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8 देहरादून। कोटद्वार में पत्थर लेकर जा रही एक ट्रैक्टर-ट्राली से एक मुसलमान को चोट लगने पर गुस्साए मुसलमानों ने ट्राली पर सवार हिन्दुओं की बेरहमी से न केवल पिटाई कर दी, बल्कि उन्हें अधमरा कर दिया। इसके बाद जब हिन्दू समाज ने आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की तो कांग्रेस सरकार के दबाव में पुलिस-प्रशासन भी ढुलमुल रवैया अपनाता रहा। पुलिस ने लगातार बढ़ते दबाव के बाद छह नामजद आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया जिनमें से अभी एक फरार चल रहा है।
इस घटना के बाद से उत्तराखंड में मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति कर रही कांग्रेस सरकार का चेहरा एक बार फिर से उजागर हो गया है। जानकारी के मुताबिक कोटद्वार में पत्थर-रोड़ी लेकर जा रही एक टै्रक्टर-ट्राली से कुछ सामान गिरकर एक मुसलमान दुकानदार को जा लगा। इसके बाद मुस्लिम परिवार ने पहले कहासुनी की और उसके बाद टै्रक्टर-ट्राली चालक समेत पांचों लोगों को बेरहमी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। स्वयं को अल्पसंख्यक बताने वाले मुसलमानों ने प्रजापति समाज के इन लोगों को जिस तरह से पीटा, वह अपने आप में किसी भयानक विभीषिका से कम नहीं है। यह मामला धीरे-धीरे तूल पकड़ता जा रहा है, लेकिन शासन की नीति इसे रोकने के बजाय और बढ़ाने की है। यह मुद्दा अब पूरे राज्य में फैल चुका है और घायलों को राहत दिलाने के लिए पूर्व विधायक शैलेन्द्र रावत इधर-उधर भटक रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के इशारे पर घायलों को अभी तक उचित लाभ नहीं मिल सका है। राजपाल, धर्मपाल, हेमराज और सूरज की हालज गंभीर बनी हुई है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन लोग वे हैं, जिन पर पुलिस ने न्याय की मांग करने पर लाठियां भांजी।
कोटद्वार में हुई सांप्रदायिक घटना यूं तो एक सामान्य घटना थी, लेकिन इस छोटी से घटना ने सांप्रदायिकता की आग फैला दी जिससे पूरा राज्य स्तब्ध है। उससे भी ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण वहां के जनप्रतिनिधि एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री की लापरवाही है, जिन्हें 11 बजे हुई घटना की जानकारी कथित रूप से 3 बजे मिली, लेकिन जानकारों की मानें तो उन्होंने आरोपियों के मुसलमान समुदाय से होने के कारण मामले को दबाने का प्रयास किया। पुलिस की हमदर्दी पीडि़तों से कम और आरोपियों के पक्ष में ज्यादा दिखाई दी। सरकार के इस पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण स्थिति दिन-प्रतिदिन और गंभीर हो रही है। इस संदर्भ में हिन्दू जागरण मंच और बजरंगदल द्वारा राज्य सरकार का पुतला फूंका गया। इस मामले में पुलिस की लापरवाही तथा दल विशेष की संरक्षण की नीति जिम्मेदार रही है। इसके पहले भाजपा लगातार अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाती रही है। भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल, राजकुमार ठुकराल तथा अरविन्द पाण्डेय को जिस तरह आरोपी बनाया गया है, वह बात भी चर्चाओं में हैं।
ल्ल मामूली चोट लगने पर मुसलमानों ने किया टै्रक्टर-ट्राली पर सवार पांच लोगों को अधमरा
ल्ल उत्तराखंड सरकार ने की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई, पीडि़तांे को किया अनदेखा
पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत का मानना है कि इस घटना के पीछे शासन-प्रशासन की लापरवाही तथा सत्तारूढ़ दल की मुसलमानों को संरक्षण देने की नीति रही है। पूर्व विधायक का कहना है कि रात 11 बजे के आसपास घटी इस घटना में रात 2 बजकर 30 मिनट तक रपट नहीं लिखी गई थी, जो स्वयं मिलीभगत को दर्शाती है। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने से जनता में भारी आक्रोश है। आरोपियों को पुलिस का संरक्षण मिलने के कारण जनता सड़कों पर उतर आई जिन पर 8 बार लाठीचार्ज किया गया। उनका कहना है कि उन्होंने जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से मामले को निपटाने और आरोपियों के गिरफ्तार करने का आग्रह किया, लेकिन वे भी ढिलाई बरतते रहे जिससे मामला और संवेदनशील होता गया। इस घटना के बाद से पूरे क्षेत्र में काफी तनाव है। पूर्व विधायक का आरोप है कि मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी नहीं चाहते कि आरोपी गिरफ्तार हों वरना यह मामला सुलझ गया होता।
वहीं नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट का कहना है कि इस सरकार को भ्रष्टाचार करने से ही फुर्सत नहीं है फिर वह कुछ और कैसे करेगी। इसीलिए वह भ्रष्टाचार की ओर से ध्यान हटाने के लिए सांप्रदायिक वारदातों को संरक्षण देती है। उनका कहना है कि इस घटना के लिए पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि मारपीट की घटना में सांप्रदायिक तूल देने के लिए पूरी तरह से पुलिस एवं जिला प्रशासन की लापरवाही जिम्मेदार है। ल्ल राम प्रताप मिश्र
आईएस के पोस्टर मिले
पश्चिम बंगाल के नदिया व मुर्शिदाबाद जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आईएसआईएस के पोस्टर मिले हैं। इसके बाद से गुप्तचर विभाग और सचेत हो गया है। पश्चिम बंगाल में जेएमबी के सहयोग से आईएसआईएस अपने पांव जमाना चाहता है। विशेषकर भारत से जुड़ी बंगलादेश की सीमा से जेएमबी के जरिये आईएसआईएस भारत में प्रवेश करना चाहता है।
जानकारी के मुताबिक पोस्टर मिलने के बाद से आईबी और सतर्क हो गई है, लेकिन राज्य सरकार का अभी भी ढुलमुल रवैया बना हुआ है। इन पोस्टर के माध्यम से मुसलमान युवकों से आईएसआईएस की मुहिम में शामिल होने की अपील की गई है। इसके लिए आतंकवादी भारत में प्रवेश के लिए बंगलादेश की सीमा से आना सबसे आसान मानते हैं। इसी रास्ते ये लोग पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में प्रवेश कर युवाओं को अपने साथ शामिल करना चाहते हैं। गौरतलब है कि गत वर्ष हुए बर्द्धमान विस्फोट में जेएमबी की भूमिका का खुलासा हुआ था। जेएमबी षड्यंत्र में विफल होने पर अब आईएसआईएस की मदद से भारत में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहता है। ल्ल प्रतिनिधि
ईसाई बनाते चार पकड़े
मध्य प्रदेश के भोपाल में एक गांव के लोगांे का कन्वर्जन करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि ये सभी भोले-भाले ग्रामीणों को बहला-फुसलाकर सुनियोजित तरीके से ईसाई बनाने में जुटे थे। गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान ईसाई प्रचारक स्टीफन राजकुमार, हरिलाल और अनिल के रूप में की गई है। हालांकि इन सभी को न्यायालय ने जमानत पर छोड़ भी दिया।
जानकारी के अनुसार मझगांव पुलिस ने कुछ महिलाओं की शिकायत पर मामला दर्ज किया था जिन्हें ईसाई बनाया गया था। इनका ईसाई मिशनरी के स्वास्थ्य केन्द्रों में कई रोगों से छुटकारा दिलाने के नाम पर कन्वर्जन कराया गया। थाना प्रभारी खेम सिंह के मुताबिक राजाराम साहू ने शिकायत कर आरोप लगाया था कि ईसाई मिशनरी एक विद्यालय में प्रार्थना कराने के नाम पर लोगों का कन्वर्जन कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी गास्पल इकोइंग मिशनरी सोसायटी से जुड़े हुए थे। इस संस्था के लोगों ने कन्वर्जन के आरोप को निराधार बताया है और कहा कि ये लोग ग्रामीणों की सेवा करते हैं।
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