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नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले पं़ दीनदयाल उपाध्याय की जन्मभूमि दीनदयालधाम (मथुरा) की छटा पिछले दिनों निराली रही। यहां आयोजित पं़ दीनदयाल उपाध्याय जन्मोत्सव मेला से पूरे क्षेत्र में चहल-पहल रही। वातावरण यज्ञ से निकलने वाली खुशबू से महक रहा था, तो रंगोली के रंगों से धरा निखरी हुई थी। प्रश्नों के सजे मंच से ज्ञान की सरस्वती प्रवाहित हो रही थी।
कुश्ती के दंगल में पहलवान दांव के साथ पेच लगाकर विरोधी को जहां चित्त कर रहे थे, वहीं विजयी होने पर तालियां भी बटोर रहे थे। प्रदर्शनी स्थल पर गोबर से लीपे गए स्थान पर सजाई गई रंगोलियों से संस्कार और संस्कृति के संदेश निकले। 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ', 'यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराओ' जैसे प्रेरणा देने वाले वाक्यों और सजाई गई रंगोलियों को देखकर लोग दंग रह गए। कनिष्ठ और वरिष्ठ वगार्ें में हुई रंगोली प्रतियोगिता में 113 बालिकाओं ने अपनी कला का हुनर दिखाया। प्रतियोगिता का शुभारंभ आगरा की पूर्व महापौर अंजुला माहौर ने किया। अध्यक्षता मातृ मंडल, गाजियाबाद की पदाधिकारी सुश्री नंदा ने और संचालन कमलेश चौहान ने किया।
कुश्ती कला के बेजोड़ नमूनों का भी यहां प्रदर्शन हुआ। दंगल का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष अनूप चौधरी ने हनुमान जी के चित्र के समक्ष नारियल फोड़कर किया। लोग महिला पहलवानों के दांव-पेचों को देखकर भी चकित रह गए। तीन दिवसीय इस आयोजन से पूरे क्षेत्र में एक उत्साह का माहौल देखा गया। -प्रतिनिधि
यज्ञ से महका और रंगों से खिला
नर सेवा को नारायण सेवा मानने वाले पं़ दीनदयाल उपाध्याय की जन्मभूमि दीनदयालधाम (मथुरा) की छटा पिछले दिनों निराली रही। यहां आयोजित पं़ दीनदयाल उपाध्याय जन्मोत्सव मेला से पूरे क्षेत्र में चहल-पहल रही। वातावरण यज्ञ से निकलने वाली खुशबू से महक रहा था, तो रंगोली के रंगों से धरा निखरी हुई थी। प्रश्नों के सजे मंच से ज्ञान की सरस्वती प्रवाहित हो
रही थी।
कुश्ती के दंगल में पहलवान दांव के साथ पेच लगाकर विरोधी को जहां चित्त कर रहे थे, वहीं विजयी होने पर तालियां भी बटोर रहे थे। प्रदर्शनी स्थल पर गोबर से लीपे गए स्थान पर सजाई गई रंगोलियों से संस्कार और संस्कृति के संदेश निकले। 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ', 'यमुना को प्रदूषण से मुक्त कराओ' जैसे प्रेरणा देने वाले वाक्यों और सजाई गई रंगोलियों को देखकर लोग दंग रह गए। कनिष्ठ और वरिष्ठ वगार्ें में हुई रंगोली प्रतियोगिता में 113 बालिकाओं ने अपनी कला का हुनर दिखाया। प्रतियोगिता का शुभारंभ आगरा की पूर्व महापौर अंजुला माहौर ने किया। अध्यक्षता मातृ मंडल, गाजियाबाद की पदाधिकारी सुश्री नंदा ने और संचालन कमलेश चौहान ने किया।
कुश्ती कला के बेजोड़ नमूनों का भी यहां प्रदर्शन हुआ। दंगल का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष अनूप चौधरी ने हनुमान जी के चित्र के समक्ष नारियल फोड़कर किया। लोग महिला पहलवानों के दांव-पेचों को देखकर भी चकित रह गए। तीन दिवसीय इस आयोजन से पूरे क्षेत्र में एक उत्साह का माहौल देखा गया। -प्रतिनिधि
गुरु और छात्रों का अभिनन्दन
गत दिनों दक्षिणी दिल्ली स्थित सेवा विद्या मन्दिर, दक्षिणपुरी में गुरु वन्दन और छात्र अभिनन्दन कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर प्रधानाचार्या और चार शिक्षिकाओं को सम्मानित और 25 बच्चों का अभिनन्दन किया गया। उल्लेखनीय है कि इस विद्यालय का संचालन सेवा भारती दिल्ली प्रदेश की ओर से हो रहा है। इसमें दक्षिणपुरी और आसपास के निर्धन वर्ग के बच्चे नि:शुल्क पढ़ते हैं। कार्यक्रम का आयोजन भारत विकास परिषद्, ग्रेटर कैलाश शाखा ने किया था। इसी तरह का एक अन्य कार्यक्रम केशव विद्या मन्दिर, दक्षिणपुरी विस्तार में भी आयोजित हुआ। इस अवसर पर शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया और छात्रों को पुरस्कृत। यहां भी निर्धन वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। इसका आयोजन भारत विकास परिषद्, अलकनन्दा शाखा ने किया था। परिषद् के पदाधिकारियों ने विद्यालय की स्वच्छता, सुन्दरता, बच्चों की वेश-भूषा और प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की। बता दें कि दक्षिणपुरी और दक्षिणपुरी विस्तार पुनर्वास कॉलोनियां हैं। घनी आबादी के बीच शिक्षण संस्थानों की घोर कमी है। सेवा भारती के कार्यकर्ता इन विद्यालयों के जरिए बच्चों को प्राथमिक शिक्षा देते हैं और इसके बाद उन्हें सरकारी विद्यालयों में दाखिला दिलाते हैं। इन बच्चों के माता-पिता के पास इतना समय नहीं होता है कि वे बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दे सकें। उनका समय दो जून की रोटी जुटाने में ही बीत जाता है। -प्रतिनिधि
जागरूकता ही एकमात्र बचाव
देहरादून स्थित नारायण मुनि सरस्वती शिशु मन्दिर में 10 अक्तूबर को 'किशोरियों के विकास में महिलाओं का योगदान' विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी की मुख्य वक्ता डॉ़ अंजना वाही ने कहा कि आएदिन कोई न कोई महिला बलात्कार, छेड़खानी जैसी हरकतों की शिकार बन रही है। ऐसे में महिलाओं को जागरूक करना जरूरी है। उन्हें बताना चाहिए कि शरारती तत्वों के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि किशोरियां मोबाइल फोन और इंटरनेट का उपयोग करती हैं। देर रात तक फेसबुक तथा व्हाट्सएप पर बातचीत करती हैं। आज के दौर में इन चीजों का इस्तेमाल करना आवश्यक है, पर इसके साथ ही माता-पिता को यह भी देखना होगा कि कहीं उनकी लाडली किसी के झांसे में तो नहीं आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि माता-पिता अपनी बच्चियों को यह भी समझाएं कि देर रात तक किसी पार्टी में रहना ठीक नहीं है। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ़ रश्मि त्यागी रावत ने की। – प्रतिनिधि
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