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बून्दी (राजस्थान) में महाकवि सूर्यमल्ल की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। भारत शिक्षण मंडल की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार गणेश गौतम ने कहा कि सूर्यमल्ल के साहित्य में बादल की गर्जना है। यह वीरता से भरा प्रेरणा देने वाला साहित्य है। उन्होंने बताया कि सूर्यमल्ल ने 10 वर्ष की आयु में ही 'रामरंजाट' पुस्तक लिखकर अपनी प्रतिभा जगजाहिर कर दी थी। उनके द्वारा रचित 'वंश भास्कर' व 'वीर सतसई' ने साहित्य जगत में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।
मुख्य अतिथि भारतीय शिक्षण मण्डल के राष्ट्रीय महामंत्री चतुर्भुज महावर ने भारतीय संस्कृति व गौरवशाली इतिहास पर प्रकाश डाला। भारतीय शिक्षण मंडल के जिला अध्यक्ष गोपाल लाल अजमेरा ने कहा कि महाकवि की 200 वीं जयंती पर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। -प्रतिनिधि
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