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स्वदेशी जागरण मंच, दिल्ली का प्रांत सम्मेलन 26 अगस्त को सीलमपुर मेट्रो स्टेशन के पास आयोजित हुआ। 4 सत्रों में विभाजित इस सम्मेलन में वर्तमान वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में स्वदेशी की भूमिका, प्रकृति और स्वदेशी (जी. एम. फूड, पर्यावरण, जल, भूमि अधिग्रहण, कृषि) जैसे विषयों पर गहन चर्चा की गई। इस अवसर पर मंच के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रो़ अश्विनी महाजन ने कहा कि देश की सरकारें विदेशी कंपनियों के दबाव में उनके अनुसार काम करती हैं। हम उनका विरोध करते हैं। हमने कई बार देशहित में सरकार के निर्णय को बदलने के लिए मजबूर किया है।
राष्ट्रीय प्रचार प्रमुख प्रदीप दीपक ने कहा कि नासा की रपट के अनुसार आज विश्व में अधिकाधिक खाद के उपयोग से 175 करोड़ हेक्टेयर भूमि बंजर हो रही है। डीएपी खाद की वजह से प्रतिवर्ष 4़ 50 लाख लोग कैंसर से मर रहे हैं। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय की उप कुलपति डॉ. सुषमा यादव ने कहा कि अमरीका की नजर हमारी बौद्धिक सम्पदा पर है। वे छद्म तरीके से भारतीय संपदा का पेटेंट करा रहे हैं।
हमारे देश की परंपरा महान है। स्वदेशी की भावना का अर्थ है देशभक्ति। अंग्रेजी शिक्षा पद्धति ने देश का बहुत नुकसान किया है। मुझसे छात्र पूछते हैं कि किताबों में हमें अरस्तू, प्लूटो पढ़ाया जाता है, किन्तु हमारे देश के महापुरुष चाणक्य, चरक, आर्यभट्ट, वराहमिहिर, लीलावती को क्यों नहीं पढ़ाया जाता? बैठक में सभी वक्ताओं ने अनुरोध किया कि अपने घरों में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें, जिससे देश आर्थिक रूप से मजबूत होगा। कार्यक्रम में मंच के राष्ट्रीय संगठक श्री कश्मीरीलाल, उत्तर क्षेत्र के संगठक श्री सतीश कुमार सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।
जोधपुर में भी गत दिनों स्वदेशी जागरण मंच, जोधपुर प्रांत द्वारा 'भारतीय औद्योगिक विकास के लिए स्वदेशी अवधारणा' विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी में संघ के क्षेत्रीय संघचालक और स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय सह संयोजक डॉ़ भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि देश के उद्योगांे को बढ़ाने के लिए तकनीकी राष्ट्रवाद की आवश्यकता है। अमरीका, चीन इसी राष्ट्रवाद के कारण वैश्वीकरण के नेता हैं। स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय संगठक श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि नई-नई तकनीक को अपनाकर ही हम विश्व की एक मजबूत आर्थिक ताकत बन सकते हैं। सरकार का भी दायित्व है कि खुला वातावरण तथा शोध के लिए वास्तविक छूट प्रदान करे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डी.आर. डी.ओ. के पूर्व अध्यक्ष प्रो़ रामगोपाल ने कहा कि स्वदेशी, स्वावलंबी व स्वाभिमानी लोगों के द्वारा ही एक आदर्श देश का निर्माण होता है और मंच ऐसे ही लोगांे का समूह व संगठन है। संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि श्री रमेश गांधी ने बताया कि आज लघु और कुटीर उद्योगांे को बचाने की जरूरत है। -प्रतिनिधि
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