुण विजय को श्रीलंका के प्रभावशाली केंद्रीय प्रान्त के कैबिनेट मंत्री श्री एम. रामेश्वरन ने एक विराट तमिल भाषा साहित्य सम्मेलन में तमिल साहित्य सेवा सम्मान से अलंकृत किया। श्रीलंका सरकार द्वारा तमिल के लिए सम्मानित होने वाले श्री तरुण विजय पहले उत्तर भारतीय एवं हिन्दी भाषी सांसद हैं। कोलंबो के निकट कैंडी में हुए इस सम्मेलन में श्रीलंका के प्रसिद्ध तमिल साहित्यकार एवं अनेक मंत्री भी शामिल हुए। प्रतिनिधि
'सनातन संस्कृति से ऊर्जित है भारत'
गत 1 नवंबर को लखनऊ के निरालानगर सभागार में राष्ट्रधर्म पत्रिका द्वारा पं दीनदयाल उपाध्याय चिन्तन विशेषांक का विमोचन केन्द्र सरकार के लघु उद्योग मंत्री श्री कलराज मिश्र एव केन्द्रीय विश्वविद्यालय, धर्मशाला के कुलपति डॉ. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री ने संयुक्त रूप से किया। केन्द्रीय मंत्री कलराज मिश्र ने कहा कि भारत की पहचान भारतीयता के कारण है। यह संस्कृति आधुनिकता व विरासत के साथ सकारात्मक ऊर्जा को लेकर निरन्तर चलायमान है। भारत की संस्कृति में आधुनिकता व धार्मिकता का समुचित समन्वय विद्यमान है।
श्री मिश्र ने पुरस्कार वापसी पर कहा कि जो पुरस्कार लौटा रहे हैं, उन्हें अब लगने लगा है कि पं़ दीनदयाल उपाध्याय का स्वप्न साकार करने वाली सरकार सत्ता में बैठी है। इसी कारण ये सभी लोग परेशान हैं। इस मौके पर डॉ. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान मंे भारत में दो अवधारणाओं की लड़ाई चल रही है। जो पुरस्कार लौटा रहे हैं वे भारत को आयातित विकास मॉडल को आधार बनाकर आगे बढ़ाना चाहते हैं। दूसरा पक्ष वह है, जो भारतीय संस्कृति व गौरवशाली अतीत को आधार बनाकर भारत को विकसित ही नहींं विश्वगुरु बनाना चाहता है। जो पुरस्कार लौटा रहे हैं वे भारत की संस्कृति को नष्ट करना चाहते हैं। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रधर्म के प्रबंधक पवनपुत्र बादल तथा आभार ज्ञापन सम्पादक आनन्द मिश्र 'अभय' व आनन्द मोहन चौधरी ने किया। इस मौके पर मिथिलेश कुमार, प्रशान्त भाटिया समेत अनेक गणमान्य लोगों की गरिमामय उपस्थिति रही। प्रतिनिधि
विचार गोष्ठी का आयोजन
उत्तरांचल उत्थान परिषद द्वारा देहरादून में राज्य के विकास पर केन्द्रित एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। इसमें पिछले 15 वर्षों में राज्य में हुए विकास एवं भावी संभावनाओं पर चर्चा की गई। सामाजिक कार्यकर्ता अरविन्द पुरोहित, डॉ. विनोद बछेती, शिवराज सिंह रावत, अंजलि शर्मा, जगत सिंह जंगली व रमेश सेमवाल ने विभिन्न सत्रों में अपने विचार रखे। राज्य के उत्थान को लेकर इससे पूर्व परिषद की और से चमोली और ऋषिकेश में भी ऐसी गोष्ठी का आयोजन किया जा चुका है। प्रतिनिधि
प्रेरणादायी है चाणक्य का चरित्र
गत दिनों भारतीय धरोहर द्वारा ठेंगड़ी भवन, नई दिल्ली में कूटनीति और अर्थशास्त्र के प्रणेता चाणक्य के चरित्र पर केंद्रित एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विजयशंकर तिवारी द्वारा लिखित चाणक्य के चरित्र पर आधारित पुस्तक का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने किया। इस अवसर पर डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि चाणक्य परिवर्तनगामी क्रान्तिकारी पुरुष थे। उन्होंने केवल एक राजवंश का ही खात्मा नहीं किया अपितु देश विभाजक, समाजतोड़क और विध्वंस के पर्याय नदंवंश को समाप्त किया। देश की एकात्मकता के लिए जो संकट उपस्थित था उसका समाधान चाणक्य जैसा क्रान्तिदर्शी ही कर सकता था और बिना वैचारिक अधिष्ठान के यह संभव नहीं था। इस देश में समय-समय पर उस अधिष्ठान से महापुरुष निकले हैं। मुख्यवक्ता के रूप में शीर्ष चिन्तक प्रो. लल्लन प्रसाद ने कहा कि चाणक्य ऐतिहासिक, राजनीतिक और वैचारिक दृष्टि से अद्वितीय थे। उन्होंने अपने लिए जीवन में कुछ भी नहीं किया बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए सब कुछ किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेन्द्र बरतरिया, प्रो. आनंद वर्धन, प्रवीण कपूर, डॉ. कृष्णचन्द्र पांडे और ज्योति नारायण ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन रविशंकर ने किया।
टिप्पणियाँ