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गत 24 सितम्बर को हिमाचल प्रदेश के कुल्लू स्थित देव सदन में कुल्लू के देव प्रतिनिधियों (कारदार, पुजारी तथा पुरोहितों) की संगोष्ठी आयोजित हुई। इसका आयोजन सत्संग सभा, कुल्लू ने किया था। इसमें कुल्लू जिले के लगभग 200 देव प्रतिनिधियों ने भाग लिया। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने सामाजिक समरसता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समाज यदि एकमत होकर चलेगा तो इससे सामाजिक एकता को बल मिलेगा। सबको मन्दिर में प्रवेश, पानी का साझा स्रोत तथा अंतिम संस्कार के लिए समान श्मशान स्थल की व्यवस्था हो। समाज के अंतिम व्यक्ति तक समरसता की अनुभूति हो इस ओर सबके प्रयास रहने चाहिए। यदि ऐसा नहीं हुआ तो समाज को तोड़ने वाली ताकतें अधिक प्रभावी होंगी। इसके लिए जाति-बिरादरी के प्रमुखों तथा संत समाज को अधिक प्रयत्न करने होंगे। समाज में सद्भाव बढ़ाने के लिए सभी सामाजिक, धार्मिक संगठनों को आपस में संवाद बढ़ाकर मिलकर प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा विचार तो एकात्मता का है, लेकिन यह हमारे आचरण में भी आना चाहिए। इसी में इसकी सार्थकता है। श्री भागवत ने कहा कि देव संस्कृति ही हिन्दू संस्कृति है। जब देव संस्कृति प्रभावी थी तब विश्व में युद्ध नहीं होते थे, पर्यावरण भी शुद्ध था। हमने अपनी संस्कृति को छोड़ा इसीलिए समस्याएं बढ़ीं। हमारी संस्कृति तो मानवता की भलाई के लिए काम करती है, इसमें कट्टरता के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि कन्वर्जन के कारण देश में ऐसे राष्ट्र विरोधी तत्व खड़े हो गए हैं, जो देश को हानि पहुंचा रहे हैं। उन्होंने आह्वान किया कि सभी मत-पंथ और सम्प्रदाय एकजुट होकर चलें, तभी भारत सुरक्षित रहेगा।
परिवार व्यवस्था में क्षरण और पारिवारिक मूल्यों में आ रही गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रत्येक परिवार को सप्ताह में एक बार सामूहिक भोजन व सामूहिक भजन करना चाहिए और विभिन्न विषयों पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए। बच्चों को अपनी संस्कृति का ज्ञान और गौरव बताएंगे तो वे कभी भटकेंगे नहीं और देश के अच्छे नागरिक बनेंगे। अपने उत्सवों का उपयोग समाज प्रबोधन के लिए करें।
इस अवसर पर देव प्रतिनिधियों ने भी परिचर्चा में भाग लिया और देव संस्कृति के संरक्षण के लिए अनेक उपयोगी सुझाव भी दिए।
सत्संग सभा के अध्यक्ष श्री राकेश कोहली ने सबका धन्यवाद किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य, उत्तर क्षेत्र कार्यवाह श्री सीताराम व्यास, प्रान्त संघचालक कर्नल (से़ नि़) रूपचंद, सह प्रान्त संघचालक डॉ. वीरसिंह रांगडा और जिला संघचालक श्री राजीव करीर भी उपस्थित थे। – प्रतिनिधि
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